फ्लैट की रजिस्ट्री कैसे होती है? फ्लैट रजिस्ट्रेशन की पूरी प्रक्रिया 2023

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देश के बड़े शहरों से होकर अब छोटे शहरों में भी तेजी से फ्लैट कल्चर (flat culture) पांव पसार रहा है। इन दिनों जगह की कमी एवं पैसे की बचत के नजरिए से लोग फ्लैट में रहना अधिक पसंद कर रहे हैं। क्या आप भी अपने लिए आशियाना खरीदना चाहते हैं व फ्लैट खरीदने में दिलचस्पी रखते हैं?

यदि हां तो आज हम आपको फ्लैट से जुड़ी सारी जानकारी एक साथ देने की कोशिश करेंगे। जैसे कि फ्लैट क्या होता है? फ्लैट की रजिस्ट्री कैसे होती है? फ्लैट के लाभ-नुकसान क्या क्या हैं? फ्लैट लेते समय किन बातों का ध्यान रखें? आदि आदि। आइए, शुरू करते हैं-

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फ्लैट का क्या मतलब होता है? (What is the meaning of flat?)

मित्रों, आइए सबसे पहले फ्लैट (flat) का अर्थ जान लेते हैं। दोस्तों, यदि बात शाब्दिक अर्थ की करें तो फ्लैट का अर्थ होता है सपाट अथवा समतल। लेकिन यदि बात रिहायश की करें तो इसका अर्थ पूरी तरह से अलग है। फ्लैट किसी भी आवासीय परिसर (residential complex) की एक छोटी इकाई (small unit) होती है। यहां हम इस दूसरे वाले यानी आवासीय इकाई वाले फ्लैट की ही बात करेंगे।

फ्लैट की रजिस्ट्री कैसे होती है? फ्लैट रजिस्ट्रेशन की पूरी प्रक्रिया 2023

बीएचके का क्या अर्थ है? (What is the meaning of BHK?)

आपने पाया होगा कि इन दिनों जब भी आप फ्लैट खरीदने की मंशा से कोई प्रापर्टी देखने जाते हैं तो आपसे पूछा जाता है कि आपको कितने बीएचके (BHK) का फ्लैट चाहिए? एक दो अथवा तीन बीएचके? ऐसे में आपके दिमाग में यह सवाल अवश्य आता है कि यह बीएचके क्या होता है?

मित्रों, आपको बता दें कि बीएचके (BHK) का अर्थ होता है- 1बेडरूम (bedroom), 1हाल (hall) व 1किचन (kitchen)। मिसाल के तौर पर जैसे कि मान लीजिए कोई टू बीएचके लेने की बात करता है तो इसका अर्थ होगा 2 बेडरूम+1हाल+1किचन।

रजिस्ट्री के लिए किन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी? (What documents are required for registry?)

मित्रों, आइए अब आपको जानकारी दे दें कि आपको फ्लैट की रजिस्ट्री के लिए किन किन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी। ये इस प्रकार से हैं-

  • जमीन से संबंधित कागजात। मालिकाना हक/दाखिल-खारिज के पेपर आदि।
  • क्रेता-विक्रेता एग्रीमेंट।
  • क्रेता विक्रेता के पैन कार्ड।
  • क्रेेता-विक्रेता, गवाहों के आधार कार्ड।
  • क्रेता-विक्रेता, गवाहों के फोटोग्राफ।
  • क्रेता-विक्रेता, गवाहों के अंगूठे के निशान, हस्ताक्षर।

फ्लैट की रजिस्ट्री कैसे होती है? (How the registry of a flat is done?)

