प्रिंटर क्या है? लेजर व इंकजेट प्रिंटर में अंतर | प्रिंटर में क्या क्या प्रिंट हो सकता है?

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आज के समय में जिस चीज़ का बहुतायत में इस्तेमाल किया जाता हैं वह है प्रिंटर। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि सब चीज़े ऑनलाइन होने लगी हैं और ऑनलाइन जिस भी चीज़ को हम देखते हैं उसे हम सॉफ्ट कॉपी कहते हैं। अब हर जगह (Printer kya kaam karta hai) सॉफ्ट कॉपी या ऑनलाइन चीज़ तो चल नही सकती हैं, बहुत बार ऐसा होता हैं कि हमें उसके लिए हार्ड कॉपी अर्थात कागज पर वह चीज़ देनी पड़े। तो इसके लिए प्रिंटर का इस्तेमाल किया जाता हैं।

तो ऐसे में यदि आप प्रिंटर लेने का सोच रहे हैं या इसके बारे में विस्तार से जानना चाह रहे हैं तो वह आपको इस लेख के माध्यम से जानने को (Laser printer and Inkjet printer difference in Hindi) मिलेगा। साथ ही आपको प्रिंटर के दो मुख्य प्रकारों लेजर और इंकजेट प्रिंटर के बारे में भी जानने को मिलेगा। दरअसल आज के समय में लोग प्रिंटर के इन दोनों प्रकारों को लेकर बहुत दुविधा में रहते हैं और उन्हें समझ में नही आता हैं कि इन दोनों के बीच में मुख्य अंतर क्या हैं। तो आज हम आपके साथ उस पर भी चर्चा करेंगे।

प्रिंटर क्या होता है (Printer kya hai)

प्रिंटर क्या है? लेजर व इंकजेट प्रिंटर में अंतर | प्रिंटर में क्या क्या प्रिंट हो सकता है?

सबसे पहले बात की जाए कि आखिरकार यह प्रिंटर होता क्या है या उसका काम क्या होता हैं। जब तक आपको यह नही पता होगा कि एक प्रिंटर होता क्या है या फिर उसका क्या क्या काम है तब तक आप इसके प्रकारों को भी नही समझ पाएंगे। अब इसे सरल और आसान भाषा में समझते हैं ताकि आप अच्छे से समझ सके कि प्रिंटर होता क्या है और उसका कम क्या होता है।

तो सबसे पहले तो यह जान ले कि कंप्यूटर एक ऐसी मशीन होती हैं जो किसी भी चीज़ को ऑनलाइन से ऑफलाइन दिखाने की क्षमता रखती हैं। कहने का तात्पर्य यह हुआ कि हम जो चीज़ ऑनलाइन देख रहे हैं, यदि हम उसे अपने हाथ में ऑफलाइन देखना चाहे तो वह प्रिंटर की सहायता से ही संभव हो सकता हैं। यही नही यह पहले से ही ऑफलाइन चीज़ की और कॉपी बनाने में भी सक्षम होती हैं। इसका अर्थ हुआ कि यदि आपके पास एक कागज हैं और आप उसके जैसी और कॉपी बनाना चाहते हैं तो आप वह प्रिंटर के माध्यम से आसानी से कर सकते हैं।

तो प्रिंटर का मुख्यतया इस्तेमाल किसी भी चीज़ की कॉपी निकालने में किया जाता हैं फिर चाहे वह सॉफ्ट कॉपी हो या हार्ड कॉपी। सॉफ्ट कॉपी अर्थात जो चीज़ कंप्यूटर में हैं और उसका प्रिंट निकाला जाना हैं और हार्ड कॉपी मतलब जो आपके पास कागज के रूप में पहले से हैं और अब आप उसका प्रिंट निकलवाना चाहते हैं जो उसकी फोटोकॉपी भी कही जा सकती हैं।

प्रिंटर कैसे काम करता है (Printer kya karta hai)

अब आपको यह भी जानना होगा कि आखिरकार कोई प्रिंटर कैसे काम करता हैं या फिर वह कैसे किसी की फोटोकॉपी या पन्ने को प्रिंट कर सकता हैं। अब हम किसी चीज़ की कॉपी बनाना चाहाहे तो हमें सब कुछ हाथ से लिखना पड़े और वो भी बहुत ही सावधानी के साथ और वैसे ही राइटिंग में ताकि वह एकदम वैसा का वैसा लगे और उन दोनों में कोई अंतर ना हो। फिर भी शायद हम वैसा कर पाने में सक्षम ना हो क्योंकि कहीं ना कहीं कुछ ना कुछ अंतर रह ही जाएगा। फिर चाहे हम कितनी भी मेहनत कर ले।

