वर्ल्ड बैंक क्या है? | वर्ल्ड बैंक की स्थापना कब हुई इसका मुख्यालय कहाँ है व सीईओ कौन है? | World bank kya hai

|| र्ल्ड बैंक क्या है? | वर्ल्ड बैंक की स्थापना कब हुई | World bank kya hai | World bank simple definition in Hindi | World bank ki sthapna kab hui thi | वर्ल्ड बैंक का पैरेंट ग्रुप क्या है? | वर्ल्ड बैंक के उद्देश्य | World bank purpose in Hindi | वर्ल्ड बैंक में वोटिंग पॉवर | World bank me voting power ||

World Bank kya hai :- जब भी किसी विकासशील देश या विकसित देश को किसी तरह के ऋण की आवश्यकता होती है या उसे अपने देश में कार्य करवाने के लिए पैसों की जरुरत पड़ती है तो उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऋण देने या पैसे देने का काम वर्ल्ड बैंक के द्वारा ही किया जाता (World bank in Hindi) है। जिस प्रकार हमारे देश में कई तरह के बैंक होते हैं जो आम नागरिकों को लोन देने का काम करते हैं और उन्हें राष्ट्रीय संस्था या रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया के जरिये निर्देशित किया जाता है। तो वही काम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वर्ल्ड बैंक के द्वारा किया जाता है।

ऐसे में संपूर्ण विश्व में वर्ल्ड बैंक की भूमिका को आप जान ही गए होंगे और यह कितना महत्व रखता है, इसके बारे में भी जान गए होंगे। फिर भी बहुत लोगों को विश्व बैंक के बारे में बहुत जानकारी नहीं पता (World bank simple definition in Hindi) होगी। ऐसे में आज हम इस लेख के माध्यम से आपको वर्ल्ड बैंक के बारे में ही संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं। इसके माध्यम से आपको यह जानने को मिलेगा कि वर्ल्ड बैंक क्या होता है, यह कैसे काम करता है और इसका क्या महत्व है (World bank ke bare mein jankari) इत्यादि। आइये जाने वर्ल्ड बैंक के बारे में शुरु से लेकर अंत तक संपूर्ण जानकारी।

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वर्ल्ड बैंक क्या है? (World bank kya hai)

वर्ल्ड बैंक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक ऐसा बैंक होता है जिसका कार्य इसके सदस्य देशों को आर्थिक रूप से मजबूत करना, विकास के कार्य करवाना व समस्याओं को सुलझाना होता (World bank kya hai in Hindi) है। इसकी स्थापना आज से 78 वर्ष पहले सन 1944 में की गयी थी। तभी से लेकर आज तक विश्व बैंक के द्वारा कई तरह के कार्य करवाए गए हैं जिसका लाभ इसके सभी सदस्य देशों ने उठाया है।

वर्ल्ड बैंक क्या है  वर्ल्ड बैंक की स्थापना कब हुई  इसका मुख्यालय कहाँ है व सीईओ कौन है  World bank kya hai

ऐसे में आज के इस लेख में हम आपके साथ वर्ल्ड बैंक के कार्यों, इसके सदस्य देशों, उनकी विश्व बैंक में भूमिका व शक्ति इत्यादि का विस्तार से वर्णन करने वाले हैं। इसके साथ ही यह वर्ल्ड बैंक किस तरह से काम करता है और किस चीज़ के लिए मुख्य तौर पर पैसा देता है, इत्यादि के बारे में भी जानने को मिलेगा। आइए जाने वर्ल्ड बैंक के बारे में सभी जानकारी विस्तार से।

वर्ल्ड बैंक की स्थापना कब हुई थी? (World bank ki sthapna kab hui thi)

सबसे पहले और सबसे जरुरी बात यह है कि इस वर्ल्ड बैंक की स्थापना कब हुई थी। तो इस विश्व बैंक की स्थापना आज से लगभग 78 वर्ष पहले ही हो गयी थी और वह साल था 1944 का। इससे पहले दुनिया ने प्रथम विश्व युद्ध व द्वितीय विश्व युद्ध जैसा भयानक मंजर देखा (World bank ki sthapna kab hui) था। द्वितीय विश्व युद्ध बस समाप्त ही हुआ था और पूरी दुनिया में भयानक आर्थिक संकट आ गया था। बहुत से देश पैसों की कमी का सामना कर रहे थे और वहां सब विकास कार्य रुक चुके थे।