मित्रों, अब आते हैं फ्लैट की रजिस्ट्री (registry of a flat) पर। यह तो आप जानते ही हैं कि जब भी हम कोई घर, मकान आदि खरीदते हैं तो उसके दस्तावेज अपने नाम पर करवाते हैं। इसके लिए रजिस्ट्री करानी आवश्यक होती है। आइए, जान लेते हैं कि रजिस्ट्री किस प्रकार होती है। इसकी प्रक्रिया इस प्रकार से है-

अब स्टांप ड्यूटी पेपर (stamp duty paper) खरीदें-

यह नान ज्यूडिशियल स्टांप पेपर (non judicial stamp paper) होते हैं, जो आपको कोर्ट में मिलेंगे। आपको बता दें दोस्तों कि प्रत्येक राज्य में स्टांप ड्यूटी (stamp duty) अलग अलग होती है। आप चाहें तो इन पेपर्स को लाइसेंसशुदा विक्रेताओं से भी खरीद सकते हैं।

फ्लैट की खरीद-बिक्री के कागज तैयार कराएं-

यह कागज आपको कोई भी वकील तैयार करके दे देगा। इसमें क्रेता, विक्रेता के नाम, पते का उल्लेख, गवाहों के नाम पते का उल्लेख, प्रापर्टी की विस्तार से जानकारी होती है।

  • फ्लैट की रजिस्ट्री करवाने के लिए सबसे पहले उसकी मार्केट वैल्यू (market value) निकालें।
  • रजिस्ट्री के लिए सब रजिस्ट्रार (sub registrar) के पास जाएं-अब अपने सारे कागजों, दस्तावेजों को लेकर सब रजिस्ट्रार के पास जाएं।
  • यहां कागजात एवं दस्तावेज (papers and documents) जमा (submit) करने के बाद आपको एक रसीद (receipt) मिलेगी। इसे अपने पास संभालकर रखें।
  • सब रजिस्ट्रार आफिस (sub registrar office) से आपके दस्तावेज वेरिफाई (documents verify) किए जाएंगे। इसके कुुछ दिन पश्चात फ्लैट की रजिस्ट्री आपके नाम कर दी जाएगी। इसे आप संबंधित कार्यालय से कलेक्ट कर सकते हैं।

STAMP DUTY CALCULATOR IN HINDI – स्टाम्प ड्यूटी रेट कैसे चेक करें?

जमीन रजिस्ट्री करवाने में आपको स्टाम्प ड्यूटी भरनी होती है। अलग अलग प्रदेश और क्षेत्र में जमीन की कीमत और प्रकार के आधार पर स्टाम्प ड्यूटी अलग अलग होती है। और आपको उतनी ही धनराशी के स्टाम्प पेपर ख़रीदने होते हैं। आप नीचे बताये गए तरीके से स्टाम्प ड्यूटी चेक कर सकतें हैं –

  • स्टाम्प ड्यूटी चेक करने के लिए आपको वेबसाइट www.indiabullshomeloans.com पर जाना होगा। आप चाहें यहाँ क्लीक करके डायरेक्ट जा सकतें हैं।
  • वेबसाइट पर आपको मेनू में से STAMP DUTY CALCULATOR पर क्लीक करना होगा।
  • अब आपको यहाँ अपने राज्य का नाम सेलेक्ट करना होगा। और फिर नीचे दिए गए बॉक्स में जमीन की कीमत लिखना होगा।
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  • इसके पश्चात् आपको Calculate आप्शन पर क्लीक करना होगा। जैसे ही आप calculate आप्शन पर क्लीक करेंगें। आपको स्टाम्प ड्यूटी पता चल जाएगी।

नोट –  इस calculator से आपको वास्तविक स्टाम्प ड्यूटी के बारे में पता नहीं चल पायेगा। लेकिन यहाँ मिलने वाले रिजल्ट और वास्तविक कीमत में थोडा ही फर्क होगा।

फ्लैट खरीदने से पहले किन बातों का ध्यान रखें? (What things should be kept in mind before purchasing flat?)

