बिज़नेस लोन कितने प्रकार के होते हैं? Types of Business Loans in Hindi

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किसी भी व्यवसाय को शुरू करने के लिए सबसे अहम् मुद्दा होता है पूँजी निवेश। एक ऋणदाता और एक व्यवसाय के बीच एक उधार समझौता जिसमें ऋणदाता व्यवसाय को पैसा देता है और व्यवसाय इसे सहमत-दर पर ब्याज की राशि के साथ वापस भुगतान करता है। आज हम बात करेंगे बिज़नेस लोन कितने प्रकार के होते (Business loan types in India in Hindi) हैं तथा इनका कब इस्तेमाल और कैसे इस्तेमाल करना चाहिये। यह भी जानेंगे कि बिज़नेस लोन आपको कौन सी योजनाओ तथा स्थितियों के अनुरूप प्रदान किया जाता है। 

आप इन सब लोन के बारे में जानकारी एकत्र करेंगे तथा यह भी आपसे आशा रखेंगे कि निकट भविष्य में आप इसको कैसे इस्तेमाल करेंगे। कई बार कई कारोबारियों (Business loan lene ka tarika) के साथ ऐसा भी होता है कि उनके पास इन सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध नहीं होता है। तो ऐसी कंडीशन में बिजनेस के ठप होने का पूरा पूरा (Business loan kya hota hai) चांस बन जाता है। इस संकट से कारोबारी तब बचता है, जब उसके पास पर्याप्त धन कहीं से प्राप्त हो जाता है। अधिक ऐसे मामलों में बिजनेस लोन बहुत सहायक साबित होता है।

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बिज़नेस लोन लेने के कारण (Business loan lene ke karan)

यहाँ आपको यह समझना आवश्यक हो जाता है कि आप बिज़नेस लोन के लिए बाध्य क्यों हो जाते हैं। बिज़नेस लोन लेने के पीछे कई कारण हो सकते हैं इनमे से कुछ प्रमुख कारणों के बारे यहाँ हम आपसे बात करेंगे। जैसा कि ऊपर बताया गया है कि किसी भी बिजनेस/कंपनी को चलाने के लिए कई पहलुओं में धन की आवश्यकता होती है। सभी पहलू में हुए खर्च को मिलाकर जो रकम निकलती है, उसे बिजनेस लोन कहते हैं।

इसे और अधिक स्पष्टता के साथ समझने के लिए हमने बिजनेस फाइनेंस के विभिन्न पहलुओं में होने वाले खर्च को परिभाषा के अनुसार समझना होगा। यहाँ लेख में हम आपको इससे सम्बंधित कुछ पहलुओं पर विस्तृत जानकारी देंगे जिसे आप ध्यान से देखकर अपने इस्तेमाल में ला सकते हैं। 

बिज़नेस लोन के प्रकार | Types of Business Loans in Hindi

कार्यशील पूंजी

इसमें आप मान लीजिये कि कहीं से धन का इंतजाम करके एक गाड़ी खरीद ली। लेकिन अब आपके साथ समस्या यह है कि आपके पास इतना धन नहीं है कि आप पेट्रोल खरीदकर अपनी गाड़ी को चला सकें। फिर ऐसी स्थिति में गाड़ी का क्या महत्व रह जाएगा। ठीक इसी तरह सिर्फ बिजनेस को खड़ा कर देना ही पर्याप्त नहीं होता है बल्कि बिजनेस को सतत तरीके से चलाना महत्वपूर्ण होता है।

बिजनेस को सतत गति से चलाने में लगने वाले धन को कार्यशील पूंजी यानी वर्किंग कैपिटल कहते हैं। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट हो जाता है कि किसी चीज को कार्यशील यानी चलायमान करने की बात की जा रही है। कार्यशील पूंजी बिजनेस के दैनिक खर्चों को को कहते हैं। यह बहुत महत्वपूर्ण है।

ट्रांसपोर्ट खर्च

वर्तमान समय में यदि किसी चीज का मूल्य बहुत तेजी से बढ़ रहा है तो वह चीज ‘पेट्रोल/डीजल’ है। तेल की बढ़ती कीमतों की वजह से ट्रांसपोर्टेशन भी महंगा हो रहा है। लेकिन ऐसा तो बिलकुल है नहीं कि कारोबारी प्रोडक्ट बनाएं और वह प्रोडक्ट खुद बिकने मार्केट में पहुंच जाए। कारोबारी को हर हालत में

