होशियार कैसे बने? होशियार बनने के 15 तरीके | Hoshiyar Kaise Bane?

||होशियार कैसे बने? होशियार बनने के 15 तरीके, Hoshiyar Kaise Bane?, चतुर चालाक कैसे बने, स्टाइलिश कैसे बने, अक्लमंद कैसे बने, कामयाब होने के लिए क्या करना चाहिए, समझदार व्यक्ति के लक्षण ||

दुनिया बहुत आगे निकल चुकी हैं और आज के समय में अपना काम निकलवाने के लिए होशियार बनना ही पड़ेगा। अब पहले जैसा जमाना बिल्कुल भी नही रहा जब कोई भी किसी की भी बात मान जाया करता था या फिर इसे दूसरे शब्दों (Hoshiyar kaise bante hain) में कहे तो आजकल किसी पर (Sabse hoshiyar kaise bane) भी जल्दी से विश्वास करने वाला समय नही रहा हैं। इसलिए हमें समय के साथ आगे बढ़ते हुए चौकन्ने और होशियार रहने की आवश्यकता हैं।

तो यदि आप इस लेख में होशियार कैसे बने या इसके लिए क्या किया जाए और क्या नही, के बारे में जानने आये हैं तो आज हम आपको उसी के बारे में विस्तार से बताएँगे। नीचे दिए गए लेख (Hoshiyar kaise banaye) में आपको होशियार बनने के ऊपर कई तरह के उपायों और ट्रिक्स के बारे में जानने को मिलेगा जिन्हें अपना कर आप भी बहुत ही आसानी से होशियार बन सकते हैं और ज़माने के साथ आगे बढ़ सकते हैं।

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होशियार कैसे बने (Hoshiyar Kaise Bane)

अब यदि आप होशियार बनना चाहते हैं तो उसके लिए पहले यह जान ले कि आखिरकार होशियार व्यक्ति किसे कहा जाता है। होशियार व्यक्ति वह नही होता जो बहुत (Hoshiyar banne ka tarika) पढ़ा लिखा हो या या फिर अनपढ़ व्यक्ति होशियार नही हो सकता यह भी सही नही है। होशियार कोई भी हो सकता है फिर चाहे वह बहुत पढ़ा लिखा हो या अनपढ़। दरअसल होशियार का मतलब होता है दूसरों को समझना और अपना काम निकलवाना जानना।

इसे आप चालक समझने की भी गलती ना करे क्योंकि अक्सर चालक व्यक्ति को छल करने वाला समझ लिया जाता हैं किंतु होशियार व्यक्ति वैसा नही होता (Hoshiyar kaise bane in Hindi) है। होशियार व्यक्ति उसे कहा जाता हैं जो चतुराई से अपना और दूसरों का काम बनवा दे। चालक व्यक्ति केवल अपना काम निकलवाना जनता हैं जबकि होशियार अपने काम के साथ साथ दूसरों का काम भी बनवाता हैं।

तो ऐसे में यदि आप भी होशियार बनना चाहते हैं तो आज हम आपके साथ होशियार बनने की कुछ आसान टिप्स साँझा करने वाले हैं जिन्हें आपको अवश्य जानना चाहिए। इन्हें जानकर आप समझ पाएंगे कि आखिर किस तरीके से आप भी होशियार बन सकते हैं।

होशियार कैसे बने? होशियार बनने के 15 तरीके | Hoshiyar Kaise Bane?

#1. परिवार के साथ बैठे

यदि आप सच में होशियार बनना चाहते हैं तो आपको अपने परिवार के लोगों के साथ ज्यादा समय बिताना चाहिए। आज के समय में लोग अपने परिवार के साथ कम और बाहर के लोगों के साथ ज्यादा समय बिताते हैं। अब ये बाहर के लोग कौन होते हैं? बाहर के लोग वो होते हैं जिन्हें आप अपना दोस्त कहते हैं। तो दोस्त किस उम्र के होंगे? आप कहेंगे कि आपकी ही उम्र के। यदि आपकी उम्र के नही भी हुए तो भी वे आपकी उम्र से 5 वर्ष ऊपर नीचे ही होंगे। इससे ज्यादा अंतर तो नही होगा ना।

