डिजिटल रेप क्या होता है? एक्ट, सजा, नियम-कानून | Digital Rape In Hindi

डिजिटल रेप क्या होता है? सजा, नियम-कानून, अधिनियम (What is digital rape? Punishment, law-regulation, act)

रेप (rape) कह लीजिए अथवा बलात्कार। यह किसी भी महिला के जीवन में घटने वाली सबसे बुरी घटना होती है। वह इसकी दर्दनाक एवं डरावनी याद को कभी भुला नहीं पाती। इस जुर्म को कानून ने भी घिनौने की श्रेणी में रखा है। कहा जाता है कि देश की राजधानी दिल्ली महिलाओं की दृष्टि से सबसे असुरक्षित शहर है।

लेकिन छोटे शहरों में भी महिलाएं शाम के बाद घर से बाहर निकलने से हिचकती हैं तो उसकी वजह उनके भीतर का डर ही है। अभी तक आपने रेप (rape), मैरिटल रेप (Marital rape), गैंग (gang rape) रेप के ही नाम सुने होंगे, लेकिन इन दिनों इन सबसे इतर डिजिटल रेप (digital rape) को लेकर बहस छिड़ी हुई है।

इससे पहले डिजिटल रेप (digital rape) जैसा शब्द चलन में नहीं आया। जाहिर है कि इस शब्द को लेकर लोगों में अनभिज्ञता है। डिजिटल रेप क्या होता है? (What is digital rape?) इसकी क्या सजा है? (What is it’s punishment) इस संबंध में कानून क्या कहता है? (What the law says in this regard?) आदि बिंदुओं पर हम आज आपको इस पोस्ट में जानकारी देंगे। आइए, शुरू करते हैं-

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रेप क्या होता है? (What is rape)

डिजिटल रेप की व्याख्या आप तब भली भांति समझ पाएंगे, जब आप यह जान लें कि रेप क्या होता है। तो आइए, सबसे पहले जान लेते हैं कि रेप क्या होता है? (What is rape?) सामान्य रूप से किसी भी स्त्री की सहमति के बगैर जबरन उसके साथ शारीरिक संबंध स्थापित किए जाना रेप (rape) कहलाता है।

यदि कोई व्यक्ति किसी स्त्री अथवा उसके किसी नजदीकी को नुकसान पहुंचाने का डर दिखाकर संबंध बनाने की सहमति प्राप्त करता है तो इसे भी रेप की ही श्रेणी में रखा जाएगा। आपको बता दें दोस्तों कि भारतीय दंड संहिता (indian penal code) यानी आईपीसी (IPC) की धारा (section) 375 में रेप को परिभाषित (define) किया गया है।

जब विवाह के पश्चात पति अपनी पत्नी से उसकी सहमति के बगैर बलपूर्वक संबंध स्थापित करता है तो उसे वैवाहिक दुष्कर्म यानी मैरिटल रेप (Marital rape) कहा जाता है। यद्यपि हमारे कानून में इसे अपराध नहीं माना गया है। इसे अपराध के दायरे में लाए जाने पर बहस अभी जारी है।

वहीं, जब एक से अधिक व्यक्ति स्त्री की सहमति के बगैर उससे बलपूर्वक/जबरन संबंध बनाते हैं तो उसे गैंग रेप (gang rape) अथवा सामूहिक दुष्कर्म पुकारा जाता है।

डिजिटल रेप क्या होता है? एक्ट, सजा, नियम-कानून | Digital Rape In Hindi

डिजिटल रेप क्या होता है? (What is digital rape?)

सामान्य शब्दों में रेप, मैरिटल रेप एवं गैंग रेप को समझाने के बाद अब आपको डिजिटल रेप (digital rape) का अर्थ समझाने की कोशिश करते हैं। दोस्तों, आपको बता दें कि डिजिटल (digital) शब्द का इस्तेमाल होने की वजह से लोग इसे इंटरनेट (internet) से जोड़ देते हैं, लेकिन इसका उससे कोई लेना देना नहीं है।

सीधे तौर पर देखें तो डिजिटल रेप (digital rape) में दो शब्द इस्तेमाल हुए हैं। डिजिटल (digital) एवं रेप (rape)। रेप का अर्थ तो हम आपको स्पष्ट कर ही चुके हैं। अब आते हैं डिजिटल पर। यहां डिजिटल (digital) का अर्थ डिजिट (digit) से है। साधारणतः डिजिट का अर्थ अंक से लगाया जाता है।

लेकिन दोस्तों यदि अंग्रेजी डिक्शनरी (English dictionary) खोलें तो जानेंगे कि डिजिट (digit) का एक अर्थ, हाथ की उंगली, पैर की उंगली एवं अंगूठा भी होता है। इस प्रकार शरीर के इन अंगों द्वारा किया जाने वाला यौन उत्पीड़न डिजिटल रेप (digital rape) कहलाता है।

साफ है कि इस प्रकार के उत्पीड़न में रिप्रोडक्टिव आर्गन (reproductive organ) यानी लिंग (penis) का योनि (vegina) में प्रवेश आवश्यक नहीं।

डिजिटल यौन उत्पीड़न को रेप की श्रेणी में कब जोड़ा गया? (When did digital sexual harrasment included in the category of rape?)

