दिल्ली तहसीलदार सिलेबस फुल | दिल्ली में तहसीलदार कैसे बनें?

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हर मां बाप अपने बच्चे को अफसर बनते देखना चाहता है। बच्चा रौब की कुर्सी पर बैठे। सफेद झक कमीज पहने। दो लोग सलाम ठोकें। समाज में रूतबा हो। कुछ इसी कारण से भारत में लोग अपने बच्चों को प्रशासनिक सेवाओं में भेजने के लिए उद्यत रहते हैं।

अपना पेट काटकर उन्हें पढ़ाते हैं, उनके लि कोचिंग की व्यवस्था करते हैं। जब बच्चा अफसर बन जाता है तो वे फूले नहीं समाते। तहसीलदार का पद भी ऐसा ही पद है। युवाओं में तहसीलदार बनने के लिए खासी उत्कंठा होती है। इस परीक्षा को पास करने वाले स्वयं को किसी तुर्रम खां से कम नहीं समझते।

देश में लाखों युवा ऐसे हैं, जो ग्रेजुएशन के बाद तहसीलदार बनने के लिए मारामारी करते हैं। खास तौर पर दिल्ली में तहसीलदार पद के अपने ही मायने हैं। आज इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि दिल्ली में तहसीलदार कैसे बन सकते हैं? इसके लिए आवश्यक शैक्षिक योग्यता क्या होगी? परीक्षा कौन कराएंगा? कितने पेपर होंगे? तहसीलदार सिलेबस क्या होगा? आदि। आइए, शुरू करते हैं-

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तहसीलदार कौन होता है?

दोस्तों, इससे पूर्व कि आगे बढ़ें, आइए सबसे पहले जान लेते हैं कि एक तहसीलदार कौन होता है एवं वह क्या क्या करता है? आपको बता दें कि तहसीलदार एक तहसील का सबसे बड़ा राजस्व अधिकारी एवं ई मजिस्ट्रेट होता है। वह ग्रेड-2 गजेटेड आफिसर होता है। उसे हिंदी में कार्यपालक दंडाधिकारी भी पुकारा जाता है।

उसका मुख्य कार्य राजस्व संग्रहण यानी रिवेन्यू कलेक्शन (revenue collection) होता है। वह राजस्व प्रशासन का मुख्य अधिकारी होता है। वह अपने क्षेत्र का राजस्व प्रभरी होने के साथ साथ राजस्व निरीक्षक भी होता है। तहसीलदार अपनी तहसील के राजस्व एवं कर यानी रिवेन्यू एवं टैक्स के साथ ही भूमि से संबंधित मामले भी देखता है।

कई स्थानों पर तहसीलदार को तालुकदार कहकर भी पुकारा जाता है। तहसीलदार के कई सहायक अधिकारी होते हैं, इन्हें उप तहसीलदार अथवा नायब तहसीलदार कहकर बुलाया जाता है।

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तहसीलदार के क्या क्या कार्य होते हैं?

आइए अब आपको बताते हैं कि एक तहसीलदार क्या-क्या करता है? यानी उसके प्रमुख कार्य क्या होते हैं-

  • जमीन से जुड़े विवादों को सुनना एवं उनका निपटारा करना।
  • राजस्व का समुचित संग्रह सुनिश्चित करना।
  • छात्रों के लिए जाति प्रमाण पत्र, आवासीय प्रमाण पत्र, आय एवं अन्य प्रमाण पत्र निर्गत करना।
  • पटवारी द्वारा किए गए कार्यों का सुपरविजन (supervision) करना।
  • भूमि रिकार्ड को ठीक से रखा जाना सुनिश्चित करना।
  • किसी प्राकृतिक आपदा की स्थिति में क्षेत्र में तत्काल राहत अभियान चलवाना।

तहसीलदार बनने के लिए न्यूनतम आयु एवं शैक्षिक योग्यता

तहसीलदार बनने के लिए एक व्यक्ति की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष एवं अधिकतम आयु 40 वर्ष निर्धारित की गई है। साफ है कि यदि कोई व्यक्ति 21 वर्ष से कम एवं 40 वर्ष से अधिक आयु का हो चुका है तो वह तहसीलदार नहीं बन सकता।

