किराएदार किराया न दे तो क्या करें? What to do if the tenant does not pay the rent?

|| किराएदार किराया न दे तो क्या करें?, What to do if the tenant does not pay the rent? , मकान मालिक परेशान करे तो क्या करें, किराएदार के मकान खाली नहीं करने पर क्या करें, किराएदार घर का किराया क्यों नहीं दे रहा था, पुराने किराए के कानूनी नियम, क्या किराएदार मकान पर कब्जा कर सकता है ||

आजकल महंगाई चरम पर है। ऐसे में कई बार लोग अतिरिक्त आय के लिए अपने मकान को किराए पर दे देते हैं। इससे उन्हें प्रतिमाह अपने खर्चों के निपटारे को कुछ राशि अलग से मिल जाती है, जिससे उन्हें बहुत सहायता मिल जाती है। लेकिन समस्या तब खड़ी हो जाती है, जब किराएदार किराया नहीं देते। वे महीनों बगैर एक भी पैसा दिए मकान में बने रहते हैं।

कई मकान ही कब्जा लेते हैं। बहुत से मकान मालिकों को यह भी जानकारी नहीं होती कि यदि किराएदार किराया न दें तो क्या करें? यदि आप भी इन्हीं में से एक हैं तो आज की पोस्ट आपके लिए ही है। हम आपको बताएंगे कि यदि किराएदार किराया न दे तो क्या करें? आइए, शुरू करते हैं-

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किराया कैसे तय होता है? (How the rent is decided?)

दोस्तों, इससे पूर्व कि हम आगे बढ़े सबसे पहले यह पहले जान लेते हैं कि किराया (rent) कैसे तय होता है? आपको बता दें कि किराए की राशि मकान मालिक एवं किराएदार की आपसी रजामंदी (mutual consent) से तय होती है। इसके पश्चात मकान मालिक (land owner) एक 11 महीने का रेंट एग्रीमेंट किराएदार के साथ करता है।

इसे दोनों के हस्ताक्षर (signature) के बाद रेंट अथारिटी (rent authority) को दो माह के भीतर सूचित (inform) करने एवं रजिस्टर्ड (registered) कराने का प्रावधान किया गया है, ताकि विवाद की स्थिति उत्पन्न होने पर इसके अनुसार कार्रवाई की जा सके।

इसमें किराए की राशि (rent amount) के साथ ही इसमें प्रतिवर्ष कितनी बढ़ोत्तरी होगी, यदि किराएदार किराया देने से मुकरता है तो मकान मालिक क्या कदम उठाएगा आदि इन सभी बातों का उल्लेख रहता है।

किराएदार किराया न दे तो क्या करें? What to do if the tenant does not pay the rent?

यदि किराएदार किराया न दे तो क्या करें? (What to do if tenent don’t pay rent?)

यदि किराएदार लगातार दो महीने तक किराया न दे तो आप उससे मकान खाली करा सकते हैं। माडल टेनेंसी एक्ट (model tenency act)-2021

यानी आदर्श किराएदारी अधिनियम-2021 के अनुसार किराएदार यदि मकान खाली करने से मुकरता है तो मकान मालिक इस मामले को रेंट कोर्ट (rent court) ले जा सकता है। आपको बता दें कि एक्ट में मकान मालिकों एवं किराएदारों के हित सुरक्षित रखते हुए व्यवस्थाएं दी गई हैं।

आदर्श किराएदारी अधिनियम कब आया है? (When model tenency act came in to existence?)