तो यह काम प्रिंटर बहुत ही आसानी से और बहुत ही तेजी के साथ कर सकता हैं और वो भी चुटकियो में। प्रिंटर एक ऐसी मशीन होती हैं जो कंप्यूटर के द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करती हैं। उसके अंदर पहले से इंक के रूप में पाउडर या गीली स्याही होती हैं। उसके बाद जैसे ही उसे कंप्यूटर के द्वारा किसी चीज़ को प्रिंट करने का निर्देश मिलता हैं तो उन दिशा निर्देशों के अनुसार उसी समय ही उसे प्रिंट करने के काम में लग जाती हैं। वह मशीन उस चीज़ को उसी तरह प्रिंट करती हैं जैसा कि वह उसे देख पा रही हैं फिर चाहे वह लिखित हो या कोई चित्र।

तो इस तरह से प्रिंटर को जो भी निर्देश प्राप्त होते हैं, वह उन निर्देशों के अनुसार उस चीज़ या डॉक्यूमेंट को उसी तरह एक नए कागज पर प्रिंट करके निकाल देती हैं। कुछ ही समय में वह उसे बाहर निकाल देती हैं जिसे आउटपुट कहा जाता हैं। यदि उसे एक से अधिक कागज प्रिंट करने को कहा जाता हैं तो वह भी बहुत आसानी से कर देती हैं।

प्रिंटर में क्या क्या प्रिंट हो सकता है?

अब आप सोच रहे होंगे कि प्रिंटर में क्या क्या चीज़ प्रिंट हो सकती हैं तो हर वह चीज़ जो कागज पर आप देख सकते हैं वह प्रिंटर प्रिंट कर सकता हैं। अब आप कागज पर दो तरह की ही चीज़ देख सकते हैं जो या तो टेक्स्ट होती हैं या फिर चित्र। ऐसा इसलिए क्योंकि कागज एक 2 डी तकनीक होती हैं और इस पर वही चीज़ प्रिंट हो सकती हैं जो 2 डी का पालन करे। अब 2 डी या तो टेक्स्ट हो सकते हैं या चित्र। तो आप प्रिंटर पर किसी भी तरह का टेक्स्ट या चित्र प्रिंट करवा सकते हैं और प्रिंटर आपका यह काम बहुत ही आसानी के साथ कर देगा।

प्रिंटर के प्रकार (Printer ke prakar)

अब जब प्रिंटर की बात हो रही हैं तो इसमें आपका यह भी जानना आवश्यक हैं कि प्रिंटर कितने तरह के होते हैं। जी हां, सही सुना आपने, प्रिंटर के भी प्रकार (Printer ke type) होते हैं। जैसे जैसे तकनीक बढ़ती जा रही हैं उसी तरह हर चीज़ ने उन्नति की हैं। उसमे प्रिंटर भी एक हैं। अब उसके एक प्रकार नही बल्कि कई तरह के प्रकार आ चुके हैं। इन प्रकारों में सबसे मुख्य प्रकार लेजर व इंकजेट प्रिंटर कहे जाते हैं लेकिन इनके अलावा भी कई तरह के प्रिंटर आते हैं।

हालाँकि लेजर और इंकजेट प्रिंटर का इस्तेमाल ही प्रमुखता के साथ किया जाता हैं लेकिन बाकि प्रकार भी अपनी अपनी जगह बहुत प्रसिद्ध हैं। इसलिए आज हम आपको प्रिंटर के सभी तरह के प्रकारों के नाम बताएँगे ताकि कोई भी जानकारी अधूरी ना रह जाए।

  • Laserjet प्रिंटर
  • Inkjet प्रिंटर
  • All in one प्रिंटर
  • 3D प्रिंटर
  • Dot Matrix प्रिंटर
  • Supertank प्रिंटर
  • Thermal प्रिंटर
  • Line प्रिंटर
  • Impact प्रिंटर
  • LED प्रिंटर
  • Daisy Wheel प्रिंटर

लेजर प्रिंटर क्या होता है (Laser printer kya hota hai)

अब बात करते है लेजर प्रिंटर की। यदि आपको लेजर और इंकजेट प्रिंटर में अंतर समझना हैं तो उससे पहले आपको इन दोनों प्रिंटर के बारे में अच्छे से पता होना आवश्यक है, तभी आप इन दोनों के बीच के अंतर को सही से समझ पाएंगे। तो आइए जाने लेजर प्रिंटर किसे कहा जाता हैं।

