टोमैटो फ्लू क्या है? कारण, लक्षण और उपचार | Tomato Flu in Hindi | संक्रमण हो जाने पर क्या करें?

|| टोमैटो फ्लू क्या है? इसके लक्षण क्या हैं? संक्रमण हो जाने पर क्या करें? (What is tomato flu? What are its symptoms? What to do if you have become infected?) Tomato flu first case in India, Tomato Fever Symptoms in Hindi, Tomato Flu ke lakshan ||

लोग अभी तक कोरोना जैसे घातक वायरस के दंश से अभी तक उभर नहीं पाए हैं, इसी बीच दुनिया में टोमैटो फ्लू (Tomato Flu) की दस्तक ने लोगों की नींद उड़ा दी है। यह बीमारी भारत में भी पैर पसार रही है। केंद्र सरकार (Central government) ने इस वायरस को लेकर एडवाइजरी (advisory) एवं गाइडलाइन (guidelines) जारी की हैं, वहीं अन्य राज्यों (States) की ओर से भी इस संबंध में अपने नागरिकों के गाइडलाइन जारी की गई है।

अलबत्ता अभी भारत (India) में बहुत से लोग इस बीमारी के बारे में नहीं जानते, लिहाजा, उनमें इस बीमारी को लेकर जागरूकता भी बेहद कम है। आज हम आपको इस पोस्ट में इस बीमारी के संबंध में विस्तार से जानकारी देंगे। जैसे कि टोमैटो फ्लू क्या है? इस बीमारी के लक्षण क्या हैं? सबसे पहले इस बीमारी की दस्तक भारत में कहां हुई? इस बीमारी से किस तरह बचा जा सकता है? आदि। आइए, शुरू करते हैं-

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टोमैटो फ्लू क्या है? (What is tomato flu?)

दोस्तों, साधारण शब्दों में कहें तो यह भी एक वायरल इंफेक्शन (viral infection) है। इसमें शरीर पर टमाटर के आकार के फफोले हो जाते हैं, इसलिए इस बीमारी का नाम टोमैटो फ्लू (Tomato Flu) दिया गया है। भारत में केरल (Kerala) में इसके सबसे अधिक मामले अब तक सामने आए हैं। लेकिन अन्य राज्यों में भी इसके फैलने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। ऐसे में राज्य सरकारें (State governments) अपने नागरिकों को इस बीमारी से सचेत रहने की नसीहत दे रही हैं।

टोमैटो फ्लू क्या है? कारण, लक्षण और उपचार | Tomato Flu in Hindi | संक्रमण हो जाने पर क्या करें?

टोमैटो फ्लू के लक्षण क्या हैं? (What are the symptoms of tomato flu?)

अब आते हैं टोमैटो फ्लू के लक्षण पर। यानी कि वह बातें, जिनके आधार पर यह कहा जा सकता है कि अमुक व्यक्ति को टोमैटो फ्लू हुआ है। ये इस प्रकार से हैं’-

  • शरीर पर टमाटर के आकार के फफोले हो जाना।
  • वायरल इंफेक्शन की तरह बुखार हो जाना।
  • शरीर पर स्क्रैच या रैशेज पड़ जाना।
  • संक्रमित व्यक्ति के जोड़ों में दर्द होना।
  • थकावट महसूस होना।
  • संक्रमित व्यक्ति के गले में खराश होना।
  • जोड़ों में सूजन आ जाना।
  • लगातार उल्टी-दस्त आना आदि।

टोमैटो फ्लू का संक्रमण व्यक्ति को कैसे जकड़ता है? (How tomato flu infects?)

दोस्तों, आपको जानकारी दे दें कि अभी तक वैज्ञानिक टोमैटो फ्लू होने के कारणों का पता नहीं लगा सके हैं। कहा जा रहा है कि यह संक्रमण (infection) एक वायरस (virus) से फैल रहा है, लेकिन अभी तक इसके बारे में किसी को अधिक जानकारी नहीं कि यह कौन या वायरस है। कुछ वैज्ञानिक मानते हैं कि यह डेंगू (dengue) अथवा चिकनगुनिया का प्रभाव हो सकता है। बहरहाल, इस संबंध में उनकी रिसर्च (research) जारी है।

अलबत्ता टोमैटो फ्लू किस तरह से संक्रमण करता है, इसका तरीका जरूर सामने आया है। व्यक्ति के शरीर में इस बीमारी की शुरूआत हल्के बुखार के साथ होती है। इसके पश्चात संक्रमित व्यक्ति के गले में खराश होने लगती है। बुखार शुरू होने के दो से तीन दिन के पश्चात शरीर पर लाल रंग के दाने/चकत्ते से बन जाते हैं, जो बाद में फफोले का रूप ले लेते हैं। आपको बता दें दोस्तों कि यह फफोले अक्सर संक्रमित व्यक्ति के मुंह के भीतर, उसकी जीभ पर अथवा मसूड़ों में देखने को मिलते हैं।

लक्षण दिखने के बाद टोमैटो फ्लू की पुष्टि कैसे होती है? (How tomato flu is proved after symptoms?)