ट्रांसपोर्ट का खर्च वहन करना ही होता है। इसलिए किसी भी बिजनेस के कुल हिसाब में ट्रांसपोर्टेशन का मुद्दा भी अलग से शामिल होता है।

मशीनरी खर्च

आप यह भी जानते होंगे कि भारत व विश्व भर में प्रतिदिन उन्नत हो रही है। उन्नत होती हुई इस दुनिया में तेजी से मशीनें बदल रही हैं। अगर कारोबारी समय पर मशीनें न बदले तो उसके पिछड़ने के आसारबहुत अधिक होता है। ऐसे में कारोबारी अपने कुल खर्च में मशीनों के ऊपर होने वाले खर्च के मद को लेकर भी चलते हैं।

कच्चा माल पर खर्च

अगर बिजनेस/ कंपनी में प्रोडक्ट बनेगा ही नहीं तो फिर वह बिकेगा भी कैसे? जब प्रोडक्ट बिकेगा नहीं तो आमदनी कैसे होगी? इसीलिए आमदनी के लिए सामान बनाना जरूरी है और सामान बनाने के लिए कच्चे माल की जरूरत होती है। कच्चे माल की लागत को अलग हिस्से में रखा जाता है।

इन सभी पहलुओं को ही मिलाकर बिजनेस के लिए लोन तैयार किया जाता है। हम देखते हैं कि कई बार ऐसा भी होता है कि कारोबारी के पास किसी भाग या पहलू में धन उपलब्ध नहीं होता है या जितनी राशि की आवश्यकता होती है, उतना उपलब्ध नहीं रहता है। इस स्थिति में कारोबारी को चाहिए कि बिना कोई देर किए तुरंत बिजनेस लोन के लिए अप्लाई कर दें।

बिज़नेस लोन के प्रकार (Types of Business Loans in India in Hindi)

आप यह जान लीजिये कि भारत जैसे देश में, बिजनेस लोन लेने के प्रकार बहुत सारे हैं। इनमे से प्रमुख रूप से किसी भी बिजनेस के लिए लोन को हम दो प्रकारों में वर्गीकृत कर सकते हैं 

  1. प्रोफेशनल ऋण
  2. व्यापार के लिए ऋण

प्रोफेशनल ऋण

वैसे तो प्रोफेशनल ऋण और व्यापार के लिए लिया गया लोन दोनों ही सुरक्षित या असुरक्षित हो सकते हैं। इसी के अंतर्गत शॉर्ट टर्म या लॉन्ग टर्म कुछ भी हो सकते हैं। हम प्रयास करेंगे कि हम आपको इसके बारे में आगे विस्तार से जानकारी दें। आइये यहाँ पर हम दोनों वर्गों के लोन के बारे में विस्तृत जानकारी बताते हैं। 

पहले हम प्रोफेशनल लोन के बारे में आपको बताएँगे। यह लोन ऐसे व्यक्तियों को दिया जाता है जो पेशेवर रूप से किसी एक विशेष प्रकार के बिजनेस से जुड़े हुए होते हैं। ऐसे व्यक्ति जो अपना बिजनेस स्थापित करना चाहते हैं। साथ में उस क्षेत्र से डिग्री उन्हें प्राप्त होती है। जैसे कि डॉक्टर, इंजीनियर, चार्टर्ड अकाउंटेंट, वकील इत्यादि। इन क्षेत्रों से जुड़े लोगों को प्रोफेशनल लोन या पेशेवर लोन दिया जाता है। कोई भी वित्तीय संस्थान प्रोफेशनल लोन देने से पहले संबंधित व्यक्ति की क्रेडिट हिस्ट्री को ध्यान में रखकर के देती है।

वहीं कई ऐसे मामले में भी बैंक प्रोफेशनल लोन देने से पहले किसी प्रकार के कॉलेटरल के तौर पर गैर कृषि भूमि, राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र, जीवन बीमा पॉलिसी, सरकारी बॉन्ड इत्यादि चीजों को कॉलेटरल के रूप में रहती है। कॉलेटरल का हिंदी अर्थ बंधक बनाकर रखना होता है। आमतौर पर बंधक के लिए कोई भी वित्तीय संस्थान कॉलेटरल के रूप में किसी भी चीज को तब रखती है जबकि लोन की राशि 15 से 20 लाख या उससे अधिक की हो।