तो लेजर प्रिंटर में प्रिंट करने के लिए जिस कार्टेज का इस्तेमाल किया जाता हैं उसमे स्याही के रूप में पाउडर का इस्तेमाल किया जाता हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि यदि आप लेजर प्रिंटर से किसी पेज को प्रिंट करवाने जाएंगे तो उसके लिए यह स्याही के रूप में पाउडर वाली इंक का इस्तेमाल करेगा। इसके द्वारा आप केवल ब्लैकन एंड वाइट प्रिंट ही निकलवा सकते हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि इस प्रिंटर की सहायता से आप कलर्ड प्रिंट नही निकलवा सकते हैं।

पहले के समय में लेजरप्रिंटर का इस्तेमाल बहुत ज्यादा मात्रा में किया जाता था क्योंकि उस समय कलर्ड प्रिंट का इतना चलन नही था। साथ ही उस समय तक किसी डॉक्यूमेंट का या टेक्स्ट का ही प्रिंट निकलवा होता था और चित्र वाले प्रिंट बहुत कम ही निकलते थे। आज के समय में भी जहाँ पर भी आप बिलिंग इत्यादि का इस्तेमाल होते हुए देखेंगे तो वहां आपको इसी प्रिंटर का इस्तेमाल होते हुए ही मिलेगा।

इंकजेट प्रिंटर क्या होता है (Inkjet printer kya hota hai)

अब बात करते हैं इंकजेट की और इसके द्वारा होने वाले इस्तेमाल की। तो जिस तरह से लेजर में कार्टेज के रूप में पाउडर वाली स्याही का इस्तेमाल किया जाता है तो उसी तरह इंकजेट प्रिंटर में सयासी के रूप में कार्टेज में गीली इंक डाली जाती हैं तभी इसका नाम इंकजेट प्रिंटर पड़ा। कहने का अर्थ यह हुआ कि यदि आपको गीली वाली स्याही से प्रिंट करवाना हैं तो आपको इंकजेट प्रिंटर का इस्तेमाल करना पड़ेगा।

इसका इस्तेमाल करके आप किसी भी तरह का प्रिंट निकलवा सकते हैं फिर चाहे वह ब्लैकन वाइट हो या कलर्ड। दरअसल इस तरह के प्रिंटर में गीली स्याही के रूप में किसी भी तरह का प्रिंट निकलवाया जा सकता हैं। इसलिए यदि आप किसी दुकान पर प्रिंट निकलवाने जाएंगे तो वहां आपको इसी प्रिंटर का इस्तेमाल ही दिखेगा क्योंकि उनके पास हर तरह के लोग अपने प्रिंट निकलवाने आते हैं।

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लेजर व इंकजेट प्रिंटर में अंतर (Laser printer and Inkjet printer difference in Hindi)

अब जब आपने दोनों तरह के प्रिंटर की परिभाषा जान ली हैं तो अवश्य ही आपको इन दोनों के बीच के अंतर को भी समझना होगा। मोटे तौर पर तो आपको इन दोनों के बीच का अंतर समझ में आ ही गया होगा लेकिन फिर भी हम इसे विस्तार देते हुए इसे प्रमुखता के साथ और सरल भाषा में आपको समझा देते हैं ताकि कोई भी शंका आपके मन में शेष ना रह जाए। तो आइए जाने लेजर और इंकजेट प्रिंटर के बीच के अंतर के बारे में विस्तार से।