दोस्तों, आपको बता दें कि आदर्श किराएदारी अधिनियम यानी माडल टेनेंसी एक्ट (model tenency act) का प्रस्ताव केंद्र सरकार (Central Government) आज से लगभग तीन वर्ष पूर्व यानी सन् 2019 में लेकर आई थी। इसके बाद उसने इस संबंध में विभिन्न राज्यों से 31 अक्तूबर, 2020 तक पाॅलिसी डाक्यूटमेंट (policy document) पर सुझाव (suggestions) देने को कहा।

केंद्रीय कैबिनेट (central cabinet) ने 2 जून, 2021 को इस एक्ट के ड्राफ्ट (draft) को मंजूरी दी। इसके बाद यह विभिन्न राज्यों को भिजवा दिया। बहुत से राज्यों ने इसे अपने यहां जस का तस अथवा मामूली संशोधन के साथ लागू कर दिया है। आपको बता दें कि इसमें मकान मालिक एवं किरादार दोनों के हितों की बात कही गई है।

इसमें किराए से संबंधित किसी भी विवाद के लिए पृथक अथाॅरिटी अथवा कोर्ट का प्रावधान किया गया है। तमाम शहरों में ट्रिब्यूनल (tribunal) खोलने की बात की गई है। ऐसा इसलिए किया गया है, ताकि वर्तमान में विभिन्न अदालतों पर मुकदमों (cases) का बोझ कम हो सके।

यह तो आप जानते ही होंगे कि मकान-मालिक, किराएदार से जुड़े विवाद अदालतों में सालों साल लंबित पड़े रहते हैं। इन विवादों पर त्वरित कार्रवाई भी सरकार का लक्ष्य है।

माडल टेनेंसी एक्ट में क्या क्या प्रावधान किए गए हैं? (What provisions are there in model tenency act?)

साथियों, आपको बता दें कि इस एक्ट में सरकार ने वे तमाम प्रावधान किए हैं, जो मकान मालिकों एवं किराएदारों दोनों पक्षों के हितों की रक्षा करते हैं। इसमें मुख्य मुख्य यह व्यवस्याएं दी गई है-

  • यदि किराएदार दो महीने तक मकान मालिक को किराया नहीं देता तो वह घर/स्थान खाली करा सकता है।
  • यदि किराएदार प्राॅपर्टी (property) का गलत इस्तेमाल कर रहा है तो मकान मालिक उससे मकान खाली करा सकता है।
  • रिहायशी इमारत (residential building) के लिए सिक्योरिटी (security) अधिकतम दो माह का किराया हो सकती है।
  • गैर रिहायशी (non residential) इमारतों के लिए सिक्योरिटी (security) अधिकतम छह माह का किराया हो सकती है।
  • मकान मालिक की इजाजत के बगैर किराएदार किसी और को उस घर में रहने के लिए नहीं ला सकता।
  • किराए पर घर देने के बाद मकान मालिक को भी उस घर में आने के लिए उससे पूछना होगा।
  • घर की ढांचागत देखभाल की जिम्मेदारी मकान मालिक की होगी।
  • यदि रेंट एग्रीमेंट (rent agreement) की सभी शर्तें पूरी होने के बावजूद किराएदार जगह खाली नहीं करता तो मकान मालिक दो माह के लिए किराया दुगुना कर सकता है। इसके बाद भी मकान खाली नहीं करने पर वो ये किराया चौगुना कर सकता है।
  • मकान मालिक को मकान खाली कराने से पले किराएदार को नोटिस (notice) देना होगा।
  • नोटिस से एक दिन पूर्व लिखित में (in written) अथवा मैसेज/मेल के जरिए उसे किराएदार को इस संबंध में बताना होगा।

क्या अधिकांश राज्यों ने माॅडल टेनेंसी एक्ट को अपनाया है? (Have maximum states applied model tenency act?)

मित्रों, आपको जानकारी दे दें कि अधिकांश राज्यों, चाहे जनसंख्या की दृष्टि से सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) हो अथवा उत्तराखंड (uttarakhand), इन सभी ने माॅडल टेनेंसी एक्ट को अपना लिया है।

कई राज्यों ने इसमें मामूली संशोधन कर अपने यहां लागू किया है। मंशा सबकी यही है कि मकान-मालिक, किराएदार विवाद आसानी से सुलझ लाएं। लोग एक्ट में दी गई व्यवस्थाओं का पालन करें।

मकान मालिक, किराएदार के बीच के विवादों में कमी आएगी (there will be decrease in land lord, tenents cases?)