तो परिवार में तो ऐसा कुछ नही होता हैं। परिवार में तो आपको कई तरह की पीढियां मिलेंगी। वह केवल आपसे उम्र में ही छोटी या बड़ी नही होंगी बल्कि विचारों में भी बहुत अलग होंगी। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि दोस्त तो ज्यादातर आप उन्हें ही बनायेंगे जो आपसे मैच करते हो। तो यदि आप परिवार के लोगों के साथ समय बिताएंगे तो आपको बहुत कुछ सीखने और जानने को मिलेगा। यह सब चीज़े आपको होशियार बनाने में मदद करेगी।

#2. अलग विचारो वाले दोस्त भी बनाये

अक्सर हम उन्हें ही दोस्त बनाना पसंद करते हैं जिनके विचार हम से समान हो या फिर जैसा वो सोचते हैं वैसा ही हम भी सोचते हो। जिनकी सोच हमसे अलग होती हैं या जो हम पसंद करते हैं और वह चीज़ उन्हें बिल्कुल भी पसंद नही हैं तो हम उसे कुछ ही समय बाद रिश्ता तोड़ लेते हैं या फिर उनसे झगड़ लेते हैं। आजकल असहमति को लोग कटुता से जोड़कर देखने लगे हैं जिसमे कोई भी अपने विचारों के विपरीत सुनना ही नही चाहता हैं।

तो यदि आपकी भी वैसी ही आदत हैं तो आज से ही इसे बदल डालिए। आपको अपनी मित्र सूची में कुछ ऐसे दोस्त भी जोड़ने चाहिए जिनकी सोच आपसे भिन्न हो या जो आपसे अलग सोच रखते हो। यदि आप ऐसे दोस्त भी बनायेंगे तो अवश्य ही इसका बहुत लाभ आपको मिलेगा। आपको दूसरों के विचार और सोच को करीब से जानने का अवसर प्राप्त होगा जो आपको होशियार बनाने में मदद करेगा।

#3. सामाजिक कार्यक्रमों में भाग ले

अब जब हमने परिवार और दोस्तों के बारे में बात कर ली हैं तो बात आती हैं समाज की। सोशल मीडिया के ज़माने में अक्सर यह देखा जाता हैं कि वह समाज या रिश्तेदारों को कोसता ही रहता हैं लेकिन वह केवल आभासी दुनिया हैं। हम सभी को इसी समाज में जीना होता हैं और इसी समाज में ही मरना होता हैं। यह मत भूलिए कि आप भी उसी समाज का ही एक हिस्सा हैं और जो लोग सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं वो भी समाज का ही एक हिस्सा हैं। अब समाज लोगों से मिलकर ही तो बनता हैं।

तो यदि आप होशियार बनना चाहते हैं तो आपको समाज में अपनी सहभागिता बढ़ानी होगी। इसके लिए आप अपने आसपास के लोगों से मिले, उनसे अपना मेल बढ़ाये और सामाजिक कार्यक्रमों में भाग ले। जितना हो सके सभी के साथ मधुरता से व्यवहार करे और किसी को बुरा ना कहे। यह समाज में आपकी प्रतिष्ठा को भी बढ़ाने का काम करेगा और आपको होशियार भी बनाएगा।

#4. व्यर्थ बाते ना करे

बहुत बार यह देखने को मिलता हैं कि कुछ व्यक्ति आवश्यकता से अधिक बोलते हैं। ऐसे लोगों को बड़बोला कहा जा सकता हैं जो अपने मन में कुछ भी नही रखते या फिर यूँ कह दे कि उन्हें हर बात पर अपनी टिप्पणी या कटाक्ष करना ही होता है। तो यदि आपकी भी वही आदत हैं तो आज से ही इस आदत में बदलाव लाने का प्रयास शुरू कर दे। किसी को भी यह पसंद नही आएगा कि आप आवश्यकता से अधिक बोले।