व्यापार के लिए ऋण

इसके बाद अब हम लोन के दूसरे प्रकार जो कि व्यापार से सम्बंधित है उसकी जानकारी बता रहे है। व्यापार के लिए लोन ऐसे व्यक्ति को दिया जाता है जो कि अकेले स्वामित्व वाली कंपनी का मालिक है या पार्टनरशिप फर्म, प्राइवेट लिमिटेड कंपनी इत्यादि भी आवेदन दे सकते हैं। सीधे शब्दों में कहें तो कोई भी संस्थान ऐसे व्यक्तिगत स्वामित्व वाली कंपनी को ऋण देती है। व्यापार के लिए दिए जाने वाले लोगों को आप 3 भाग में वर्गीकृत कर सकते हैं। 

  • ओवरड्राफ्ट ऋण 
  • कार्यशील पूंजी ऋण
  •  टर्म लोन

आइये अब हम व्यापार के लिए ऋण के उपभाग जो कि ओवरड्राफ्ट, कार्यशैली पूंजी तथा टर्म लोन से संबंधित हैं उनके बारे में जानना प्रारम्भ करते है। यहाँ हमको यह भी पता लग जाएगा कि ये लोन कैसे प्राप्त किये जा सकते हैं। साथी इनका इस्तेमाल आप अपने बिज़नेस में कैसे कर पायंगे। 

#1. ओवरड्राफ्ट ऋण

यह किसी उधार देने वाली संस्था से क्रेडिट का विस्तार है, जो तब दिया जाता है जब अकाउंट शून्य पर पहुंच जाता है। ओवरड्राफ्ट खाताधारक को पैसे निकालने की प्रकृति जारी रखने की अनुमति देता है, भले ही खाते में कोई फंड न हो या निकासी की राशि कवर करने के लिए अपर्याप्त फंड हो। मूल रूप से ओवरड्राफ्ट का अर्थ होता है कि बैंक ग्राहक को एक निर्धारित राशि उधार लेने की अनुमति देता है। इस लोन पर ब्याज लगता है और आम तौर पर प्रति ओवरड्राफ्ट फीस भी लगती है। कई बैंकों में ओवरड्राफ्ट फीस 35 डॉलर तक चली जाती है।

ओवरड्राफ्ट काम इस तरह कार्य करता है कि ओवरड्राफ्ट खाते के साथ, बैंक उन पेमेंट को कवर करता है जो किसी ग्राहक ने किए हैं। जो अन्यथा अस्वीकृत हो सकते थे या वास्तविक चेक के मामले में बाउंस हो जाते या बिना भुगतान के लौट जाते।

ओवरड्राफ्ट की मुख्य विशेषता यह है कि ओवरड्राफ्ट सुरक्षा एक प्रकार का लोन है जो कुछ बैंकों द्वारा ग्राहकों को उपलब्ध कराए जाते हैं, जिनका खाता शून्य पहुंच जाता है। ओवरड्राफ्ट ग्राहक को बिल का पेमेंट करना जारी रखने में सक्षम बनाता है, भले ही ग्राहक के खाते में धन अपर्याप्त हो। ओवरड्राफ्ट किसी भी अन्य लोन के समान है, ग्राहक लोन पर ब्याज अदा करता है और ओवरड्राफ्ट के मामले पर आम तौर पर वन-टाइम अपर्याप्त फंड फीस चुकानी पड़ती है।

अन्य लोन की तरह, उधारकर्ता किसी ओवरड्राफ्ट लोन के बकाया बैलेंस पर ब्याज का भुगतान करता है। अक्सर, लोन पर ब्याज क्रेडिट कार्ड पर ब्याज की तुलना में कम होता है जिससे ओवरड्राफ्ट आपातकालीन स्थिति में एक बेहतर अल्प अवधि विकल्प होता है। कई मामलों में, ओवरड्राफ्ट सुरक्षा का उपयोग करने पर अतिरिक्त फीस अदा करनी पड़ती है जो अपने चेक को कवर करने के लिए उपलब्ध राशि को घटा देती है।