फ्लैट की रजिस्ट्री कैसे होती है? फ्लैट रजिस्ट्रेशन की पूरी प्रक्रिया 2023

मित्रों, फ्लैट अथवा घर खरीदना किसी भी व्यक्ति के जीवन का एक बड़ा सपना (dream) होता है। पहले लोग नौकरी से सेवानिवृत्ति (retirement) के पश्चात मिले पैसे से घर खरीदते थे, लेकिन जब से बैंकों द्वारा लोन दिए जाने का चलन हुआ तब से तमाम युवा इस जिम्मेदारी को नौकरी पर लगने के साथ ही पूरा कर देना चाहते हैं। वे इस सपने को पूरा करने के लिए सालों तक इंतजार करने के बजाय ईएमआई (EMI) देना अधिक पसंद करते हैं। लेकिन दोस्तों फ्लैट खरीदने से पहले आपको कुछ बातों को अवश्य ध्यान में रखना होगा, जो कि इस प्रकार से हैं-

अपना बजट देखें-

कोई भी प्रापर्टी खरीदने से पहले आपको अपने बजट (budget) पर नजर रखनी चाहिए। आपको खुद से ये सवाल अवश्य पूछने चाहिए- आप कितने रुपए तक की प्रापर्टी खरीद सकते हैं? इसके लिए आपके पास कितना रुपया उपलब्ध है? आपको कितना रुपया बैंक से लेना होगा? इस पर ब्याज कितना पड़ेगा? आदि।

प्रापर्टी की तुलना करें-

जब भी आप कोई प्रापर्टी देखने जाएं तो केवल एक को ही देखकर फाइनल न करें। अपने आस पास के इलाके को अथवा जिस स्थान पर आप प्रापर्टी लेना चाहते हैं, उसे अच्छी तरह से खंगाले। जगह (location), मूल्य (price) जैसे आधार पर उनकी आपस में तुलना (comparison) करें। जैसे सुपर बिल्ट एरिया (superbuilt area) या कारपेट एरिया (carpet area) कितना है आदि। आपको बता दें कि कारपेट एरिया सुपर बिल्ट एरिया की तुलना में आम तौर पर 30 प्रतिशत तक कम होता है।

प्रापर्टी की लोकेशन-

आम तौर पर जब भी एक व्यक्ति कोई प्रापर्टी खरीदता है तो उसका एक लक्ष्य अच्छा निवेश (investment) भी होता है। इस लिहाज से आपको कोई अच्छी लोकेशन (location) ढूंढनी चाहिए। इसके अलावा जिस इलाके में आप फ्लैट खरीदना चाहते हैं वह सुरक्षित (safe) भी हो। ऐसे में आगे चलकर यह फ्लैट निवेश के लिहाज से भी आपके लिए एक अच्छा सौदा साबित हो सकता है।

कागजात दिखवाएं-

इन दिनों फर्जीवाड़े (frauds) बड़े पैमाने पर होते हैं। एक साफ सुथरी प्रापर्टी खरीदने के लिए आप उस फ्लैट के कागजात, जिसे आप खरीदना चाहते हैं अवश्य चेक कराएं। यह आवश्यक है कि जमीन किसी भी प्रकार के सरकारी बकाए से मुक्त हो एवं रजिस्टर्ड हो। आपको घर की टाइटल डीड (title deed) अवश्य देखनी चाहिए साथ ही उसे वेरिफाई (verify) भी कराना चाहिए। साथ ही जमीन के मालिकाना हक के बारे में भी अवश्य पता करें।

फ्लैट से जुड़ी कानूनी जानकारी अवश्य लें-

जो फ्लैट या प्रापर्टी आप लेने जा रहे हैं, उस पर कोई कानूनी झंझट हो नहीं? क्या डेवलपर (developer) को सभी तरह की मंजूरी मिल चुकी है? इन प्रश्नों के जवाब जरूर लें। यह मंजूरी इलाके की डेवलपमेंट अथारिटी, जलापूर्ति, बिजली बोर्ड, नगर निगम, रजिस्ट्रार आदि की हो सकती है।

कंपनी अथवा प्रापर्टी डीलर की जानकारी-

जब भी आप फ्लैट खरीदने निकलें तो संबंधित कंपनी अथवा प्रापर्टी डीलर (company/property dealer) के बारे में अच्छी तरह अवश्य मालूमात कर लें। उसकी बैकग्राउंड (background) चेक करें। पता लगाएं कि अभी तक उसने कितने घर बेचे हैं? इससे आपके साथ धोखाधड़ी की आशंका कम हो जाएगी।