मित्रों, आपको बता दें कि आदर्श किराएदारी अधिनियम लागू होने के बाद यह माना जा रहा है कि मकान मालिकों एवं किराएदारों के बीच किराए अथवा मकान खाली करने को लेकर होने वाले विवादों में कमी आएगी। आपने देखा होगा कि किराए पर मकान देने वाला हर चौथा व्यक्ति किसी न किसी बात को लेकर परेशान रहता है।

कभी उसका दुख यह होता है कि किराए पर रहने वालों ने मकान की हालत खराब कर दी है तो कभी किराया बढ़ोत्तरी को लेकर वह परेशान नजर आता है। कभी वह किराएदार के मकान पर कब्जे को लेकर सशंकित रहता है तो कभी इस बात से कि किराएदार ने समय पर किराया नहीं दिया है।

कभी ढंग का किराएदार न मिलने की समस्या उसे दुनिया की सबसे बड़ी समस्या लगती है। कभी किराएदार से घर खाली कराना उसे मुसीबत नजर आता है। इन सभी बिंदुओं पर माडल टेनेंसी एक्ट के तहत प्रावधान किया गया है।

लाॅकडाउन में बहुत से मकान मालिकों का बर्ताव बदला (many land owners behaviour changed during lockdown)

अमूमन मकान मालिक, किराएदारों के साथ अच्छा बर्ताव न करने के लिए कुख्यात होते हैं, लेकिन इसे कोरोना (corona) महामारी का असर कहें कि लाॅकडाउन (lockdown) के दौरान बहुत से मकान मालिकों का बर्ताव बदला नजर आया। यह तो आप जानते ही हैं कि इस दौरान हजारों लोगों के काम धंधे बंद हुए।

उनके रोजगार छूट गए। दो वक्त की रोटी के लिए भी कई लोगों को मुश्किल हो गई। ऐसे में कई मकान मालिकों ने इंसान होने का फर्ज अदा किया। उन्होंने अपने किराएदारों पर कहीं आधा तो कहीं पूरा किराया माफ कर दिया।

खास तौर पर दुकान को किराए पर देने वाले मकान मालिकों ने इस दौरान खासी सहृदयता का परिचय दिया। ऐसी बहुत सी कहानियां सामने आईं, जिन्होंने लोगों का मकान मालिकों के प्रति दृष्टिकोण ही बदलकर रख दिया।

केंद्र सरकार माडर्न टेनेंसी एक्ट का प्रस्ताव कब लाई?

केंद्र सरकार इस एक्ट का प्रस्ताव 2019 में लेकर आई। केंद्रीय कैबिनेट से इसके ड्राफ्ट को 2 जून, 2021 को मंजूरी मिली है।

इससे पूर्व किराएदारी को लेकर कौन सा कानून लागू था?

इससे पूर्व किराया कंट्रोल एक्ट लागू था।

रेंट एग्रीमेंट अमूमन कितने महीने का होता है?

रेंट एग्रीमेंट अमूमन 11 महीने का होता है।

यदि कोई किराएदार किराया नहीं देता तो मकान मालिक क्या कर सकता है?

यदि कोई किराएदार किराया नहीं देता तो मकान मालिक को मकान खाली कराने का अधिकार है।

क्या प्रत्येक राज्य में किराएदारी को लेकर एक व्यवस्था है?

जी नहीं, अधिकांश राज्यों ने अपने हिसाब से एक्ट में संशोधन कर उसे अपने यहां लागू किया है।

क्या मकान खाली कराने से पहले मकान मालिक का किराएदार को नोटिस देना अनिवार्य है?

