हर घर नल योजना 2023 आवेदन, उद्देश्य और लाभ | Nal Jal Yojana Online

देश के कई इलाकों में आज भी लोगों को पानी लेने के लिए कई किलोमीटर दूर तक चलकर जाना पड़ता है। उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है। ऐसे में वहां पेयजल की स्थिति का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। लोगों को पेयजल के लिए दूर न जाना पड़े। उन्हें घर में ही पेयजल कनेक्शन के जरिए साफ पानी मिल सके।.इसे देखते हुए सरकार ने हर घर नल योजना शुरू की है। आज इस पोस्ट में हम आपको हर घर नल योजना के बारे में विस्तार से बताएंगे। आपको बस यह पोस्ट ध्यानपूर्वक पढ़नी होगी। आइए, शुरू करते हैं-

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हर घर नल योजना क्या है?

दोस्तों, आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने उत्तर प्रदेश में 22 नवंबर को ‘हर घर नल योजना’ को लांच किया है। इस योजना से उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर और सोनभद्र क्षेत्र के 3,000 गांवों के परिवार लाभान्वित होंगे। आपको बता दें कि इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोनभद्र में थे, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए योजना को लांच किया।

हर घर नल योजना का उद्देश्य और लाभ –

दोस्तों, आइए अब आपको हर घर नल योजना का उद्देश्य और इसके लाभ के बारे में बताएं। योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को पेयजल में होने वाली दिक्कत को दूर करना और उन्हें घर पर ही साफ पानी मुहैया कराना है। अब इसके लाभ पर आते हैं।

सबसे पहली बात इस योजना के जरिए लोगों को घर पर ही पीने का साफ पानी मिलेगा। इसके लिए उन्‍हें कहीं दूर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्हें पानी की समस्‍या से पूरी तरह छुटकारा मिल जाएगा। इसके अलावा साफ पानी मिलने से उनके स्वास्थ्य में भी सुधार आएगा।

हर घर नल योजना 2021 आवेदन, उद्देश्य और लाभ | Nal Jal Yojana Online

हर घर नल योजना पर कितना खर्च होगा –

हर घर नल योजना के तहत 5,555.38 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। जल शक्ति मंत्रालय के इंजीनियरों के अनुसार इस योजना से उत्तर प्रदेश के दो जिलों मिर्जापुर और सोनभद्र की 41 लाख आबादी को सीधे तौर पर फायदा मिलेगा। सोनभद्र में इस योजना पर 3212 करोड़ रुपये खर्च होने वाले हैं, जबकि मिर्जापुर जिले में इस योजना पर 2343 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। अगले दो सालों में इस पर काम पूरा हो जाएगा।

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योजना की शुरुआत करते हुए क्षेत्र को संसाधनों से भरपूर बताया। लेकिन आजादी के बाद से अब तक इसे नजरअंदाज जाने का आरोप भी पूर्ववर्ती सरकारों पर लगाया। आपको बता दें दोस्तों कि मिर्जापुर और सोनभद्र क्षेत्र में कई नदियां होने के बाद भी यहां सूखे की समस्या रही है। इसी के चलते यहां हर घर नल योजना का शुभारंभ किया गया है।

2995 गांवों तक पाइप लाइन से पानी पहुंचेगा –

साथियों, आपको बता दें कि हर घर नल योजना के तहत सरकार की तैयारी 2,995 गांवों तक पाइपलाइन के जरिए पानी पहुंचाने की है। योजना के शुभारंभ के अवसर पर आदित्यनाथ ने कहा कि देश की आजादी के बाद से अभी तक 398 गांवों को ही पाइप लाइन से जोड़ा गया है। अब हर घर नल योजना के जरिए 2,995 गांवों के लोगों को पानी मिल सकेगा। बताया कि इस योजना के तहत मिर्जापुर के 21,87,980 ग्रामीणों को लाभ पहुंचेगा, जबकि सोनभद्र के 19,53,458 ग्रामीणों को इस योजना के जरिए पीने का साफ पानी मिल सकेगा।

हर घर नल योजना के तहत 2024 तक हर घर में पहुंचेगा पानी का कनेक्शन –

मित्रों, आपको बता दें कि: इस योजना के तहत 2024 तक सरकार देश के ग्रामीण इलाकों में हर एक घर में पीने के पानी का कनेक्‍शन देगी। योजना के तहत झीलों और नदियों के पानी का शुद्धिकरण किया जाएगा और फिर उसे सोनभद्र और मिर्जापुर में रहने वाले परिवारों तक सप्लाई किया जाएगा।

इसके लिए सरकार की खास तैयारी है। घरों तक पानी पहुंचाने के लिए ढांचा (infrastructure) तैयार किया जाएगा। इससे लोगों को घर पर ही पीने का साफ पानी मिलेगा और उन्‍हें कहीं दूर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे उनकी सेहत भी सुधरेगी। उन्हें वह रोग नहीं होंगे, जो दूषित पेयजल पीने की वजह से उत्पन्न हो जाते हैं।