विज्ञापनों के भुलावे में न आएं-

इन दिनों इंटरनेट (internet) का जमाना है, लिहाजा साइबर धोखाधड़ी (cyber crime) भी खूब हो रही है। लोग भ्रमित करने वाले विज्ञापनों (advertisements) के जाल में फंस जाते हैं और अपनी रकम गंवा बैठते हैं। इसके अलावा चमकीले, बड़े बडे होर्डिंगों (hoardings) पर दिए गए विज्ञापनों के भ्रम में भी वे खूब फंसते हैं। उन्हें इनसे सावधान रहने की आवश्यकता है।

फ्लैट के पजेशन की तिथि-

जब भी आपने अपने लिए कोई फ्लैट बुक (flat book) कराया हो तो उसके पजेशन (possession) की तिथि अवश्य पता कर लें। दिल्ली, एनसीआर आदि में इस प्रकार के कई मामले लटके रहते हैं। यदि बिल्डर (builder) पजेशन में देरी कर रहा है तो ऐसे में मुआवजे की रकम के बारे में एग्रीमेंट (agreement) में क्लाज (clause) स्पष्ट होना चाहिए। आपको बता दें कि अमूमन बिल्डर (builder) छह माह का ग्रेस पीरियड (Grace period) मांग सकता है, लेकिन इसके लिए उसके पास कोई वैध (valid) वजह होनी आवश्यक है।

प्रापर्टी फाइनेंस करने वाले बैंक-

आपके यह पता करना चाहिए कि जिस प्रोजेक्ट (project) में आप फ्लैट खरीदने जा रहे हैं, वह किस बैंक से फाइनेंस (finance) है। इसकी वजह यह है कि यदि किसी डेवलपर की इमेज (image) खराब होती है तो उसे बड़े बैंक फाइनेंस करने से बचते हैं। यदि आपका डेवलपर भी ऐसा ही है तो आपा उससे बच सकते हैं।

क्रेता-विक्रेता एग्रीमेंट-

जब भी आप फ्लैट बुक करने के लिए बिल्डर को टोकन अमाउंट (token amount) देते हैं तो वह आपको एक अलाटमेंट लेटर (allotment letter) देता है। इसके बाद आप बैंक से लोन के लिए अप्लाई (apply) करते हैं तो यह एक त्रिपक्षीय एग्रीमेंट होता है। यदि एग्रीमेंट में कोई बात क्लियर नहीं है तो उसे आपको अपने बिल्डर से समझ लेना चाहिए।

एडिशनल एवं हिडन चार्जेज-

जब भी आप फ्लैट या प्रापर्टी खरीद रहे हों तो स्टांप ड्यूटी, होम लोन (Home loan) की रजिस्ट्री का खर्च, होम लोन की प्रोसेसिंग फीस (processing fee) आदि के बारे में पहले से जानकारी ले लें। यह भी देख लें कि कहीं आपसे कोई हिडन या एडिशनल चार्ज (hidden/additional charge) तो नहीं लिया जा रहा। यह भी देखें कि यदि आप कोई लेट पेमेंट (late payment) करते हैं या बिल्डर लेट पजेशन देता है तो उस पर जुर्माना (penalty) कितना है।

फ्लैट खरीदने के क्या क्या लाभ हैं? (What are the advantages of purchasing flat?)

साथियों, अब चर्चा करते हैं कि फ्लैट खरीदने के क्या क्या लाभ हैं? एक नजर में इन्हें इस प्रकार गिनाया जा सकता है-

  • फ्लैट खरीदने के लिए आसानी से लोन (loan) मिल जाता है।
  • प्लाट खरीदकर घर बनाने की अपेक्षा फ्लैट खरीदने में सिरदर्दी कम होती है।
  • सुरक्षा की दृष्टि से फ्लैट अधिक सुरक्षित माने जाते हैं, क्योंकि अधिकांश गेटेड कम्युनिटी gated (community) वाले होते हैं, जिसमें सिक्योरिटी गार्ड (security guard) की व्यवस्था होती है।
  • फ्लैट में रहने वाले अधिकांश लोग ज्यादातर त्योहार एक दूसरे के साथ मिलकर मनाते हैं।
  • फ्लैट में रहने से प्राइवेसी (privacy) बनी रहती है।

फ्लैट खरीदने के क्या क्या नुकसान हैं? (What are the disadvantages of purchasing flat?)