जहां तक उम्र सीमा की बात है तो अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति एवं शारीरिक रूप से असमर्थ अभ्यर्थियों को अधिकतम उम्र सीमा में 5 साल तक की छूट प्रदान की गई है। तहसीलदार बनने के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता ग्रेजुएशन (graduation) निर्धारित की गई है। अभ्यर्थी किसी भी स्थान से यह डिग्री हासिल कर तहसीलदार के लिए आयोजित होने वाली भर्ती परीक्षा (exam) में शिरकत कर सकता है।

दिल्ली में तहसीलदार कैसे बन सकते हैं?

दोस्तों, अब बात करते हैं कि आप दिल्ली में तहसीलदार कैसे बन सकते हैं। आपको बता दें कि इसके लिए परीक्षा का आयोजन संघ लोक सेवा आयोग (union public service commission) यानी यूपीएससी (UPSC) कराता है।

वह दिल्ली, अंडमान निकोबार द्वीपसमूह, दादरा नागर हवेली, दमन एवं दीव केंद्र शासित राज्यों में, जिसे DANICS भी पुकारा जाता है, के ग्रुप बी के अधिकारियों की भर्ती के लिए सिविल सेवा परीक्षा (civil services exam) यानी सीएसई (CSE) का आयोजन करता है। यह परीक्षा तीन चरणों में आयोजित की जाती है।

प्रारंभिक परीक्षा (preliminary exam), मुख्य परीक्षा (main exam) एवं साक्षात्कार (interview)। इस परीक्षा के लिए कुल 2025 अंक निर्धारित किए गए हैं। इंटरव्यू के लिए 275 अंक निर्धारित किए गए हैं। अब परीक्षा के इन चरणों के बारे में हम आपको अलग अलग जानकारी देते हैं-

1. प्रारंभिक परीक्षा एवं तहसीलदार सिलेबस (preliminary exam and syllabus)

परीक्षा का पहला चरण प्रारंभिक यानी प्रीलिमिनरी एग्जाम होता है। इस परीक्षा में वस्तुनिष्ठ यानी आब्जेक्टिव टाइप (objective type) प्रश्न आते हैं। यह परीक्षा आफलाइन (offline) होती है। इसमें दो पेपर आते हैं-पेपर -1 एवं पेपर -2। पेपर हिंदी (hindi) एवं अंग्रेजी (english) दोनों भाषाओं में सेट किए जाते हैं। इनके लिए 200-200 अंक निर्धारित हैं।

दोनों पेपर के लिए दो-दो घंटे की अवधि निर्धारित की गई है। इस परीक्षा में निगेटिव मार्किंग (negative marking) होती है। आपको बता दें दोस्तों कि जनरल स्टडीज (general studies)-2 का पेपर क्वालिफाइंग पेपर (qualifying paper) होगा, जिसमें अभ्यर्थी को 33 प्रतिशत अंक लाने आवश्यक होंगे।

पेपर-1 का तहसीलदार सिलेबस (syllabus of paper-1)-

  • नेशनल एवं इंटरनेशनल महत्व के करेंट इवेंट्स।
  • भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन एवं भारत का इतिहास।
  • भारत एवं विश्व का भूगोल।
  • भारतीय संविधान, पालिटिकल सिस्टम, पंचायती राज, पब्लिक पाॅलिसी, राइट्स इश्यू आदि।
  • आर्थिक एवं सामाजिक विकास-सतत विकास, गरीबी, इन्क्लूजन, डेमोग्राफिक्स, सोशल सेक्टर इनीशिएटिव आदि।
  • पर्यावरण इकोलाजी, बायो-डायवर्सिटी, क्लाइमेट चेंज से जुड़े सामान्य मुद्दे।
  • सामान्य विज्ञान।

पेपर-2 का तहसीलदार सिलेबस (syllabus of paper-2)