हर घर नल योजना केंद्र सरकार के जल जीवन मिशन का हिस्सा है –

साथियों, आपको पता ही होगा कि सरकार ने 2020-21 के बजट में जल जीवन मिशन या हर घर जल योजना का एलान किया था। हर घर नल योजना उसी का हिस्सा है। आपको बता दें कि इसका मकसद देश के सभी घरों में पाइपलाइन से साफ पानी पहुंचाना है। यह लक्ष्‍य पूरा करने के लिए 2024 तक का समय निर्धारित किया गया है। केंद्र सरकार इस पूरी योजना पर 3.5 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी।

आपको यह भी बता दें कि इस योजना के तहत 2024 तक केंद्र सरकार देश के ग्रामीण इलाकों में हर एक घर में पीने के पानी का कनेक्‍शन देगी। घरों तक पानी पहुंचाने के लिए इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर तैयार किया जाएगा। न केवल घरों तक साफ पानी पहुंचाने पर काम होगा, बल्कि जल संरक्षण पर भी ध्यान दिया जाएगा। यानी पानी को बचाने पर भी इस योजना के तहत विशेष कदम उठाए जाएंगे।

अभी पाइप लाइन से 50 फीसदी सप्लाई भी नहीं –

दोस्तों, हमने आपको बताया कि हर घर नल जल योजना के तहत पाइप लाइनों के जरिए पानी लोगों के घरों में भेजा जाएगा। अभी तक हालात यह है कि 50 फ़ीसदी भी सप्लाई पाइप लाइनों के जरिए नहीं हो पा रही। लोग पानी के लिए अन्य साधनों पर निर्भर हैं। कुछ हैंडपंपों के जरिए, कुछ नदी से, कुछ तालाबों से, गड्ढों से, जलप्रपात से, जलधाराओं से पानी की आपूर्ति करते हैं।

अलग अलग राज्यों में पानी के अलग-अलग संसाधन –

आपको बता दें कि देश के अलग अलग राज्यों में पानी जुटाने के अलग-अलग संसाधन हैं। जैसे कि उत्तराखंड और हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्यों की बात करें तो यहां पर पहाड़ों से निकलने वाले स्रोत से ही पेयजल एवं अन्य कार्य के लिए पानी धोया जाता है। लगातार प्रवाह बने रहने के कारण इस जल को शुद्ध भी माना जाता है। हर गांव के आसपास इस तरह के स्रोत मिल जाते हैं।

इसके अलावा नौले और धारे भी यहां जल के प्रमुख स्रोत हैं वही, हरियाणा जैसे राज्य में की ग्रामीण क्षेत्रों में मिट्टी में बने गड्ढों से भी पानी भरा जाता है। ज्यादातर जगहों पर पानी लाने की जिम्मेदारी महिलाओं की है। घड़े या टोकणी में कपड़ा बांधकर पानी को छान लिया जाता है। इसके बाद इसे घर के अन्य कार्यों में प्रयोग किया जाता है।

भूजल स्तर कई स्थानों पर बहुत नीचे जा चुका है –

साथियों, आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश सहित कई जगहों पर गांव में लोग पानी के लिए हैंडपंपों पर निर्भर हैं। लेकिन बारिश के कम होने से और जगह जगह सब मर्सिबल खुद जाने की वजह से भूजल स्तर में भी कमी देखने को मिली है। शहरों से लगते ग्रामीण क्षेत्रों में यह समस्या अधिक विकट देखने को मिली है। बहुत जगह तो पानी का स्तर इतना नीचे है कि कि लोग घर में लगे हैंडपंप की जगह दूसरी जगह से पानी भरकर लाने को प्राथमिकता देते हैं। यहां हैंडपंपों पर पूरा जोर लगाने के बावजूद धरती पानी नहीं उगलती।

आपको बता दें कि जहां को जगह पानी का स्तर इतना खराब है वहीं कई गांव में इतना बेहतर भी है कि हैंडपंप झमाझम पानी बोलते हैं। बात नदियों की करें, तो कुछ नदियां इतनी प्रदूषित हो चुकी हैं कि उनसे पानी लेना तो दूर लोग उनके आसपास से भी नहीं गुजरते। पश्चिमी यूपी की एक नदी काली नदी का ऐसा ही हाल है।

उसके आसपास के खेतों में होने वाली सब्जियों तक में कैंसर उत्पन्न करने वाले तत्व पाए गए हैं। और लोग बीमार भी हुए हैं। काली नदी इस हद तक प्रदूषित हो चुकी है कि उसे साफ करना नामुमकिन के ही बराबर है। और कहना ना होगा कि यह सब मानवीय हस्तक्षेप की वजह से हुआ है। नदियों को खराब करने का गुनाह मानव के ही ऊपर है।

अधिकारियों को खास तौर पर निर्देशित किया गया –

केंद्र के जल जीवन मिशन और हर घर जल योजना के तहत उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार समेत सभी राज्यों में हर घर नल योजना शुरू की गई है। इस योजना की मानिटरिंग खुद प्रथानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं। ऐसे में खास तौर पर भाजपा शासित राज्य सरकारों ने इस योजना को सफल बनाने में पूरी ताकत लगा दी है।