ओवरड्राफ्ट संरक्षण का उदाहरण यह है कि ओवरड्राफ्ट सुरक्षा ग्राहक को उनके चेकिंग अकाउंट को मैनेज करने के लिए एक मूल्यवान टूल उपलब्ध कराती है। अगर आपके पास आपके रेंट पेमेंट से कुछ कम रुपये हैं तो ओवरड्राफ्ट सुरक्षा यह सुनिश्चित करती है कि अपर्याप्त फंड के कारण आपका चेक वापस नहीं होगा।

#2. कार्यशील पूंजी ऋण

यह एक ऋण है कि एक कंपनी के दैनिक संचालन के वित्तपोषण के लिए ले जाया जाता है। इस ऋण का उपयोग दीर्घकालिक संपत्ति या निवेश खरीदने के लिए नहीं किया जाता है और इसके बजाय कंपनी की अल्पकालिक परिचालन जरूरतों को कवर करने वाली कार्यशील पूंजी प्रदान करने के लिए उपयोग किया जाता है।

उन जरूरतों में कॉन्ट्रैक्ट, किराया और ऋण भुगतान जैसी बहुत सी लागत शामिल हो सकती है। इस तरह, कार्यशील पूंजी ऋण केवल कॉर्पोरेट ऋण उधार हैं जो एक कंपनी द्वारा अपने दैनिक कार्यों को वित्त देने के लिए उपयोग किए जाते हैं।कभी-कभी किसी कंपनी के पास दिन-प्रतिदिन के परिचालन खर्चों को कवर करने के लिए हाथ या संपत्ति की तरलता पर पर्याप्त नकदी नहीं होती है और इस प्रकार, इस उद्देश्य के लिए ऋण को सुरक्षित करेगा। 

उच्च मौसमी या चक्रण वाली कंपनियां कम व्यावसायिक गतिविधि की अवधि में मदद करने के लिए कार्यशील पूंजी ऋण पर भरोसा कर सकती हैं। कई कंपनियों के पास पूरे साल स्थिर या अनुमानित राजस्व नहीं है। उदाहरण के लिए, विनिर्माण कंपनियों की चक्रीय बिक्री हो सकती है जो खुदरा विक्रेताओं की जरूरतों के अनुरूप है। अधिकांश खुदरा विक्रेता चौथी तिमाही के दौरान अधिक उत्पाद बेचते हैं अर्थात छुट्टियों के मौसम के दौरान-वर्ष के किसी भी समय।

#3. टर्म लोन

इसे आप छोटी या लम्बी दोनों अवधियों के लिए मुहैया करवा सकते हैं। इसमें कई तरह की शर्तें भी होती हैं। लोन की ब्याज दरें भी कई बातों पर निर्भर करती हैं। आइए तो अब यहां हम टर्म लोन के बारे में कुछ जरूरी बातों को जानते हैं। 

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  • टर्म लोन मुख्यतः मन भूमि, मशीन और इक्विपमेंट या कमर्शियल वाहन खरीदने के लिए दिए जाते हैं। बिल्डिंग के कंस्‍ट्रक्‍शन के लिए भी बैंक इस तरह का लोन देते हैं। इस तरह कोई टर्म लोन के साथ अपने कारोबार को बढ़ा सकता है। 
  • इस तरह के लोन मध्‍यम से लंबी अवधि के हो सकते हैं। मध्यम अवधि के लोन अमूमन 5 साल तक के होते हैं। वह लंबी अवधि के लोन 10 से 15 साल तक के हो सकते हैं. इस तरह के लोन मैन्‍युफैक्‍चरिंग फर्मों को दिए जाते हैं या फिर उन्हें ट्रेडिंग एक्टिविटी या सेवाओं से जुड़े प्रोजेक्ट के लिए भी दिया जाता है। 
  • ऐसे लोन देने से पहले बैंक काफी छानबीन करते हैं। वे प्रोजेक्ट की व्यवहार्यता का मूल्यांकन करते हैं। इसमें तकनीकी पहलुओं को भी देखा जाता है। पूरी तरह से संतुष्ट होने के बाद ही बैंक इसे मंजूर करते हैं। 
  • टर्म लोन पर ब्याज की दरें कई बातों पर निर्भर करती हैं। इनमें प्रोजेक्‍ट से जुड़ा जोखिम, लोन की रकम, कर्ज लेने वाली फर्म की क्रेडिट हिस्ट्री और कर्ज का स्‍ट्रक्‍चर जैसी बातें शामिल हैं। यह लोन फिक्‍स्‍ड या फ्लोटिंग अर्थात चलायमान ब्याज दरों पर दिया जा सकता है। 
  • बैंक रुपये के साथ फॉरेन करेंसी टर्म लोन भी देते हैं। इस तरह यह इंपोर्ट और एक्सपोर्ट से जुड़े बिजनेस के लिए भी काफी मददगार होता है। 