  • कांप्रेहेन्शन।
  • कम्युनिकेशन स्किल समेत इंटरपर्सनल स्किल।
  • लाजिकल रीजनिंग एंड एनालिटिकल एबिलिटी।
  • डिसीजन मेकिंग एंड प्राब्लम साल्विंग।
  • जनरल मेंटल एबिलिटी।
  • बेसिक न्यूमरेसी (नंबर एवं उनके रिलेशन, मैग्नीट्यूड आर्डर, डाटा इंटरप्रिटेशन, चार्ट, ग्राफ, टेबल, डाटा सफिशिएंसी)।
  • आपको बता दें कि न्यूमरेसी से जुड़े प्रश्न कक्षा 10 के लेवल के आएंगे।

2. मुख्य परीक्षा एवं तहसीलदार सिलेबस (main exam and syllabus)

आपको बता दें कि जो अभ्यर्थी प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण घोषित होते हैं, उन्हें मुख्य परीक्षा में शामिल होने के लिए न्योता भेजा जाता है। इसमें व्याख्यात्मक प्रश्न आते हैं। यह परीक्षा प्रारंभिक परीक्षा से कठिन मानी जाती है। इसमें निम्न पेपर होते हैं-

क्वालिफाइंग पेपर (qualifying papers)

अभ्यर्थियों को निम्न पेपर्स में क्वालिफाई करना आवश्यक होगा-

Paper-A यह अभ्यर्थी द्वारा चुनी गई किसी भी भारतीय भाषा पर आधारित पेपर होगा। इसके लिए 300 अंक निर्धारित किए गए हैं।

Paper-B यह इंगलिश का पेपर होगा। इसके लिए भी 300 अंक निर्धारित किए गए हैं।

आपको बता दें कि इन दोनों पेपरों का 10वीं कक्षा और इसके समकक्ष का स्तर होगा। इसके साथ ही आपको यह भी जानकारी दे दें कि अरूणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड एवं सिक्किम के लोगों के लिए पेपर-ए क्वालिफाई करना आवश्यक नहीं होगा।

मेरिट के लिए ये पेपर काउंट किए जाएंगे-

दोस्तों, आपको बता दें कि मेरिट तैयार करने के लिए इन पेपर्स को काउंट किया जाएगा।

पेपर-1 (essay)—————————-250 अंक
पेपर-2 (general studies-1)—————250 अंक
पेपर-3 (general studies-2)—————–250 अंक
पेपर-4-(general studies-3)——————-250 अंक
पेपर-5 (general studies-4)——————-250 अंक
पेपर-6 (optional subject)–250 अंक
पेपर-7 यह (optional subject)—-250 अंक

मुख्य परीक्षा के लिए वैकल्पिक विषय-

  • एग्रीकल्चर
  • एनिमल हजबैंड्री एं वेटरनरी साइंस
  • एंथ्रोपोलाजी
  • बाटनी
  • केमिस्ट्री
  • सिविल इंजीनियरिंग
  • कामर्स एंड एकाउंटेंसी
  • इकोनामिक्स
  • इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
  • जियोग्राफी
  • जियोलाजी
  • हिस्ट्री
  • ला
  • मैनेजमेंट
  • मैथमेटिक्स
  • मैकेनिकल इंजीनियरिंग
  • मेडिकल साइंस
  • फिलासफी
  • फिजिक्स
  • पालिटिकल साइंस एंड इंटरनेशनल रिलेशंस
  • साइकोलाजी
  • पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन
  • सोशियोलाजी
  • स्टेटिस्टिक्स
  • जूलाजी
  • लिटरेचर-(इन भाषाओं में-असमिया, बंगाली, बोडो, डोगरी, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मैथिली, मलयालम
  • मणिपुरी, मराठी, नेपाली, उड़िया, पंजाबी, संस्कृत, संथाली, सिंधी, तमिल, तेलुगु, उर्दू, इंगलिश)।

3. साक्षात्कार (interview)

साथियों, आपको बता दें कि यह परीक्षा का आखिरी चरण है। इसके लिए 275 अंक निर्धारित किए गए हैं। मुख्य परीक्षा में खरे उतरने वाले अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए काल किया जाता है। इंटरव्यू में अभ्यर्थी की मेंटल अलर्टनेस, लाजिकल थिंकिंग (logical thinking), जजमेंट बैलेंस (judgement balance), लीडरशिप (leadership), इंटेलैक्चुअल एबिलिटीज (intellectual ability) को आंका जाता है।