  • इन दोनों प्रिंटर में सबसे मुख्य अंतर इनकी छपाई में हैं। जहाँ एक ओर लेजर में प्रिंटर में छपाई के लिए स्यासी के तौर पर पाउडर का इस्तेमाल किया जाता हैं तो वही दूसरी ओर, इंकजेट में गीली इंक का इस्तेमाल किया जाता हैं। इसलिए दोनों तरह के प्रिंट में आपको छपाई में बहुत बड़ा अंतर देखने को मिलेगा।
  • अब यदि कोई चीज़ की छपाई में पाउडर का इस्तेमाल होता हैं तो वह कुछ दिनों के बाद मिटने लग जाता हैं। कहने का तात्पर्य यह हुआ कि यदि आप किसी चीज़ को लेजर के जरिये प्रिंट करवाते हैं तो वह प्रिंट कुछ दिनों के पश्चात अपने आप ही मिटने लग जाता हैं क्योंकि उस पर लगा पाउडर उड़ने लग जाता हैं। तभी हम देखते हैं कि ज्यादातर बिल अपने आप ही साफ होने लग जाते हैं।
  • अब यदि कोई चीज़ गीली स्यासी से प्रिंट की गयी हैं तो वह वैसी ही रहती हैं। यह उसी तरह हुआ जिस तरह से हम किसी चीज़ को अपने हाथ से लिखते हैं। तो जब हाथ से लिखी हुई चीज़ जल्दी से नही मिटती हैं और वर्षों तक यूँ ही रहती हैं तो वही चीज़ मशीन से हो तो वह भी क्यों ही मिटेगी। इसलिए इंकजेट प्रिंटर के द्वारा प्रिंट की गयी चीज़ भी जल्दी से नही मिटती हैं।
  • एक ओर, लेजर प्रिंटर के रखरखाव में उतना खर्चा नही आता हैं क्योंकि इसके लिए ज्यादा कुछ करना नही पड़ता हैं तो वही दूसरी ओर, इंकजेट के इस्तेमाल में आपको बहुत सारी चीजों का प्रबंध करके रखना होता हैं। तो ऐसे में इंकजेट प्रिंटर के रखरखाव में लेजर की तुलना में ज्यादा खर्चा हो जाता हैं।
  • लेजर प्रिंटर की सहायता से जो चीज़े छापी जाती हैं उनके छपने में भी बहुत कम खर्चा आता हैं। एक तरह से कहा जाये तो लेजर की छपाई में खर्चा इंकजेट की तुलना में बहुत कम होता हैं। ऐसा इसमें लगने वाले कार्टेज और स्याही के कारण देखने को मिलता हैं।
  • लेजर में जो भी प्रिंट किया जाता हैं उसके प्रिंट की गति बहुत तेज होती हैं। यह कुछ ही सेकंड में निर्देश लेकर उस पर काम करना शुरू कर देता हैं जो कि 2 से 3 सेकंड का समय ही होता हैं। वही यदि इंकजेट प्रिंटर की बात की जाए तो उसको निर्देश देने के बाद 10 से 20 सेकंड की प्रतीक्षा करनी पड़ सकती हैं, तब जाकर छपाई का कार्य शुरू हो पाता हैं।
  • लेजर की सहायता से आप केवल ब्लैकन एंड वाइट प्रिंट ही निकलवा सकते हैं जबकि इंकजेट की सहायता से आप ब्लैकन एंड वाइट के साथ साथ कलर्ड प्रिंट भी आसानी के साथ निकलवा सकते हैं। एक तरह से इंकजेट प्रिंटर आपके लिए दोनों काम करेगा।
  • लेजर प्रिंटर जल्दी से ख़राब नही होते हैं और इनका लंबे समय तक इस्तेमाल ना किया जाए तो भी ये वैसे के वैसे ही रहते हैं। इसी कारण इनकी देखरेख में बहुत ही कम खर्चा करना पड़ता हैं और ज्यादा चीजों का ध्यान नही रखना पड़ता हैं। वही यदि आप इंकजेट प्रिंटर का इस्तेमाल कर रहे हैं तो उसके लिए आपको कई चीजों का ध्यान रखना होगा और समय समय पर इसका इस्तेमाल करते रहना होगा अन्यथा इसमें भरी हुई स्याही समय के साथ साथ जम जाएगी और प्रिंटर ख़राब हो जाएगा।

लेजर व इंकजेट प्रिंटर में अंतर – Related FAQs

प्रश्न: प्रिंटर का क्या उपयोग है?

उत्तर: प्रिंटर के द्वारा हम किसी भी सॉफ्ट कॉपी को हार्ड कॉपी में बदल सकते हैं।

प्रश्न: प्रिंट कितने प्रकार के होते हैं?

उत्तर: प्रिंट कई तरह के होते हैं जैसे कि थर्मल प्रिंट या इंक प्रिंट या पाउडर प्रिंट इत्यादि।

प्रश्न: लेजर प्रिंटर का क्या नुकसान है?

उत्तर: लेजर प्रिंटर का सबसे बड़ा नुकसान यही हैं कि इसमें छपा प्रिंट कुछ दिनों के बाद अपने आप उड़ने लग जाता हैं।

प्रश्न: इंकजेट या लेजर प्रिंटर बेहतर है?

उत्तर: इंकजेट प्रिंटर लेजर प्रिंटर से ज्यादा बेहतर होता है।

तो यह थे कुछ सामान्य और मुख्य अंतर जो लेजर और इंकजेट प्रिंटर को एक दूसरे से अलग बनाते हैं। आशा हैं अब आपको इन दोनों के बीच के अंतर को अच्छे से समझने में मदद मिलेगी और आप निर्धारित कर पाएंगे कि आपके लिए कौन सा प्रिंटर सही रहेगा और आपको किस तरह का प्रिंटर खरीदना चाहिए।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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