राज्यों के सीएम की ओर से पेयजल विभाग के आला अधिकारियों को विशेष निर्देश जारी किए गए हैं। उनकी ओर से विशेष कार्य योजना बनाकर कार्य को प्राथमिकता से अंजाम दिया जा रहा है। जैसा कि हम आपको बता चुके हैं कि योजना की डेडलाइन 2024 तय की गई है। ऐसे में उनकी तरफ से भरपूर प्रयास किया जा रहा है कि यह कार्य समय पर पूरा हो सके।

हर घर नल योजना के तहत कनेक्शन लेने के लिए आवेदन कैसे करें?

मित्रों, आपको बता दें कि योजना के तहत कनेक्शन लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन भी किया जा सकेगा। इसकी प्रक्रिया के बारे में हम आपको विस्तार से जानकारी देंगे, लेकिन आपको बता दें कि इसके लिए अभी आधिकारिक वेबसाइट शुरू नहीं की गई है। जैसे ही इस दिशा में कदम आगे बढ़ाया जाएगा, हम आपको तुरंत अपडेट करेंगे और आवेदन प्रक्रिया की जानकारी देंगे। इसके लिए आप हमारी वेबसाइट पर लगातार आते रहें और अपडेट पर नजर बनाए रखें।

अंतिम शब्द –

केंद्र सरकार ग्रामीणों की भलाई के लिए कई तरह की योजनाएं चला रही है। केंद्र की हर घर नल योजना भी एक ऐसी ही योजना है। पेयजल के लिए ग्रामीण इलाकों में हो रही दिक्कत को देखते हुए यह योजना तैयार की गई और अब इसे मूर्त रूप दिया जा रहा है। उम्मीद है कि 2024 तक ग्रामीण इलाकों में स्थितियों में सुधार देखने को मिलेगा। और जैसा कि सरकार का दावा है कि लोगों को घर में ही साफ पेयजल उपलब्ध होगा, यदि ऐसा हो पाता है तो यह सरकार की बड़ी उपलब्धि होगी।

इस योजना का एक बड़ा फायदा ग्रामीण इलाकों में दूषित पेयजल से होने वाली बीमारियों की रोकथाम के रूप में देखने को मिल सकता है। क्योंकि ग्रामीण इलाकों में लोग अक्सर दूषित पेयजल से होने वाली बीमारियों डायरिया, हैजा आदि से ग्रसित मिलते हैं। यह बीमारियां बड़े पैमाने पर फैलती हैं और लोग मौत के मुंह में जाते हैं।

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इसके अलावा दूरस्थ क्षेत्रों में पानी के लिए जाने के दौरान होने वाली किसी भी अनहोनी से भी ग्रामीण बच सकेंगे। खास तौर पर महिलाएं सुरक्षित रहेंगी। क्योंकि घरों के लिए पानी लाने का जिम्मा लगभग सभी घरों में केवल महिलाओं के कंधों पर डाला गया है। क्योंकि पुरुष अक्सर खेती, व्यवसाय आदि के कार्य से घर से बाहर ही रहते हैं।

हर घर नल योजना से जुड़े प्रश्न उत्तर

हर घर नल योजना क्या हैं?

हर घर नल योजना उत्तर प्रदेश राज्य में शुरु की गई एक महत्वाकांक्षी योजना हैं। इस योजना की अंतर्गत प्रदेश की पानी व्यवस्था को मजबूत बनाया जाएगा।

उत्तर प्रदेश के किन जिलों में हर घर नल योजना को शुरू किया गया हैं?

हर घर नल योजना का लाभ सोनभद्र और मिर्जापुर में रहने वाले परिवारों को दिया जाएगा। बता दे कि इस योजना के अंतर्गत इन दोनों जिलों के 2,995 गांवों को इस इस योजना में शामिल किया जाएगा।

हर घर नल योजना का क्या उद्देश्य है?

उत्तर प्रदेश राज्य के सोनभद्र और मिर्जापुर जिलों में काफी ऐसे गरीब परिवार निवास करते है जिनके घर मे पानी की उचित व्यवस्था नही हैं। और यह आर्थिक रूप से गरीब होने के कारण अपने घर में वह पानी कनेक्शन कराने में सक्षम नही हैं। इसलिए इन जिलों में हर घर नल योजना शुरु किया गया है।

हर घर नल योजना का लाभ कैसे मिलेगा?

हर घर नल योजना का लाभ इन जिलों में विभाग के द्वारा गठन की गई टीम के अनुसार परिवारो को पानी कनेक्शन दिया जाएगा।

दोस्तों, यदि हर घर नल योजना की ही तरह किसी अन्य योजना के संबंध में हम से जानकारी चाहते हैं तो उसके लिए नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते हैं।हमारी पूरी कोशिश आपको संबंधत विषय पर जानकारी मुहैया कराने की रहेगी। ।।धन्यवाद।।

प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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