दोस्तों, जैसा कि हमने आपको बताया कि टोमैटो फ्लू के अधिकांश लक्षण वायरल बुखार वाले होते हैं, ऐसे में आप यह सोच रहे होंगे कि यह कैसे पता चलेगा कि संबंधित व्यक्ति टोमैटो फ्लू से ग्रसित है अथवा नहीं? इसके दो तरीके हैं-

श्वसन के नमूने (respiratorysample)-

बीमारी के 48 घंटे के भीतर श्वसन के नमूने दिए जा सकते हैं। इन सैंपल के जरिए बीमारी का आसानी से पता लगाया जा सकता है।

मल के नमूने (fecal sample)-

दोस्तों, मल के नमूने के जरिए भी यह आसानी से पता लगाया जा सकता है कि संबंधित व्यक्ति को टोमैटो फ्लू है अथवा नहीं। ध्यान रखने योग्य बात यह है कि ये सैंपल (sample) भी 48 घंटे के भीतर ही लिए जा सकते हैं।

टोमैटो फ्लू का संक्रमण सबसे अधिक किस वय के लोगों पर देखने को मिल रहा है? (Which age group is being seen infected most from tomato flu?)

साथियों, बेशक आपको यह जानकार आश्चर्य होगा, लेकिन आपको बता दें कि टोमैटो फ्लू का सबसे ज्यादा असर 10 वर्ष की आयु तक के बच्चों में देखने को मिल रहा है। इसलिए यह बेहद आवश्यक है कि अपने बच्चे को किसी संक्रमित बच्चे के संपर्क में आने से बचाएं। उस पर निगाह रखें। खास तौर पर उसे समूह में किसी के साथ खेलने न जाने दें।

टोमैटो फ्लू का संक्रमण होने पर क्या किया जाए? (What to do if someone is infected from tomato flu?)

यदि आपको टोमैटो फ्लू इंफेक्शन हो गया है तो इसके लिए आपको खुद को कोरोना की ही भांति स्वयं को सब से अलग थलग कर लेन होगा। इसके अलावा निम्न कदम उठाने होंगे-

  • पांच से सात दिनों के लिए स्वयं को आइसोलेट (isolate) कर लें।
  • अपने आस पास की जगह को साफ, स्वच्छ रखें।
  • फफोलों को हाथ से न छुएं। यदि गलती से ऐसा कर बैठें तो तुरंत अपने हाथ धोएं।
  • संक्रमित बच्चे के कपड़े, बर्तन आदि सब अलग कर दें।
  • संक्रमित बच्चे को दूसरे बच्चों के साथ खेलने न भेजें, उसके खिलौने भी किसी से शेयर न करें।
  • बच्चों को पर्याप्त पोषक तत्वों से भरपूर संतुलित खाना (balanced diet) खाने को दें।
  • संक्रमित को गर्म पानी पिलाएं एवं गुनगुने पानी से उसके शरीर को स्पंज करें।
  • संक्रमित को पर्याप्त आराम करने दें। इस इंफेक्शन में सोना काफी असरदार साबित हुआ है।

क्या टोमैटो फ्लू की कोई दवा निकली है? (Is there any medicine of tomato flu?)

मित्रों, आपको जानकारी दे दें कि टोमैटो फ्लू की कोई दवा अभी तक ईजाद नहीं हुई है, लेकिन इसमें चिकित्सक (doctors) वही दवा देते हैं, जो वायरल इंफेक्शन (viral infection) होने पर दी जाती है। सबसे कारगर थेरेपी इसमें स्वयं को आइसोलेट (isolate) करना एवं पर्याप्त आराम करना ही है। दूसरे बच्चें के संपर्क (contact) से बचाकर बच्चें को इस बीमारी के संक्रमण (infection) से बचाया जा सकना संभव है।

भारत में पहली बार टोमैटो फ्लू कब रिपोर्ट किया गया? (When tomato flu was first reported in india?)