जो अभ्यर्थी इस चरण को पार कर लेते हैं, उनकी मेरिट तैयार की जाती है। इस मेरिट के आधार पर ही अभ्यर्थियों की तहसीलदार के रूप में भर्ती की जाती है।

डेनिक्स (DANICS) क्यों अलग है

हमने आपको बताया कि यूपीएससी DANICS के राज्यों के ग्रुप-बी के अधिकारियों की नियुक्ति के लिए यह परीक्षा आयोजित करती है। DANICS का अर्थ है- दिल्ली (Delhi), अंडमान निकोबार द्वीपसमूह (Andaman and Nicobar Islands), दादरा नागर हवेली (dadra and Nagar haveli), दमन एवं दीव (daman and diu) सिविल सर्विसेज।

दिल्ली सिविल सेवा की बात करें तो डेनिक्स के तहत केंद्र शासित क्षेत्र दिल्ली की प्रशासकीय आवश्यकताओं के मद्देनजर अधिकारियों की प्रतिपूर्ति के लिए इसका गठन किया गया था। आपको बता दें कि इन क्षेत्रों का राजनीतिक आर्थिक ढांचा भिन्न होता है।

एक तहसीलदार का वेतन कितना होता है?

दोस्तों, यह सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न होता है, जो तहसीलदार बनने के इच्छुक तमाम अभ्यर्थियों के दिमाग में घूमता है। आपको बता दें कि एक तहसीलदार की सैलरी प्रतिमाह 56,100 रूपये से लेकर 1,32,000 रूपये तक होती है। इसके साथ ही पद के अनुसार उन्हें कई तरह की सरकारी सुविधाएं मिलती हैं।

तहसीलदार बनने के लिए कबसे एवं किस प्रकार तैयारी करें

तहसीलदार बनने के लिए आपको ग्रेजुएशन के साथ साथ तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। वही विषय लें, जिनमें आपकी रूचि हो, जिसमें आप बाद में परीक्षा देना चाहें। इसके अतिरिक्त आपको अच्छी तैयारी के लिए इन टिप्स पर अमल करना होगा-

  • आपको अपना टाइम टेबल बनाकर पढ़ाई करनी होगी।
  • अपने करेंट अफेयर्स (current affairs) को मजबूत करना होगा। इसके लिए आप इंटरनेट का भी सहारा ले सकते हैं।
  • तहसीलदार सिलेबस को डाउनलोड कर लें। उसमें दिए गए विषयों के अनुसार विस्तार से पढ़ाई करें।
  • जो विषय होता जाए, उस पर टिक करते चलें एवं आगे बढ़ें ताकि बाद में रिवीजन के लिए आपके पास पर्याप्त समय हो।
  • अपने क्षेत्र के तहसीलदार से मिल सकते हैं, इससे आपको परीक्षा के बारे में काफी कुछ टिप्स मिल सकते हैं।
  • सिविल सेवा परीक्षा में क्लियर कर चुके अभ्यर्थियों के इंटरव्यू देखें। उनका प्रीपरेशन प्लान
  • (Preparation plan) समझें एवं अपने अनुसार उसे तब्दील कर पढ़ाई करें।
  • यदि आपको कोचिंग आवश्यक लगे तो आप कोई कोचिंग सेंटर भी ज्वाइन कर सकते हैं। इससे आपको नियमित अभ्यास का लाभ होगा।
  • अपनी पर्सनैलिटी पर भी खासा ध्यान दें। साफ सुथरे कपड़े पहनें, किसी से बात करें तो तर्क आधारित बात करें।
  • अपनी विज्ञान से जुड़ी समझ को भी विकसित करें।
  • कोई रूचि विकसित करें एवं उस पर विस्तार से जानकारी हासिल करें। जैसे-आपको साहित्य पढ़ने का शौक हो एवं प्रेम चंद को पसंद करें तो उन्होंने कौन कौन सी किताबें लिखीं, यह आपके टिप्स पर होना चाहिए।
  • किसी भी विषय को केवल फौरी तौर पर न पढ़ें उसके बारे में विश्लेषण की क्षमता विकसित करें।