कहने का अर्थ यह हुआ कि आप जिनके सामने भी कटाक्ष या टिप्पणी कर रहे हैं वे अवश्य ही उस समय आपका साथ निभाएंगे या आपके साथ कटाक्ष या हंसी मजाक करेंगे लेकिन मन ही मन वे आपको सही व्यक्ति नही समझेंगे। उनके मन में यह अवधारणा बनेगी कि दूसरों के सामने आप उनके बारे में भी कुछ ऐसी ही टिप्पणी करते होंगे। इसलिए आप व्यर्थ की बातो को ना बोले और ना ही किसी पर कटाक्ष करे।

#5. लोगों को ध्यान से सुने

अब यदि आप होशियार बनना ही चाहते हैं तो आपको एक और गुण अपनाना होगा और वह है लोगों की बातों को ध्यान से सुनना और उन्हें समझना। कहने का तात्पर्य यह हुआ कि केवल कम बोलना या व्यर्थ की बाते नही बोला ही एक गुण नही होता हैं, यह भी बहुत मायने रखता हैं कि आप सामने वाले को कितने ध्यान से और तसल्ली से सुन रहे हैं। यह ना केवल उन्हें अच्छा लगेगा बल्कि आपको भी इसका अप्रत्यक्ष रूप से लाभ होगा।

यहाँ हम यह कहना चाह रहे हैं कि सामने वाले की बाते शायद हमे उस समय स्वाभाविक ना लगे लेकिन कुछ समय बाद या कुछ वर्षों के पश्चात हमें वह प्रासंगिक लग सकती हैं। आपको भी यह अनुभव होता होगा कि उस व्यक्ति की कही गयी यह बात जिससे आप सहमत नही थे, वह आज के समय में सच निकली। तो सामने वाले की बात को हमेशा ध्यान से सुने फिर चाहे आप उसे सहमत हो या नही।

#6. स्पष्टता से बात करे

अभी तक आपने यह तो जान लिया कि आपको जो भी बोलना हैं वह कम और सही बोलना हैं लेकिन इस बात का भी ध्यान रखे कि आप चीजों को स्पष्ट तरीके से दूसरों के सामने रखे। कई बार हम बात को घूमा फिर कर या सही से नही बताते हैं और उसे गोल गोल घुमाते हैं। यह गलत व्यवहार हैं। इससे सामने वाला व्यक्ति भी सही महसूस नही करता है। इसके लिए आपको अपने व्यवहार में स्पष्टता लानी चाहिए।

आप यह मत सोचिये कि इससे सामने वाले व्यक्ति को अच्छा लगेगा या बुरा या फिर वह कैसा सोचेगा। आपको बस अपने व्यवहार और बातो में स्पष्टता रखनी होगी। इसके लिए आप चाहे कुछ भी करे या कैसा भी करे। शुरुआत में कुछ समय के लिए समस्याओं का सामना करना पड़ सकता हैं लेकिन धीरे धीरे सब सामान्य हो जाएगा। इसलिए आज से ही इस पर अमल करना शुरू कर देंगे तो सही रहेगा।

#7. कमजोरियां दूसरों के सामने ना खोले

एक होशियार व्यक्ति की यह भी पहचान होती हैं कि वह दूसरों के सामने अपनी कमजोरियों को नही बताता है। यहाँ कमजोरी से मतलब आपकी शारीरिक कमजोरी नही बल्कि मानसिक कमजोरी से हैं। उदाहरण के रूप में जैसे कि आपको किसी चीज़ से डर लगता हैं या आप यह चीज़ सहन नही कर पाते हैं या फिर आप किसी चीज़ को देखकर क्रोधित हो जाते हैं इत्यादि। तो आपको यह कमजोरियां दूसरों के सामने नही बतानी चाहिए।

आजकल समय वैसा नही रहा जैसा कि आप समझते हैं। आज के समय में लोग दूसरों की कमजोरियों को कम करने की बजाए उनका लाभ उठाने में लगे रहते हैं। वे बस अपना काम बनवाना जानते हैं फिर चाहे उसके लिए उन्हें अपनों की कमजोरियां का फायदा ही क्यों ना उठाना पड़े। तो यदि आप सच में होशियार बनना चाहते हैं तो आपको अपनी कमजोरियां बताना छोड़ना होगा।