जी हां, माडल टेनेंसी एक्ट में इसकी व्यवस्था की गई है। मकान खाली कराने से पहले मकान मालिक को किराएदार को इस संबंध में नोटिस देना होगा।

मकान किराए पर लेने से पूर्व कितनी राशि बतौर सिक्योरिटी मनी जमा करनी होती है?

वर्तमान प्रावधानों के अनुसार रिहायश के लिए घर लेने को अधिकतम दो माह का किराया बतौर सिक्योरिटी देने की व्यवस्था रखी गई है। वहीं, गैर रिहायशी इमारतों के मामले में यह अधिकतम छह माह का किराया है।

यदि किराएदार एवं मकान मालिक के बीच कोई विवाद हो जाता है तो उसका निपटारा कहां होगा?

यदि किराएदार एवं मकान मालिक के बीच कोई विवाद हो जाता है तो उसका निपटारा रेंट अथारिटी यानी किराया अधिकरण में होगा।

रेंट एग्रीमेंट होने के बाद रेंट अथारिटी को कितने दिन में इसकी सूचना देनी आवश्यक की गई है?

रेंट एग्रीमेंट होने के दो महीने के भीतर मकान मालिक को इसकी सूचना रेंट अथारिटी को देनी आवश्यक की गई है।

दोस्तों, हमने आपको इस पोस्ट में महत्वपूर्ण जानकारी से अवगत कराया कि यदि कोई किराएदार किराया न दे तो क्या किया जा सकता है। उम्मीद है कि इस पोस्ट से आपकी जानकारी में इजाफा हुआ होगा। यदि आपका इस पोस्ट को लेकर कोई सवाल है तो वो आप हमसे नीचे दिए गए कमेंट बाक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं। आपकी प्रतिक्रियाओं एवं सुझावों का हमेशा की भांति स्वागत है। ।।धन्यवाद।।

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प्रवेश कुमारी

मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।

Comments (6)

  1. Kiraedar ne pichhle 11 mahinon mein se sirf ek mahine ka kiraya Diya hai ab kiraya nahin de raha bimari ka bahana lagata rahata hai ab usse kiraya kaise len ya Makan kaise Khali karvayen

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  2. Kirayedaar kareeb 5 mahine se rent nhi de rha kabhi kabar beech beech mei ek mahine ka rent bhej deta hai jiske liye bahut massakat karni padti uske rent se jyada mera paisa uski requirement poori karne mei lag gyi.
    Abhi khaali ke liye kuch nhi bol rha, naa ph uthata hai agar uthata hai to jhoothi commitment krta hai..kya hum shop par lock kr sakte hai..meri shop shahibabad mei hai aur tenant and hum delhi rehte hai to kya mei delhi se notice bhej sakta hu..plz suggest

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    • नोटिस कहीं से भी भेजी जा सकती है बाकी आप लीगल कार्रवाई करने की कोशिश करें बहस बाजी से कोई काम नहीं चलने वाला है ।

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  3. हमने 11 महीने के लीए मकान किराये पर लीए वह हैवी डिपाजिट देकर डबल दलाली भी दी मकान में इलेक्ट्रिकल काम भी कराए किचन में कहीं कहीं लीकेज था वह भी हमने ठीक कराये, मकान मालिक ने कुछ भी नहीं करके दिया, अभी मकान किराये पर लीए तीन महीना भी नहीं हुआ है और मकान मालिक कहता है के हमें मकान बेचना है और बार बार परेशान कर रहा है दलाल को मकान दिखाने लीए भेजता.
    मेरा सवाल है के क्या तीन महीने में मालिक किरायेदार को मकान खाली करा सकता है ? इसके क्या नियम और कानून है कृपया गाइड करें.

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    • मकान मालिक मकान खाली करवा सकता है लेकिन वह आपको एडवांस में नोटिस देगा और कम से कम 1 महीने का समय भी ।

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