यदि बैंक डूब जाए तो आपके पैसे का क्या होगा? DICGC, RBI नियम क्या है?

इस बात को बहुत दिन नहीं हुए, जब लोग बैंकों में अपने गाढे पसीने की कमाई रखकर निश्चिंत हो जाया करते थे। अब चंद दिनों में ही जमाना बदल गया है। लोगों के दिलों में हर वक्त अपने बैंक में रखे पैसे को लेकर चिंता बनी हुई है। मुंबई में हुए पंजाब एंड महाराश्ट्र्र को आपरेटिव बैंक यानी पीएमसी बैंक के घोटाले के बाद तो उनकी रातों की नींद और दिन का चैन तक उडा हुआ है। बैंक के चेयरमैन और डायरेक्टरों समेत 14 लोगों पर खाताधारकों के गबन का आरोप है और रिजर्व बैंक की ओर से खाताधारकों को उनके खाते से छह माह तक 10 हजार से अधिक की राशि निकालने पर रोक लगा दी गई है, जो पहले एक हजार थी और जनता के प्रदर्शन के बाद जिसे बढाया गया।

यदि बैंक डूब जाए तो आपके पैसे का क्या होगा? DICGC, RBI नियम क्या है?

बैंक का कुल जमा 11 हजार करोड है। वह न नया कर्ज ले सकता है और न दे सकता है। ऐसे में अन्य बैंकों के खाताधारकों कोे भी समझ नहीं आ रहा है कि अगर पीएमसी की ही तरह उनके बैंक की भी हालत हो गई तो ऐसी स्थिति में उनके पास क्या चारा बचेगा, तब वह क्या करेंगे। हर कोई इस बात से सहमा हुआ है कि कहीं उसका बैंक भी डूब गया तो बैंक में रखे उसके पैसे क्या होगा। इस post में हम यही समझाने की कोशिश करेंगे कि अगर आपका बैंक डूब गया तो आपके पैसे का क्या होगा। आप बस इस post को पूरा पढ जाएं।

DICGC की गारंटी बस एक लाख तक –

एक मोटे मोटे अनुमान के मुताबिक करीब 63 पफीसदी लोगों ने अपना पैसा सरकारी बैंकों में रखा हुआ है, जबकि महज 18 प्रतिशत लोगों ने निजी बैंकों में अपनी मेहनत की कमाई जमा की हुई है। सरकारी बैंकों में पैसा रखने वालों को अमूमन यह गलतपफहमी है कि उनका पैसा सुरक्षित है। लेकिन भाई साहब अगर आप भी ऐसा सोचते हैं तो आंखें खोल लीजिए, ऐसा कतई नहीं है।आपके खाते में चाहे कितने भी पैसे जमा हों, लेकिन बैंक केवल एक लाख रूपये तक की गारंटी लेता है।

दरअसल, बैंक में जमा आपके पैसे का बीमा और गारंटी आरबीआई के स्वामित्व वाला deposit insurance and credit guarantee corporation यानी DICGC देता है। इसका मतलब यह है कि यह बैंक में जमा धनराशि को insurance cover मुहैया कराता है।यह बीमा तब मिलता है, जब बैंक इसके लिए प्रीमियम भरते हैं। करीब करीब हर निजी और सरकारी बैंक प्रीमियम भरता है। अब इसी की ओर से बताया गया है कि आपके खाते में चाहे कितने भी रूपये जमा हों, आपको सिर्फ एक लाख का बीमा कवर मिलेगा।

RBI का नियम क्या है –

RBI के नियम के अनुसार अगर बैंक का लाइसेंस किसी वजह से रदद हो जाता है तो उसकी ग्राहकों की जमा रकम को लेकर कोई भी जिम्मेदारी नहीं बनेगी। हां, अगर लाइसेंस रहने तक किसी वजह से बैंक डूब जाता है तो फिर उसे केवल एक ही लाख रूपये मिलेंगे। हालांकि अभी इस तरह की कोई स्थिति किसी बैंक में नहीं आई है, लेकिन हालात को देखते हुए कई विशेशज्ञ यह अंदेशा जता रहे हैं कि ऐसी स्थिति कभी भी पैदा हो सकती है।

Account कोई भी हो, सुरक्षित राशि बस एक लाख तक –

चाहे बैंक में आपका savings account हो या फिर Current account और या फिर fixed deposit account, आपका एक लाख रूपया ही सुरक्षित रहने वाला है। इसको आसान भाषा में इस तरह समझ सकते हैं कि चाहे आपके बैंक में 10 लाख रूपये जमा हों, बैंक मुसीबत में आपका पैसा इस्तेमाल कर सकता है और उसे आपको केवल एक लाख ही रूपये लौटाने होंगे, क्योंकि आपका बीमा कवर महज एक लाख रूपये का ही है। ऐसे में आपके नौ लाख सीधे-सीधे डूब गए समझिए।