#8. निडर बने

होशियार व्यक्ति की एक पहचान और होती हैं और वह हैं उसका निर्भय बने रहना। कई बार ऐसा देखने में मिलता हैं कि व्यक्ति सही होते हुए भी अपनी बात को कहने से डरता है या हिचकिचाता है। उसे लगता है कि सामने वाला उसके बारे में क्या सोचेगा या अपनी क्या राय रखेगा या उसकी बात पर क्या प्रतिक्रिया होगी इत्यादि इत्यादि। तो यदि आपके मन में भी कुछ इसी तरह का डर रहता हैं तो आज से ही इसे अपने मन से निकाल दे।

यदि आप सच में होशियार बनना चाहते हैं तो आपको अपनी बात बोलते समय निर्भयी बनना पड़ेगा। अपनी बात को अडिगता के साथ रखना सीखना होगा। यदि आपका स्वयं पर ही विश्वास नही होगा तो फिर दूसरे कैसे ही आप पर विश्वास कर पाएंगे। इसलिए आवश्यक हैं कि आप निर्भयी बने और अपनी बात को दृढ़ता से रखने सीखे।

#9. स्वयं को कम ना समझे

एक तरह से देखा जाए तो कोई भी होशियार या कम होशियार नही होता। सभी एक जैसे ही होते हैं। बस जिनमे आत्म विश्वास की कमी देखने को मिलती हैं वे पीछे रह जाते हैं जबकि बाकि आगे निकल जाते हैं। ऐसा इसलिए होता हैं क्योंकि आपको लगता होगा कि सामने वाले व्यक्ति आपसे ज्यादा होशियार हैं या फिर उन्हें आपसे ज्यादा आता हैं या वे आपसे ज्यादा जानते हैं जबकि ऐसा होता नही हैं। इसे स्वयं को दूसरों से कम आंकना कहा जा सकता हैं।

तो यदि आपके अंदर भी ऐसी ही भावना हैं तो आपको आज से ही इस भावना का त्याग कर देना चाहिए। आपको अपने मन में यह पक्का कर लेना चाहिए कि आप भी किसी से कम नही हैं और ना ही सामने वाला आपसे ज्यादा होशियार है। इसके लिए पहले आपको अपने मन को मजबूत करना सीखना होगा और तभी बात बन पायेगी। इसलिए अपने आप पर भरोसा करना सीखे।

#10. चीज़ों का आंकलन करे

अब यदि आप होशियार बनना चाहते हैं तो आपको चीजों का आंकलन करना सीखना होगा। आज के समय में बहुत सारी ऐसी चीज़े हैं जिनसे सीखा जा सकता हैं और अपने आपको अपडेट रखा जा सकता हैं। जैसे कि आपके घर में कोई चीज़ आई हैं या कोई चीज़ लाने पर विचार चल रहा हैं। उदाहरण के तौर पर आपके घर में एक नए फ्रिज की आवश्यकता हैं लेकिन कौन सा फ्रिज लिया जाए और कौन सा नही यह झंझट हैं।

तो इस समय आप अपनी होशियारी दिखा सकते हैं। इसके लिए आपको चीज़ों का सही आंकलन करना सीखना होगा। आप ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों माध्यम से यह देखे कि किस तरह का फ्रिज आपके घर के लिए सबसे बेस्ट रहेगा। आपके घर की स्थिति क्या है, उसमे कितने लोग रहते हैं, कितने बड़े फ्रिज की आवश्यकता हैं इत्यादि सभी चीजों का सही से आंकलन करे। यह भी होशियार बनने की दिशा में उठाया गया एक सकारात्मक कदम होगा।

#11. जल्दी से भरोसा ना करे

जैसे कि हमने आपको ऊपर ही बताया कि आजकल जमाना वैसा नही रहा जैसा कि आप सोचते हैं। हर कोई अपना काम निकलवाना जनता हैं और लोग भी पहले की अपेक्षा बहुत स्वार्थी हो गए हैं। तो यदि आप सोचते हैं कि आप दूसरों पर विश्वास करके या उन्हें अपने मन की बात बताकर सही कर रहे हैं तो आप बहुत बड़ी गलती कर रहे हैं। आजकल लोग आपकी आँखों में आँखें मिलाकर झूठ बोलने की क्षमता रखते हैं।