अब यह सवाल उठता है कि आखिर उंगली, पैर की उंगली एवं अंगूठे से किए जाने वाले यौन उत्पीड़न को रेप की श्रेणी में कब जोड़ा गया। आपको बता दें दोस्तों कि ऐसा आज से करीब 10 वर्ष पूर्व 2012 में निर्भया कांड (nirbhaya case) के बाद किया गया। उस वक्त रेप (rape) से जुड़े कानूनों की समीक्षा की गई।

भारत के पूर्व चीफ जस्टिस (chief justice) न्यायमूर्ति वर्मा की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई थी, जिसने कानून को कड़ा करने को लेकर कई सुझाव दिए थे। इनमें से ज्यादातर को अपना लिया गया।

सन 2013 में जबरन लिंग योनि प्रवेश के साथ ही डिजिटल रेप (digital rape) को भी आपराधिक कानून संशोधन (criminal law amendment) के जरिए आईपीसी (IPC) में शामिल कर बलात्कार (rape) की श्रेणी (category) में रखा गया।

इसे निर्भया एक्ट (nirbhaya act) भी पुकारा जाता है। इस प्रकार महिलाओं को यौन उत्पीड़न, यौन अपराधों आदि से और अधिक सुरक्षित करने के लिए बलात्कार यानी रेप की परिभाषा (definition of rape) का विस्तार (extension) किया गया। नई परिभाषा (new definition) इस प्रकार की दी गई-

  • 1. किसी भी महिला की मर्जी के बगैर उसके शरीर में अपने शरीर का कोई भी अंग डालना रेप है।
  • 2. उसके प्राइवेट पार्ट को पेनेट्रेशन (penetration) के उद्देश्य से नुकसान से पहुंचाना भी रेप है।
  • 3. इसमें ओरल सेक्स (oral sex) को भी रेप (rape) की कैटेगरी (category) में रखा गया।

डिजिटल रेप शब्द इन दिनों क्यों चर्चा में है? (Why digital rape is word is the centre of talks these days?)

अब आपको यह बताते हैं कि डिजिटल रेप (digital rape) शब्द इन दिनों चर्चा में क्यों है? क्यों हर कोई इसका अर्थ समझने-समझाने की कवायद में लगा है। दरअसल, इस तरह का शब्द भारतीय समाज (indian society) में इससे पहले बहुत नहीं सुना गया है। हाल ही में नोएडा पुलिस (Noida police) ने एक 81 साल के शख्स को गिरफ्तार किया। मौरिस राइडर (Morris rider) नाम का यह शख्स चित्रकार (painter) बताया जाता है एवं मूल रूप से प्रयागराज (prayagraj) यानी इलाहाबाद (allahabad) का रहने वाला है।

आरोप है कि पिछले कुछ वर्षो से नोएडा में रह रहे इस चित्रकार ने एक 17 वर्षीय लड़की का डिजिटल रेप (digital rape) किया है। उस पर पीड़िता के साथ अश्लील हरकत का भी आरोप है। आपको बता दें कि मौरिस पहले हिंदू (hindu) था, लेकिन बाद में उसने ईसाई धर्म (Christian religion) ग्रहण कर लिया था।

आपको बता दें दोस्तों कि पीड़िता आरोपित की लिव इन पार्टनर (live in partner) की एक कर्मचारी (employee) की पुत्री है, उसे बेहतर शिक्षा (better education) के लिए 2015 में आरोपी एवं उसकी पार्टनर के साथ रहने के लिए भेजा गया था।

आरोपी ने पीड़िता का यौन उत्पीड़न केवल 10 वर्ष की उम्र में शुरू कर दिया था और यह सिलसिला लगातार 7 साल 15 मई, 2022 तक जारी रहा, जब तक कि आरोपित की गिरफ्तारी नहीं हो गई।

नोएडा पुलिस की ओर से आरोपित मॉरिस राइडर पर आईपीसी (IPC) की धारा 376 (रेप के मामले में सजा), धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), धारा 506 (आपराधिक धमकी) एवं पॉक्सो एक्ट (poxo act) की धारा (section) 5 एवं 6 में यौन उत्पीड़न (sexual harrasment) का मामला दर्ज किया है।

नोएडा डिजिटल रेप में आरोपित पर पॉक्सो एक्ट क्यों लगाया गया है? (Why poxo act implemented on alleged in Noida digital rape case?)