Joint account पर भी यही पाबंदी लागू –

अगर आपका बैंक में joint account है और आपको लग रहा है कि क्योंकि आप दो लोगों का खाता है तो बीमा की सीमा दो लाख होगी, तो आप गलत हैं। आपको एक ही खाताधारी की तरह माना जाएगा और आपकी सुरक्षित धनराशि भी एक लाख रूपये ही होगी। एक लाख से कम राशि होने पर वापस होगी पूरी राशि अगर आपके बैंक में एक लाख रूपये से कम धनराशि जमा है तो फिर ऐसी सूरत में जितनी राशि आपके बैंक में है, उतनी राशि आपको वापस हो जाएगी। अलबत्ता, अगर बैंक का लाइसेंस कैंसिल हो जाता है तो फिर बैंक पर किसी भी तरह का बीमा प्रभावी नहीं रह जाएगा। ऐसे में आपकी सारी रकम डूब जाएगी।

कई बैंकों ने पासबुक पर नोट लिखने शुरू किए –

इस संबंध में कई बैंकों ने अपने ग्राहकों की पासबुक पर नोट लिखकर देना भी शुरू कर दिया है। इसी के बाद से ग्राहकों में बैंकों में जमा अपने धन को लेकर सुगबुगाहट पैदा हुई है। वह इस धन की सुरक्षा को लेकर बहुत चिंतित हैं। खुद बाजार और बैंकों के विशेशज्ञ इन स्थितियों को लेकर कई बार चिंता जता चुके हैं। रिजर्व बैंक आफ इंडिया यानी आरबीआई के पूर्व गवर्नर रह चुके रघुराम राजन भी स्थिति को लेकर कई बार आगाह कर चुके हैं।

उनका मानना है कि अर्थव्यवस्था बेहद खराब स्थिति में इस वक्त है और आने वाले वक्त में इसे संभाला नहीं जा सकेगा। माना जाता है कि आरबीआई के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल का इस्तीफा भी बैंक की खराब हालत के बाद उठाया गया कदम था। वहीं बाजार पहले ही मंदी की मार से सहमा हुआ है। खुद वित्त मंत्री निर्मला सीमारमण के पति देश की खराब अर्थव्यवस्था की तरफ इशारा करते लेख लिख काफी चर्चा बटोर चुके हैं। खुद कई विशेशज्ञ इसका हवाला देकर सरकार की वित्तीय फंट पर नाकामी की चर्चा भी कर चुके हैं।

इससे पहले मंदी और उससे पहले नोटबंदी के सरकार के फेसले की भी लोग घनघोर आलोचना कर चुके हैं। उनका मानना है कि नोटबंदी के बाद से ही अर्थव्यवस्था पर खतरा मंडराना शुरू हो गया था। इस बीच रिजर्व बैक में रखी एक बडी धनराशि को भी सरकार को दिया गया, जबकि वह अभी तक इसमें किसी का भी उपयोग साबित नहीं कर सकी है। हालात बेहद संगीन हैं। विशेशज्ञ पहले ही यह इशारा कर चुके हैं।

बढ़ता NPA बन रहा मुसीबत की जड –

बैंकों का लगातार बढ रहा NPA जिसे non performing assets भी पुकारा जाता है, लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन रहा है। अव्वल तो तमाम बैंक अनियमितताओं के शिकार हैं, उस पर बैंकों ने तमाम तरह के कर्जे बांटे, जिनमें से बहुत से डूबत लोन साबित हो गए, जिस वजह से बैंकों का NPA बढ़ता रहा। आरोप है कि इससे निजात पाने के लिए अब बैंक ग्राहकों को निशाना बना रहे हैं। राजनीतिक दबावों के चलते कई बैंक कई तरह के लोन की वसूली माफ कर रहे हैं।

अमूमन चुनाव के वक्त सरकार और दूसरी राजनीतिक पार्टियों की लोन में छूट या लोन माफी से जुड़ी घोषणाओं का बोझ बैंकों को ही उठाना पड़ता है। उस पर लोगों की बचत को बढाने का कोई इंतजाम बैंकों के पास नजर नहीं आ रहा है।  इस तस्वीर से लोगों के भीतर बेचैनी और गुस्सा दोनों बढ़ते जा रहे हैं, जो कि इस वक्त बेहद स्वाभाविक है। भरोसा और विश्वास ही किसी भी वित्तीय तंत्र या वित्तीय संस्थान की नींव होती है, लेकिन पीएमसी बैंक के मामले के बाद साफ है कि लोगों का इन संस्थाओं पर से यह भरोसा दरक चुका है, जो किसी भी सरकार के लिए बेहद घातक साबित हो सकता है।

download app

आलम यह है कि ब्याज के लालच में जो लोग बैंकों में अपनी बचत रखने को और सालों के लिए रखने को  तरजीह देते थे, वह लोग भी अब बैंकों की तरफ नहीं देख रहे। वह भयभीत हैं। उनके दिल में अब सिर्फ यह डर बना हुआ है कि पता नहीं कब बैंक में पैसा रखकर वह लुट जाएं। यानी कि कहीं उन्हें अपने ही पैसे से हाथ न धोना पड जाए।