तो इसी उद्देश्य की पूर्ति करने और अन्य चीज़ों को आयाम देने के लिए वर्ष 1944 में वर्ल्ड बैंक की स्थापना की गयी थी। हालाँकि इसके पीछे के कई और उद्देश्य भी थे जो हम आपको इस लेख के माध्यम से बतायेंगे।

वर्ल्ड बैंक का मुख्यालय कहां है? (World bank ka mukhyalay kahan hai)

अब यदि हम वर्ल्ड बैंक के मुख्यालय की बात करें तो वह अमेरिका में ही होगा। कहने का अर्थ यह हुआ कि दुनिया में जो भी चीज़ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शुरू की गयी थी और जिसका पूरे विश्व में महत्व था उस पर शुरू से ही अमेरिका ने अपना प्रभुत्व कायम करने का काम शुरू कर दिया (World bank located in Hindi) था। ऐसे में वर्ल्ड बैंक का मुख्यालय भी अमेरिका के वाशिंगटन डीसी में स्थित है।

वर्ल्ड बैंक के सदस्य देशों की संख्या (World bank ke sadasya desh kitne hai)

वैसे तो वर्ल्ड बैंक में दुनिया के लगभग हर देश शामिल है और ऐसे बहुत ही कम देश है जो इसमें शामिल ना हो। वह इसलिए क्योंकि दुनिया के लगभग हर देश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पैसों की ज़रूरत होती है। अब दुनिया में लगभग 195 देश है और इसमें से लगभग हर देश की वर्ल्ड बैंक में भूमिका सुनिश्चित की गयी है।

हालाँकि वर्ल्ड बैंक पांच अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं का एक समूह है जिसमे सबसे बड़े समूह IBRD व IDA है। अब वर्ल्ड बैंक के पांच ग्रुप से जुड़े सदस्य देशों की संख्या अलग अलग है जो समय के साथ बढ़ती चली जाती है। तो यदि हम वर्तमान समय में वर्ल्ड बैंक की संस्थाओं से जुड़े सदस्य देशों की संख्या की बात करें तो इसके IBRD से कुल 189 देश जुड़े हुए हैं जबकि IDA से कुल 174 देश जुड़े हुए हैं।

वर्ल्ड बैंक के प्रेसिडेंट कौन है? (World bank ke president kaun hai)

वर्ल्ड बैंक के लिए उसके प्रेसिडेंट की भूमिका बहुत महत्व रखती है क्योंकि उसके नीति निर्देशों के अनुसार ही वर्ल्ड बैंक काम करता है और देशों को लोन देने का निर्णय लेता है। तो यदि हम वर्तमान समय में विश्व बैंक के प्रेसिडेंट की बात करें तो उनका नाम डेविड मल्पस है।

वर्ल्ड बैंक के सीईओ कौन है? (World bank ke CEO kaun hai)

अब यह हम सभी भारतीयों के लिए गर्व की बात होगी कि वर्तमान समय में वर्ल्ड बैंक के सीईओ एक भारतीय व हिंदू है। उनका नाम अंशुल कांत है जो अभी विश्व बैंक के सीईओ का पद संभाल रहे हैं। इसी के साथ इनके ऊपर वर्ल्ड बैंक के एमडी का भी भार है। तो इस तरह से अंशुल कांत वर्ल्ड बैंक के सीईओ व एमडी दोनों की ही भूमिका को निभा रहे हैं।

वर्ल्ड बैंक के निदेशक कौन है? (World bank ke nirdeshak kaun hai)

अब यदि हम वर्तमान समय में वर्ल्ड बैंक के मुख्य निदेशक या चीफ इकोनॉमिस्ट की बात करें तो उनका नाम इंद्रमीत गिल है जो फिर से भारतीय मूल के हैं और हिंदू सिख समुदाय से संबंध रखते हैं। इन्हीं के ऊपर ही वर्ल्ड बैंक की नीतियाँ बनाने का काम होता है और उन्हें अमली जमा पहनाने का कार्य किया जाता है।

वर्ल्ड बैंक का पैरेंट ग्रुप क्या है? (World bank ka parent group kya hai)

वर्ल्ड बैंक वैसे तो अपने आप में ही सर्वेसर्वा होता है फिर भी इसके पैरेंट ग्रुप को वर्ल्ड बैंक ग्रुप के नाम से जाना जाता है। कहने का अर्थ यह हुआ कि वर्ल्ड बैंक ग्रुप के द्वारा ही वर्ल्ड बैंक को संभालने का काम किया जाता है। अब इसे वर्ल्ड बैंक ग्रुप नाम इसलिए दिया गया क्योंकि इसके तहत पांच अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं या ग्रुप भी आते हैं तो उन्हीं सभी को मिलाकर ही इसे वर्ल्ड बैंक ग्रुप का नाम दिया गया है।