यदि अपने देश भारत की बात करें तो यहां 6 मई, 2022 को केरल (Kerala) के कोल्लम (kollam) में टोमैटो फ्लू का पहला केस रिकार्ड (record) किया गया था। करीब तीन माह में इस वायरल इंफेक्शन (viral infection) की चपेट में 82 बच्चे आ चुके हैं। केरल के अतिरिक्त कर्नाटक (Karnataka), तमिलनाडु (Tamilnadu), हरियाणा (Haryana) व ओडिशा (Odisha) में भी इस बीमारी के संक्रमित सामने आ रहे हैं। इस बीमारी के संक्रमण में अधिकांश बच्चों के चपेटे में आने की वजह से केंद्र सरकार (Central government) खास तौर पर चिंतित है।

लेकिन राहत की बात यह है कि विशेषज्ञ इस बीमारी को बेहद खतरनाक नहीं मानते। न तो यह कोरोना (corona) की तरह तेजी से फैलने वाली है और न ही मंकीपाक्स (monkeypox) की भांति जानलेवा ही। अन्यथा अब तक पीड़ित संक्रमितों की संख्या में बहुत अधिक इजाफा हो गया होता। उनके मुताबिक इस संक्रमण से संक्रमित बच्चे पूरी सावधानी बरतते हुए 5 से 7 दिन के भीतर ठीक हो जा रहे हैं। ऐसे में सावधानी ही बचाव है, यह माना जा सकता है।

क्या इस टोमैटो फ्लू का टमाटर से कोई लेना-देना है? (Has tomato flu any link with tomato flu?)

मित्रों, बहुत से लोगों के मन में बीमारी का नाम टोमैटो फ्लू सुनते ही पहला विचार यह आता है कि यह बीमारी टमाटर की वजह से होती है। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है। टोमैटो फ्लू का टमाटर से कोई लेना देना नहीं है। यहां तक कि विशेषज्ञ इसे कोई नई बीमारी मानने से भी इंकार करते हैं। उनके मुताबिक यह बच्चों में होने वाली हैंड, माउथ, फुट डिजीज (hand, mouth, foot desease) है। यह पहले भी हुआ करती थी।

अब बस इसे एक नया नाम दे दिया गया है। यह तो हम आपको बता ही चुके हैं कि यह बीमारी खतरनाक (dangerous) नहीं है। यह अलग बात है कि एक के बाद एक नई बीमारी का नाम सामने आने से लोग परेशान हो गए हैं। पहले कोरोना, फिर मंकीपॉक्स और अब टोमैटो फ्लू, लोगों को सांस लेने का मौका तक नहीं मिल रहा कि एक नया नाम सामने आ जाता है। हर कोई इस इंतजार में है कि जल्द से जल्द इन तमाम नामों का असर खत्म हो और वे पहले की तरह सामान्य जीवन जी सकें।

टोमैटो फ्लू को यह नाम क्यों दिया गया है?

इस संक्रमण में संक्रमित के शरीर पर टमाटर के आकार के फफोले हो जाते हैं। इसलिए इसे टोमैटो फ्लू नाम दिया गया है?

क्या इस टोमैटो फ्लू का टमाटर से कोई लेना देना है?

जी नहीं, इस बीमारी का टमाटर से कोई लेना-देना नहीं है।

किस उम्र के लोग इस संक्रमण के अधिक शिकार हैं?

10 वर्ष से कम उम्र के बच्चे इस बीमारी के अधिक शिकार हो रहे हैं।

क्या यह बीमारी भारत में दस्तक दे चुकी है?

जी हां, यह बीमारी भारत में दस्तक दे चुकी है। इसके सबसे ज्यादा मरीज केरल में सामने आ रहे हैं।

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संक्रमण होने पर सबसे पहले क्या किया जाना चाहिए?

संक्रमण होने पर सबसे पहले संक्रमित व्यक्ति को आइसोलेट किया जाना चाहिए। उसके कपड़े, बर्तन अलग किए जाने चाहिए।

टोमैटो फ्लू के क्या क्या लक्षण हैं?

इस बीमारी के लक्षणों के बारे में हमने विस्तार से ऊपर पोस्ट में जानकारी दी है। आप वहां से पढ़ सकते हैं।

क्या टोमैटो फ्लू की कोई दवा बनी है?

जी नहीं, इसकी कोई दवा नहीं है। डाक्टर वायरल इंफेक्शन की दवा ही इसमें देते हैं।

अब तक टोमैटो फ्लू के कितने मामले सामने आए हैं?

अब तक टोमैटो फ्लू के 82 मामले सामने आए हैं।

दोस्तों, हमने आपको इस पोस्ट (post) में बताया कि टोमैटो फ्लू क्या है? इसके लक्षण क्या हैं? संक्रमण हो जाने पर क्या करें? उम्मीद है कि आप पोस्ट में बताई गई सावधानी बरतकर स्वयं को और अपने परिजनों को इस बीमारी से दूर रखेंगे। यदि आप इसी प्रकार की जानकारीवर्धक पोस्ट हमें चाहते हैं तो उसके लिए हमें नीचे दिए गए कमेंट बाक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके बता सकते हैं। आपकी प्रतिक्रियाओं की हमें हमेशा की भांति प्रतीक्षा है।।।धन्यवाद।।

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प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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