तो ऐसे में आपको भी चौकन्ने रहने की आवश्यकता हैं। आपको अब किसी पर भी आँख बंद करके विश्वास करने की आवश्यकता नही हैं। हम यह नही कह रहे हैं कि आप दूसरों पर विश्वास करना ही छोड़ दे लेकिन आपको आँख बंद करके नही विश्वास करना चाहिए। यह आपके लिए ही बुरा सिद्ध होगा। इसलिए होशियार बनने के लिए दूसरों पर आंख बंद करके भरोसा ना करे।

#12. तकनीक को समझे

अब का जमाना तकनीक का जमाना हैं और हर चीज़ ऑनलाइन हो चली हैं। अब आप घर बैठे अपना कोई भी काम केवल अपने मोबाइल और इंटरनेट के माध्यम से कर सकते हैं। फिर चाहे आपको बिजली का बिल भरवाना हो या कोई अन्य बिल, आपको कपड़े खरीदने हो या फ्रिज या घर के राशन का सामान। आपको किसी से बात करनी हो या उन्हें देखना हो, या आपको टिकट बुक करवानी हो या किसी चीज़ पर ओनी राय देनी हो। आपका हर काम केवल और केवल तकनीक के माध्यम से हो जाया करेगा।

तो अब सब काम ऑनलाइन हो चला हैं और आपको उसका सही से इस्तेमाल करना ही नही आता हैं तो फिर कैसे ही काम चलेगा। आपको यह समझना होगा कि यह कोई बहुत बड़ी चीज़ नही हैं। आपको भी तकनीक का इस्तेमाल करना आना चाहिए। आपको इसे सीखने में ज्यादा से ज्यादा एक सप्ताह लगेगा और इसके बाद आपको भी यह सब करना आ जाएगा। इसलिए अपने आप को भी तकनीक के साथ अपडेट रखेंगे तो होशियार कहलायेंगे।

#13. दूसरों की गलतियों से भी सीखे

अब यदि आप अपने जीवन में खुद ही सब गलतियाँ करते रहेंगे और उनसे सीखते रहेंगे तो विश्वास कीजिए आपके लिए यह जीवन कम पड़ जाएगा। तो यदि आप चाहते हैं कि आप होशियार बने तो आपको दूसरों की गलतियों से सीखना शुरू कर देना चाहिए। कहने का तात्पर्य यह हुआ कि यह आवश्यक नही कि सब गलतियाँ आप ही करे और फिर उनसे सीखे। आप दूसरों की गलतियों से भी तो बहुत कुछ सीख सकते हैं और आगे बढ़ सकते हैं।

इसलिए आप जिनसे भी मिलते हैं या जिनके साथ भी रहते हैं या जिन्हें भी जानते हैं, उनके जीवन का अनुसरण करे। देखे कि वे क्या गलती करते हैं या फिर क्या सही काम करते हैं। उसका अवलोकन करे और देखे कि उससे बेहतर क्या हो सकता था या आप ऐसा क्या करते जो उनसे बेहतर होता। यह आपको एक नए सिरे से सोचने पर विवश कर देगा जो आपको होशियार बनाएगा।

#14. हमेशा हां में हां ना मिलाये

एक होशियार व्यक्ति की पहचान यह भी होती हैं कि वह हमेशा दूसरों की हां में हां नही मिलाता है। कहने का तात्पर्य यह हुआ कि ऐसा तो हो नही सकता हैं कि आप दूसरों की हर बात से हमेशा सहमत हो फिर भी आप उन्हें बुरा ना लगे, यह सोच कर उनकी हां में हां मिला देते होंगे। फिर चाहे वह चीज़ आपको अच्छी लगती हो या नही। तो यदि आप ऐसा ही करते हैं तो आज से ही इस नियम का त्याग कर दे।