वर्ल्ड बैंक ग्रुप के अंतर्गत संस्थाएं (World bank ki sanstha)

जैसा कि हमने आपको ऊपर ही बताया कि वर्ल्ड बैंक और कुछ नहीं बल्कि पांच अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं का एक समूह होता है। ऐसे में आपके लिए इन पाँचों संस्थाओं का नाम जानना अति आवश्यक हो जाता है। वह इसलिए क्योंकि इसी के आधार पर ही वर्ल्ड बैंक अपना काम करता है और सदस्य देशों को ऋण देने का कार्य करता है। तो इन पाँचों संस्थाओं के नाम है:

  • इंटरनेशनल बैंक फॉर रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट – International Bank for Reconstruction and Development (IBRD)
  • इंटरनेशनल डेवलपमेंट एसोसिएशन –  International Development Association (IDA)
  • इंटरनेशनल फाइनेंस कारपोरेशन – International Finance Corporation (IFC)
  • मल्टीलेटरल इन्वेस्टमेंट गारंटी एजेंसी – Multilateral Investment Guarantee Agency (MIGA)
  • इंटरनेशनल सेंटर फॉर सेटलमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट डिस्प्यूटस – International Centre for Settlement of Investment Disputes (ICSID)

तो इन सभी ग्रुप्स को मिलाकर ही इन्हें वर्ल्ड बैंक ग्रुप का नाम दिया गया है जिसे हम केवल वर्ल्ड बैंक के नाम से भी जानते हैं। तो यदि आप कहीं भी वर्ल्ड बैंक का नाम सुने तो समझ जाइये कि इसके तहत इन्हीं पांच ग्रुप्स की बात हो रही है।

वर्ल्ड बैंक के उद्देश्य (World bank purpose in Hindi)

अब आपने यह तो जान लिया कि वर्ल्ड बैंक की स्थापना कब व क्यों की गयी थी लेकिन इस क्यों का उत्तर आपको अच्छे से समझने की आवश्यकता (World bank ka uddeshya) है। वह इसलिए क्योंकि यदि आपने इस क्यों को अच्छे से नहीं समझा तो आप विश्व बैंक का महत्व भी सही से नहीं समझ पाएंगे। ऐसे में वर्ल्ड बैंक का क्या महत्व है और इसके तहत किन उद्देश्यों की परिपूर्ति के लिए इसकी स्थापना की गयी थी, आइए अब इसके बारे में भी जान लेते हैं।

  • इसका सबसे पहला उद्देश्य है ऐसे देशों में गरीबी को ख़त्म करना जो इसकी मार को बहुत पहले से झेल रहे हैं। अब दुनिया में कई ऐसे देश है जहाँ गरीब बहुत अधिक संख्या में रहते हैं। इसमें भारत देश भी आता है। हालाँकि एक समय पहले हमारा देश सुविधा संपन्न देश था लेकिन 800 वर्षों की गुलामी में भारत को इतना अधिक लूटा गया कि अब वह एक गरीब देश की श्रेणी में आ चुका है।
  • इसका दूसरा उद्देश्य लोगों को दो समय का भोजन उपलब्ध करवाना है जो कि गरीबी से ही प्रत्यक्ष रूप से जुड़ा हुआ है। अब जो लोग गरीब है उन्हें दो समय का भोजन भी बड़ी ही मुश्किल से मिल पाता है। तो इस समस्या को दूर करने के लिए भी वर्ल्ड बैंक की स्थापना की गयी थी।
  • इसके सदस्य देशों के नागरिकों को शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधा मिले और उसके तहत सभी कार्य किये जाए और पैसों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, यह भी वर्ल्ड बैंक का एक प्रमुख उद्देश्य होता है।
  • एक समय था जब बच्चों की मृत्यु दूर बहुत अधिक थी और वह मेडिकल सुविधा के अभाव में होता था। ऐसे में मेडिकल व्यवस्था को सही करना जिससे कि बच्चों की मृत्यु दर में कमी आये, यह भी वर्ल्ड बैंक का एक प्रमुख कार्य होता है।
  • दुनियाभर में पुरुषों के समान ही महिलाओं के अधिकार सुनिश्चित करना भी वर्ल्ड बैंक के प्रमुख उद्देश्यों में निहित होता है। इसी के तहत यह विभिन्न सरकारों पर जेंडर भेदभाव को समाप्त करने के लिए दबाव बनाती है।
  • बच्चों की मृत्यु दर के साथ ही महिलाओं की उन्हें जन्म देते हुए मृत्यु हो जाना भी बहुत आम बात हुआ करती थी और इसे कम करने के लिए भी वर्ल्ड बैंक की स्थापना की गयी थी।
  • एड्स जैसी भयानक बीमारी की रोकथाम करना भी वर्ल्ड बैंक का एक उद्देश्य है। इसके तहत इस वायरस की रोकथान के उपाय करना, इसके बारे में जागरूकता फैलाना भी वर्ल्ड बैंक का एक उद्देश्य है।
  • प्रकृति के सरंक्षण के लिए क्या उपाय किये जा सकते हैं और उसके लिए कितना पैसा खर्च किया जा सकता है ताकि आगे आना वाला भविष्य सुरक्षित बनाया जा सके, यह भी वर्ल्ड बैंक के उद्देश्यों में ही निहित है।
  • इसके सदस्य देशों के बीच में सहभागिता निर्धारित करना और एक दूसरे की सहायता करना भी वर्ल्ड बैंक का एक उद्देश्य है। इसमें एक देश से दूसरे देश को ऋण उपलब्ध करवाना और साथ मिलकर कार्य करना सम्मिलित होता है।