दोस्तों, फ्लैट खरीदने के जहां कुछ लाभ हैं, तो वहीं कुछ नुकसान भी हैं, जो कि इस प्रकार से हैं-

  • फ्लैट में आपको यहां के स्पेस के हिसाब से एडजस्ट करना होता है।
  • प्रत्येक माह मेंटिनेंस शुल्क (maintenance fee) देने की आवश्यकता होती है।
  • आप केवल उतने ही स्थान पर गाड़ी खड़ी कर सकते हैं, जितनी पार्किंग (parking) आपको अलाटेड (alloted) है।
  • मैनेजमेंट/सोसायटी (management/society) द्वारा बनाए गए नियमों का पालन करना होता है।

फ्लैट का अर्थ क्या है?

फ्लैट का शाब्दिक अर्थ समतल अथवा सपाट होता है। लेकिन रिहायश के नजरिए से फ्लैट आवासीय परिसर की एक इकाई को कहा जाता है।

बीएचके का क्या अर्थ है?

बीएचके का अर्थ बेडरूम, हाल एवं किचन से है।

फ्लैट की रजिस्ट्री कैसे करते हैं?

इसकी प्रक्रिया को हमने ऊपर पोस्ट में विस्तार से समझाया है। आप वहां से पढ़ सकते हैं।

यदि कोई बिल्डर पजेशन देने में देरी करता है तो क्या होता है?

ऐसे में शिकायत करने पर संबंधित अथॉरिटी बिल्डर पर जुर्माना लगाने का अधिकार रखती है।

क्या विज्ञापन देखकर फ्लैट लेना सदैव भ्रामक होता है?

जी नहीं, सदैव ऐसा नहीं होता, लेकिन आपको केवल विज्ञापन के भरोसे न रहकर फ्लैट से जुड़े सभी दस्तावेजों को ध्यान से दिखवाना चाहिए।

इन दिनों फ्लैट कल्चर के पनपने की क्या वजहें हैं?

बड़े शहरों में रिहायश की जगह का कम होना एवं जमीन की कीमत बहुत महंगी होना फ्लैट कल्चर पनपने की मुख्य वजह है।

फ्लैट बुक करने के लिए टोकन अमाउंट देने के बाद क्या होता है?

इसके बाद बिल्डर खरीदार को अलाटमेंट लेटर देता है। इसमें पजेशन की तिथि का भी उल्लेख होता है।

फ्लैट लेेने के क्या नुकसान हैं?

फ्लैट लेने पर प्रत्येक माह मेंटिनेंस फीस देनी होती है। दूसरे सोसायटी के नियमों का पालन करना होता है, ये दो सबसे बड़े नुकसान हैं।

बिल्डर से किन चार्जेज के बारे में पहले से मालूमात कर लेनी चाहिए?

फ्लैट लेने से पहले बिल्डर से यह अवश्य मालूम कर लेना चाहिए कि कहीं फ्लैट से जुड़े कोई एडिशनल या हिडन चार्जेज तो नहीं हैं।

दोस्तों, अभी हमने आपको इस पोस्ट (post) के माध्यम से फ्लैट क्या है? फ्लैट की रजिस्ट्री कैसे होती है? फ्लैट खरीदने के फायदे व नुकसान क्या क्या हैं? फ्लैट खरीदने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? जैसे सवालों का जवाब देने की कोशिश की। उम्मीद है कि यह पोस्ट आपके लिए उपयोगी साबित होगी। यदि इस संबंध में कोई भी सवाल आपके जहन में है तो उसे आप नीचे दिए गए कमेंट बाक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके हमसे पूछ सकते हैं। आपकी प्रतिक्रियाओं का हमें इंतजार है। ।।धन्यवाद।।

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प्रवेश कुमारी

मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।

Comments (0)

  1. Respected
    Kindly tell me P-II Need for registry flat /apartment purchase as per guidelines madhya pradesh jabalpur 2022

    Thanks

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    • Complete information about how the flat is registered is given in our article. Once you read the information given in the article carefully.

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