ऐसे सुरक्षित करें अपनी राशि –

देश में बैंकों में रखे पैसे की सुरक्षा को लेकर लोग बेहद चिंतित हैं। हर किसी की जुबां पर इस वक्त पैसे की सुरक्षा को लेकर ही चर्चा है। जो लोग अर्थव्यवस्था के बारे में कुछ नहीं जानते, जिन्होंने कभी अर्थशास्त्र नहीं पढा, वह भी इस वक्त अर्थव्यवस्था की एबीसीडी जानने के बारे में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। साफ है कि मामला पैसों से जुडा है, लिहाजा बेहद गंभीर है। आर्थिक सुरक्षा के लिहाज से ऐसे विकट समय में लोगों के मन में यह सवाल भी तेजी से घर बना रहा है कि आखिर वह अपना पैसा कहां रखें, जिससे वह सुरक्षित रहे।

आपको लग रहा होगा कि भला ऐसी कोई जगह भी हो सकती है क्या? तो हम आपको बता दें कि ऐसी कोई जगह बेशक कहीं हो या न हो, लेकिन हमारे पास आपके इस सवाल का जवाब है। और वो जवाब यह है आप जैसे अपनी मेहनत की कमाई से बचत करने वालों को अपना सारा पैसा एक ही बैंक या खाते में नहीं रखना चाहिए, बल्कि उन्हें यह पैसा दो तीन जगह रखना चाहिए। वह सहकारी बैंक के साथ ही थोडा-थोडा पैसा निजी और सरकारी बैंक में रख सकते हैं। एक ही खाते में सारी राशि रखना कभी भी खतरनाक हो सकता है। खास तौर पर सहकारी बैंक में। महराश्ट्र का पीएमसी बैंक इसका जीता जागता उदाहरण है।

पैसा आपका, बचत आपकी, आप ही सोचें –

तो दोस्तों, इस वक्त जितना मुश्किल पैसा कमाना है, इस वक्त उतना ही मुश्किल उसे बचाना भी है। अगर आप भी अपनी बचत को लेकर परेशान हैं तो इसी वक्त उसका उपाय निकालें। जैसे कि हम उपर बता चुके हैं, सबसे पहले अपनी पूरी राशि एक ही बैंक खाते में रखने का ख्याल छोड दें और दूसरी बात कोशिश यह करें कि अगर यह राशि एक लाख से ज्यादा है तो एक खाते में एक लाख से कम ही रूपये रखें। रही बात धनराशि के निवेश की तो उसके लिए आप किसी विशेशज्ञ या वित्तीय सलाहकार से सलाह ले सकते हैं।

वह आपको धनराशि के निवेश की एक बेहतरीन तरकीब सुझा सकते हैं। सच तो यही है कि बचत आपकी है, पैसा आपका है, इसे लेकर सोचना भी आपको ही होगा। ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि सभी बैंक कल के दिन दिवालिया होने जा रहे हैं या वह डूब ही जाएंगे, लेकिन सावधान रहने में कोई बुराई नहीं। समस्या के आने से पहले ही उसका हल हो जाए तो बेहतर होता है।

तो यह थी आज की यदि बैंक डूब जाए तो आपके पैसे का क्या होगा? DICGC, RBI नियम क्या है? के बारे में सबसे महत्वपूर्ण जानकारी। जिसके बारे में लोग तरह तरह की बातें कर रहें हैं। आशा करते हैं कि यहाँ पर दी गई जानकारी की माध्यम से आपकी सभी जिज्ञासाओं का समाधान मिल गया होगा। यदि फिर भी आपके मन में कोई सवाल हो तो नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करें। हम जल्द ही आपके सवालों के जवाब देगें साथ ही इस जानकारी को अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें ताकि उन्हें भी इसकी जानकारी प्राप्त हो सकें।। धन्यवाद ।।

प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
WordPress List - Subscription Form
Never miss an update!
Be the first to receive the latest blog post directly to your inbox. 🙂

Comment (1)

Leave a Comment