वर्ल्ड बैंक के प्रमुख सदस्य देश (World bank ke sadasya desh)

यह सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न है और इसके तहत मिलने वाली जानकारी भी अत्यधिक महत्वपूर्ण होगी। अब वर्ल्ड बैंक में वैसे तो दुनिया के लगभग हर देश शामिल है किंतु इसमें कुछ देशों को महत्वपूर्ण भूमिका दी (World bank ke sadasya desh kitne hai) गयी है। इन्हीं देशों के ऊपर यह निर्भर करता है कि वर्ल्ड बैंक की नीतियाँ क्या होगी और वह किस तरह से काम करेगा।

सीधे शब्दों में कहा जाए तो इन्हीं देशों की भूमिका ही तय करेगी कि वर्ल्ड बैंक किस देश को कितना कर्ज देगा और उसके लिए क्या नीतियाँ बनाई जाएगी। एक तरह से वर्ल्ड बैंक इन्हीं देशों के बताये निर्देशों पर चलता है। तो इनकी संख्या 20 है और इन्हें हम इनकी महत्ता के क्रमानुसार आपको बताने जा रहे हैं।

  • अमेरिका
  • जापान
  • चीन
  • जर्मनी
  • फ्रांस
  • इंग्लैंड
  • भारत
  • सऊदी अरब
  • कनाडा
  • इटली
  • रूस
  • स्पेन
  • ब्राजील
  • नीदरलैंड्स
  • दक्षिण कोरिया
  • बेल्जियम
  • ईरान
  • स्विट्ज़रलैंड
  • ऑस्ट्रेलिया
  • तुर्की

वर्ल्ड बैंक में वोटिंग पॉवर (World bank me voting power)

आपने यह तो जान लिया कि विश्व बैंक में किस देश की महत्ता सभी में अधिक है और आपने उन्हें क्रमानुसार भी जान लिया फिर भी इसमें एक जानकारी रह गयी है और वो है वर्ल्ड बैंक के निर्णयों में सदस्य देशों की वोटिंग पॉवर का प्रतिशत। अब जिस देश के पास वोटिंग पॉवर जितनी ज्यादा होती है, वह देश उसी के आधार पर ही वर्ल्ड बैंक के निर्णयों पर प्रभाव डालता है। तो इसकी सूची इस प्रकार हैं:

  • अमेरिका – 15.85%
  • जापान – 6.84%
  • चीन – 4.42%
  • जर्मनी – 4.00%
  • इंग्लैंड – 3.75%
  • फ्रांस – 3.75%
  • भारत – 2.91%
  • रूस – 2.77%
  • सऊदी अरब – 2.77%
  • इटली – 2.64%

वर्ल्ड बैंक के कार्य (World bank ke karya in Hindi)