एक होशियार व्यक्ति की पहचान वह होती हैं जो अपनी पसंद ना पसंद को भी महत्ता दे। यह ठीक हैं कि आप दूसरों की पसंद ना पसंद का ध्यान रखते हैं लेकिन इसके साथ साथ आपको अपनी पसंद ना पसंद का भी उतना ही ध्यान रखना चाहिए। यदि आप ऐसा नही करेंगे तो अवश्य ही किसी ना किसी दुविधा में पड़ जाएंगे। इसलिए आगे से अपनी पसंद ना पसंद भी दूसरों को बताये और उन्हें भी इसका पालन करने को कहे।

#15. सजगता बनाए रखे

होशियार बनने के लिए जो एक चीज़ और जरुरी होती हैं वह है आपका सजग रहना। यहाँ हम यह कहना चाह रहे हैं कि यदि आप चाहते हैं कि दूसरे भी आपको होशियार समझे और आप भी पहले की अपेक्षा होशियार बने तो आपको समय के साथ साथ चौकन्ने और सजग रहने की आवश्यकता हैं। आजकल सभी बहुत तेज दौड़ रहे हैं और चीजों को हासिल कर रहे हैं। ऐसे में यदि आप भी नही दौड़ेंगे तो अवश्य ही उनसे पीछे रह जाएंगे।

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यदि आपने समय पर कोई चीज़ नही की या किसी की प्रतीक्षा करते रह गए तो अवश्य ही दूसरे उस पर हाथ मार लेंगे और आप देखते ही रह जाएंगे। इसलिए आपका हर समय सजग रहने की आवश्यकता हैं ताकि आप अपने अधिकार की चीज़ अपने से दूर ना जाने दे। तो होशियार बनने की आखिरी निशानी हैं आपका सजग बने रहना और चीजों को अपने हाथ से नही जाने देना।

होशियार कैसे बने – Related FAQs

प्रश्न: इंटेलिजेंट कैसे बने?

उत्तर: इंटेलिजेंट बनने के लिए आपको अपने आप को मजबूत बनाना होगा और दूसरों की गलतियों से सीखना होगा।

प्रश्न: बुद्धिमान व्यक्ति के क्या लक्षण होते हैं?

उत्तर: बुद्धिमान व्यक्ति के लक्षण होते हैं कि वह बोलता कम और सुनता ज्यादा हैं जिससे कि उसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को जानने का अवसर प्राप्त होता हैं।

प्रश्न: बुद्धिमान किस प्रकार का व्यक्ति होता है?

उत्तर: बुद्धिमान व्यक्ति कोई अलग से नही दिखता हैं। उसमे बस यह अंतर होता हैं कि वह चीज़ों को जल्दबाजी में करने की बजाए उसका अच्छे से अवलोकन कर ही उसे करता है।

प्रश्न: बुद्धिमान व्यक्ति में कौन कौन से गुण होते हैं?

उत्तर: बुद्धिमान व्यक्ति में सुनने, अवलोकन करने, ध्यान लगाने, परखने इत्यादि के गुण होते हैं।

तो यह थी कुछ चीज़े जिनका आप पालन कर सकते हैं। इस बात का ध्यान रखे कि होशियार बनना कोई बहुत बड़ी चीज़ नही होती हैं। बस इसके लिए आपको अपने अंदर थोड़े बहुत परिवर्तन लाने होते हैं जो बहुत ही आसान होते हैं। इसलिए यदि आप सच में होशियार बनना चाहते हैं तो हमारे द्वारा बताये गये सभी चरणों का कड़ाई के साथ पालन करें।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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Comment (1)

  1. नमस्कार सर मेरा नाम गोविन्द गौर है और मैं आपका काफी पुराना विजिटर हूँ मैं आपकी वेबसाइट को बहुत ही ज्यादा पसंद करता हूँ और आपके ऑर्टिकल पढ़ने के बाद मैंने भीं ब्लॉग लिखाना शुरू किया हैं क्या आप मेरी वेबसाइट देख कर बता सकते हैं। इसमें क्या गलती है और क्या मैं सही काम कर रहा हूं प्लीज़ मेरी मदद करें।

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