हजारों अभ्यर्थी तहसीलदार बनने के लिए गांव से पढ़ने शहर आते हैं

साथियों, इस तथ्य से आप भी नावाकिफ नहीं होंगे कि गांवों में आजादी के साढ़े सात दशक बाद भी शिक्षा का स्तर बहुत फंचा नहीं जा पाया है। ऐसे में अपने सपनों को पूरा करने के लिए, अफसर बनने के लिए अभ्यर्थियों को शहर की राह पकड़नी पड़ती है।

बेहतर शिक्षा, कोचिंग के बेहतरीन साधन शहर में ही मौजूद है। हालांकि अब आनलाइन का जमाना है। कोरोना काल के दौरान बहुत सारे प्लेटफार्म पर प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए आनलाइन कोचिंग भी उपलब्ध है। लेकिन स्मार्ट फोन, इंटरनेट का खर्च, इंटरनेट कनेक्टिविटी की दिक्कत, पढ़ाई का माहौल आदि ऐसे बहुत सारे कारण हैं, जिसकी वजह से छात्र गांवों की अपेक्षा शहरों में रहकर पढ़ाई करने को प्राथमिकता देते हैं।

यदि दिल्ली की बात करें तो वहां के मुखर्जीनगर की पहचान ही कोचिंग संस्थानों की वजह से है। वहां हर साल हजारों विद्यार्थी प्रशासनिक अधिकारी अथवा कोई बड़ा अफसर बनने की चाह में पहुंचते हैं। खास बात यह है कि इनमें से ज्यादातर विद्यार्थी दूरस्थ पिछड़े इलाकों से होते हैं। वे कोचिंग एवं कुछ बनने की इच्छा में सालों घर नहीं जाते। यदि वे तहसीलदार बन जाते हैं तो उनके मां बाप एवं उनकी तपस्या सफल हो जाती है।

तहसीलदार कौन होता है?

तहसीलदार एक तहसील का सबसे बड़ा राजस्व अधिकारी एवं ई मजिस्ट्रेट होता है। उसे हिंदी में कार्यपालक दंडाधिकारी भी पुकारा जाता है।

तहसीलदार क्या क्या कार्य करता है?

जमीन से जुड़े विवादों को सुनना एवं उनका निपटारा करना।
साथ ही राजस्व का समुचित संग्रह सुनिश्चित करना तहसीलदार का प्रमुख कार्य है।

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दिल्ली में तहसीलदार बनने के लिए कौन परीक्षा कराता है?

दिल्ली में तहसीलदार की नियुक्ति डेनिक्स ग्रुप-बी के तहत होती है। यह परीक्षा यूपीएससी कराता है।

डेनिक्स सिविल सर्विस एग्जाम कितने चरणों में होता है?

यह एग्जाम तीन चरणों में होता है-प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा एवं इंटरव्यू।

सिविल सेवा परीक्षा कितने अंकों की होती है? इंटरव्यू कितने अंकों का होता है?

सिविल सेवा परीक्षा 2025 अंकों की होती है। इंटरव्यू के लिए 275 अंक निर्धारित हैं।

तहसीलदार बनने के लिए न्यूतनम शैक्षणिक योग्यता क्या निर्धारित की गई है?

तहसीलदार बनने के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता ग्रेजुएशन निर्धारित की गई है।

दोस्तों, इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको दिल्ली तहसीलदार सिलेबस फुल | दिल्ली में तहसीलदार कैसे बनें? बनने संबंधी आवश्यक जानकारी दी। उम्मीद है कि यह पोस्ट आपके लिए उपयोगी साबित होगी। यदि आप तहसीलदार अथवा नायब तहसीलदार बनना चाहते हैं तो आपको इस पोस्ट से सहायता मिली होगी। यह पोस्ट आपको कैसी लगी, हमें अपनी प्रतिक्रिया से अवश्य अवगत कराएं। ।।धन्यवाद।।

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प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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