विश्व बैंक की स्थापना कई तरह के उद्देश्यों की पूर्ति करने के लिए की गयी थी और उन उद्देश्यों को पूरा करने के लिए वर्ल्ड बैंक के द्वारा अपने सदस्य देशों को विभिन्न क्षेत्रों में काम करने के लिए अलग अलग तरह के ऋण दिए जाते हैं। तो यह ऋण सभी देशों के उनकी मांग के अनुसार और वोटिंग पॉवर इत्यादि के अनुसार निर्धारित किये जाते (World bank work details in Hindi) हैं। हालंकि इसमें नीति निदेशक, प्रेसिडेंट, सीईओ की भी भूमिका होती है क्योंकि वही इस पर अंतिम मुहर लगाते हैं।

तो यदि आप वर्ल्ड बैंक के द्वारा किये जाने वाले कार्यों को जानना चाहते हैं तो उसके लिए आपको यह जानना होगा कि आज तक वर्ल्ड बैंक के द्वारा किस चीज़ के लिए ऋण देने में प्राथमिकता दी गयी है। इसी को जानकर ही आपको यह पता लग पाएगा कि विश्व बैंक के द्वारा किस चीज़ के लिए जल्दी से ऋण को पास कर दिया जाता है। आइए जाने वर्ल्ड बैंक के द्वारा किस किस चीज़ में लोन देने का काम किया जाता है।

  • सड़क के निर्माण व ट्रांसपोर्ट को सुधारने में
  • सामाजिक व कल्याणकारी योजनाओं के लिए
  • इलेक्ट्रिकल ट्रांसमिशन व उनके डिस्ट्रीब्यूशन के लिए
  • सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन
  • रेलवे के निर्माण के लिए
  • ग्रामीण विकास के लिए
  • शहरी विकास कार्यों को करवाने के लिए
  • व्यापारिक सेवा सुविधाएँ
  • ऊर्जा से जुड़ी सुविधाएँ
  • खेती व पानी से जुड़े कार्य
  • आपदा प्रबंधन
  • स्वच्छता को बढ़ावा देने
  • जल की निकासी
  • हेल्थ से जुड़े कार्य इत्यादि।

तो इस तरह से वर्ल्ड बैंक ने इसी क्रमानुसार आज तक सदस्य देशों को ऋण व अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई है ताकि लोगों का जल्द से जल्द विकास हो सके। इसी से आपको वर्ल्ड बैंक की प्राथमिकता व उद्देश्यों के बारे में पता चल जाता है।

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वर्ल्ड बैंक क्या है – Related FAQs

प्रश्न: विश्व बैंक क्या है इसके उद्देश्य?

उत्तर: विश्व बैंक क्या है और इसके उद्देश्य के बारे में हमने इस लेख में एक एक करके पूरी जानकारी दी है जिसे आपको पढ़ना चाहिए।

प्रश्न: विश्व बैंक से हमें क्या-क्या लाभ मिलते हैं?

उत्तर: विश्व बैंक से हमें कई तरह के लाभ मिलते हैं जैसे कि कम ब्याज दर पर पैसा मिल जाना, समय समय पर आपदा प्रबंधन के लिए ऋण की जरूरतों को पूरा करना इत्यादि।

प्रश्न: वर्ल्ड बैंक को पैसा कैसे मिलता है?

उत्तर: वर्ल्ड बैंक को पैसा उसके सदस्य देशों से मिलता है जो समय समय पर वहां फंड करते रहते हैं।

प्रश्न: भारत सरकार ने विश्व बैंक से कितना कर्ज लिया?

उत्तर: भारत सरकार ने विश्व बैंक से लगभग 1.75 अरब डॉलर का कर्ज लिया हुआ है।

तो इस तरह से आज के इस लेख में आपने वर्ल्ड बैंक के बारे में समूची जानकारी ले ली है और यह कैसे काम करता है, इसके बारे में जान लिया है। हालाँकि इसके साथ कई तरह के विषय जुड़े हुए हैं क्योंकि इसने कई बार आंतकवादी समर्थक देशों को बेवजह में पैसे जारी किये है जिनका गलत इस्तेमाल किया गया। विश्वभर में यह भी कहा जाता है कि वर्ल्ड बैंक ज्यादातर वैसे ही काम करता है जैसे पश्चिम के देश चाहते हैं।

शेफाली बंसल
शेफाली बंसल
इनको लिखने में काफी रूचि है। इन्होने महिलाओं की सोशल मीडिया ऐप व वेबसाइट आधारित कंपनी शिरोस में कार्य किया। अभी वह स्वतंत्र रूप में लेखन कार्य कर रहीं हैं। इनके लेख कई दैनिक अख़बार और पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं।
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