बिज़नेस लोन के लिए आवश्यक दस्तावेज क्या हैं? (Business loan ke liye document)

हम यह तो भली भांति जानते हैं कि सरकार बिज़नेस के लिए आम जनो के लिए लोन मुहैया करवाती है। यहाँ यह जान लेने उचित होगा कि बिज़नेस लोन लेने के लिए आपको सरकार की विभिन्न योजनाओ को उनके आधिकारिक पोर्टल पर जाकर योग्यता अनुसार आवेदन करना पड़ेगा। इन योजनाओं का (Business loan ke liye kya kya chahiye) लाभ उठाने के लिए पहले आपको कुछ दस्तावेज भी जमा करने होंगे जिसके बाद ही आपका आवेदन स्वीकार किया जाएगा। आइये अब देखते हैं कि बिजनेस लोन के लिए डॉक्यूमेंट्स के बारे में। 

  • पैन कार्ड: बिजनेस लोन के लिए सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों में से एक है। 
  • आयकर रिटर्न: आमतौर पर 2-3 साल के इनकम टैक्स रिटर्न की जरूरत होगी। बिजनेस लोन के लिए यह आपकी इनकम प्रूफ के तौर पर काम करता है। 
  • आधार कार्ड/निवास का प्रमाण: निवास का प्रमाण बिजनेस लोन के लिए जरूरी है। 
  • बिजनेस एड्रेस प्रूफ: बिजनेस लोन के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट्स में व्यावसायिक पता का प्रमाण देना जरूरी है। यह पहला फिल्टर है, जिसके आधार पर लोन दिया जाता है। 
  • बैंक स्टेटमेंट: यहाँ आप कितना खर्च करते है, कितना उधार लेते हैं और उधार कब चुकाते हैं। इन सारे व्यवहार का आपकी बैंक स्टेटमेंट से पता चलता है। एक अच्छे क्रेडिट बैलेंस के जरिए लोन देने वाला यह समझ सकता है कि आप लोन वापस चुकाने में विश्वसनीय हैं या नहीं। 

सरकार द्वारा कौन सी योजनाएं हैं, जिन पर लोन दिया जाता है?

यहाँ आपको हम उन सभी योजनाओं के नाम हम आपको बताएंगे जिन पर सरकार लोन देती है। 

  • स्टैंड अप इंडिया योजना
  • प्रधान मंत्री मुद्रा लोन योजना 
  • किसान क्रेडिट कार्ड 
  • पीएम स्वनिधि योजना 
  • प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना
  • प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना 

बिज़नेस के प्रकार को समझने से Related FAQs

प्रश्न: बिज़नेस लोन मुख्य रूप से कितने प्रकार के होते हैं?

उत्तर : यह मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं, पहला प्रोफेशनल या पेशेवर लोन तथा दूसरा व्यापार से संबंधित लोन। 

प्रश्न: क्या बिज़नेस लोन केवल पुरुष ही ले सकते हैं?

उत्तर नहीं, बिज़नेस लोन पुरुष या महिला कोई भी ले सकता है। 

प्रश्न: बिज़नेस के लिए लोन कहाँ से प्राप्त किया जा सकता है?

उत्तर: यह आपको आपके निकटतम बैंक में जाकर पता चलेगा कि वहां मिलेगा या अन्यत्र। 

प्रश्न: बिज़नेस लोन के लिए आपकी कम से कम कितनी आयु होनी चाहिए?

उत्तर: बिज़नेस लोन के लिए आपकी कम से कम 18 वर्ष की आयु होनी चाहिए।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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