आप यह जरूर सोच रहे होंगे कि जब डिजिटल रेप (digital rape) बलात्कार की श्रेणी में है तो फिर आरोपित पर पॉक्सो एक्ट (poxo act) की धाराएं भी क्यों लगाई गई हैं? आपको बता दें कि मित्रों कि पॉक्सो एक्ट के जरिए नाबालिग बच्चों (minors) के प्रति यौन उत्पीड़न (sexual harrasment), यौन शोषण (sexual exploitation), पोर्नोग्राफी (pornography), छेड़-छाड़ जैसे मामलों में कार्रवाई की जाती है।

नोएडा डिजिटल रेप में पीड़िता के नाबालिग होने की वजह से पॉक्सो एक्ट की भी धाराएं लगाई गई हैं। आपको जानकारी दे दें कि महिला कल्याण एवं बाल विकास मंत्रालय (ministry of women welfare and child development) ने सन 2012 में पाक्सो एक्ट (poxo act) बनाया था। इस कानून (law) के तहत अलग अलग अपराध के लिए अलग अलग सजा (punishment) निर्धारित की गई है।

डिजिटल रेप के मामले में पॉक्सो एक्ट में किस सजा का प्रावधान है? (In poxo act, provision of which punishment is there in case of digital rape?)

यदि किसी आरोपित पर डिजिटल रेप (digital rape) का आरोप सिद्ध होता है तो उसे पॉक्सो एक्ट की धारा 3 के अंतर्गत न्यूनतम (minimum) 7 वर्ष के कारावास (imprisonment) का प्रावधान है। अधिकतम आजीवन कारावास (maximum life imprisonment) भी दिया जा सकता है।

यदि पीड़िता पर गंभीर यौन हमला (sexual attack) हुआ है तो इस एक्ट की धारा 5 के तहत दोषी (guilty) को न्यूनतम 10 वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक का प्रावधान किया गया है।

दोस्तों, आपको जानकारी दे दें कि पॉक्सो एक्ट की धारा 7 के अंतर्गत किसी बच्चे के निजी अंगों (private part) को छूना यौन हमले के अपराध के अंतर्गत माना जाता है। इसमें न्यूनतम 3 साल की सजा का प्रावधान किया गया है।

डिजिटल रेप से क्या तात्पर्य है?

डिजिटल रेप डिजिट्स यानी उंगली, अथवा अंगूठे द्वारा किया जाने वाला यौन उत्पीड़न है।

डिजिटल रेप को बलात्कार की श्रेणी में कब रखा गया?

आज से 10 वर्ष पूर्व सन् 2012 में डिजिटल रेप को बलात्कार की श्रेणी में रखा गया।

सन्र 2012 में बलात्कार की परिभाषा का विस्तार क्यों किया गया?

सन् 2012 में निर्भया बलात्कार कांड के बाद रेप से जुड़े कानूनों की समीक्षा की गई और महिलाओं को अधिक सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से बलात्कार की परिभाषा का और विस्तार किया गया।

हाल में डिजिटल रेप शब्द पर अचानक चर्चा क्यों शुरू हो गई है?

नोएडा में एक पेंटर पर नाबालिग के साथ डिजिटल रेप का मुकदमा दर्ज होने के बाद इस शब्द पर चर्चा शुरू हो गई है। यह अपनी तरह का पहला मामला है।

नोएडा डिजिटल रेप मामले में आरोपित पर पॉक्सो एक्ट की धाराएं भी क्यों लगाई गई हैं?

नोएडा डिजिटल रेप में पीड़िता नाबालिग है। इसलिए आरोपित पर पॉक्सो एक्ट की धाराएं भी लगाई गई हैं।

पॉक्सो एक्ट कब बना? इसकी खासियत क्या है?

महिला कल्याण एवं बाल विकास मंत्रालय में सन् 2012 में पॉक्सो एक्ट बनाया था। यह नाबालिगों के यौन उत्पीड़न, यौन अपराध, पोर्नोग्राफी आदि से जुड़े मामलों से संबंधित है। इसमें अलग अलग अपराध के लिए अलग अलग सजा निर्धारित की गई है।

दोस्तों, हमने आपको इस पोस्ट (post) में डिजिटल रेप (digital rape) के संबंध में जानकारी दी। उम्मीद है कि डिजिटल रेप क्या है, यह आपके सामने पूरी तरह स्पष्ट हो गया होगा। यदि आपका इस पोस्ट के संबंध में कोई सवाल है तो आप उसे हमसे नीचे दिए गए कमेंट बाक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके पूछ सकते हैं। आपकी प्रतिक्रियाओं का हमें इंतजार है। ।।धन्यवाद।।

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प्रवेश कुमारी

मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।

Comment (1)

  1. Nagar palika ke chief officer ke virudh ham kaha aur kaise friyad (case) dakhil kar sakte hei???
    (1) resident sosaiety ki NOC ke bina nagar palika ke C. O. ne resistant sosaiety ke plot uper comercial construction (gaynek hospital) ki Permission de di hai.
    (2) cief officer nagsrpalika RTI se magi information ka jawab nahi de raha.

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