भूमि अधिनियम की धारा 143 क्या है? जमीन की 143 क्या है?

जमीन की 143 क्या है? किसी भी शहर के बाहरी इलाके या गांव से गुजरते हुए आपने देखा होगा कि खेतों के बीच फ्लैट बनते जा रहे हैं। खेती की जमीन कम होती जा रही है। पैसे और अच्छी लाइफ स्टाइल जीने के लिए हमारे किसान भाई अपनी जमीनों का लैंड यूज बदलवाकर उसे माफिया के हाथ का औजार बना रहे हैं। खेतों की जमीन पर अब कालोनियां कटी दिखाई देती हैं।

क्या आप जानते हैं कि किसान ऐसा करने में कैसे कामयाब हो पा रहे हैं? वह कौन सी प्रक्रिया है, जिसके तहत कृषि भूमि का लैंड यूज चेंज किया जा सकता है? आज हम आपको इस post के जरिये इसी की जानकारी देंगे। आपको बस इस post को पूरा पढ़ते जाना है। आइए शुरू करें।

भूमि अधिनियम की धारा 143 क्या है? जमीन की 143 क्या है?
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भू अधिनियम की धारा 143 क्या है?

जैसा कि आप जानते हैं कि ढेरों किसान ऐसे हैं, जो अपनी खेती की जमीन पर कुछ और काम करना चाहते हैं, जो कि खेती से संबंधित नहीं। लेकिन वह अगर सीधे चाहे तो इसे शुरू नहीं कर सकता। इसके लिए उसे भू उपयोग यानी land use बदलना होता है। भूमि अधिनियम की धारा 143 के तहत प्रशासन इसी कार्रवाई को अंजाम देता है। दोस्तों, आपको यह भी बता दें कि पहले उपजाऊ भूमि का उपयोग अन्य किसी कार्य के लिए नहीं किया जा सकता था।

उत्तर प्रदेश का ही उदाहरण लें। यहां भूमि अधिनियम में 2014 में संशोधन किया गया और कृषि भूमि को अन्य कार्य में उपयोग लाने की इजाजत दे दी गई। इसके लिए प्रक्रिया निर्धारित कर दी गई और अब तो कई राज्यों में यह प्रक्रिया ऑनलाइन भी कर दी गई है।

अपनी मर्जी से जमीन का उपयोग कर सकता है किसान –

साथियों, जैसा कि हमने बताया कि धारा 143 के तहत कृषि भूमि को अकृषि भूमि रूप में बदला जा सकता है। किसान इस जमीन का उपयोग अपनी मर्जी से चाहे जिस काम के लिए कर सकता है, लेकिन जमीन उसी यानी किसान के ही नाम रहती है। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद किसान उस जमीन का उपयोग अपनी मर्जी से कर सकता है। इन दिनों किसानों में इसके लिए होड़ देखने को मिल रही है। जो किसान गुजारा मुश्किल से चला पाते थे, उनके आलीशान घर बन गए हैं। वह लग्जरी गाड़ियों में घूम फिर रहे हैं। लेकिन इससे जो कृषि भूमि कम होने की समस्या खड़ी हो गई है। उस तरफ अभी नगण्य ध्यान जा रहा है।

धारा 143 आवेदन के साथ देना होगा जमीन का ब्योरा, बताना होगा उद्देश्य –

किसी भी किसान को लैंड यूज चेंज कराने के लिए आवेदन में अपनी जमीन का ब्योरा देने के साथ ही उस उद्देश्य की जानकारी देनी होती है, जिसके लिए लैंड यूज किया जा रहा है। इसके बाद अभिसरण शुल्क और अपने कुछ दस्तावेज नत्थी कर उप जिलाधिकारी यानी एसडीएम के यहां जमा कराने होते हैं। दोस्तों आपको यह भी बता दे कि अगर भूमिधर के कई साझीदार हैं तो आवेदन के वक्त इन सभी की ओर से आवेदन जमा कराया जाएगा। या फिर उन्हें अपने आवेदन में यह उल्लेख करना होगा यानी कि बताना होगा कि उनका अंश नियमानुसार विभाजित हो चुका है।

अगर ऐसा नहीं किया जाता तो वह कभी भी इस मामले में शिकायत कर कार्रवाई में मुश्किल खड़ी कर सकते हैं। आवेदन कर्ता जांच के दायरे में आ सकता है। शिकायत सही पाए जाने पर उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई संभव है। इन सभी प्रावधानों के बारे में भूमि अधिनियम के तहत विस्तार से जानकारी प्रदान की गई है।

क्या क्या दस्तावेज जरूरी हैं?

धारा 143 के तहत कार्रवाई के लिए जो दस्तावेज जरूरी हैं, इनका ब्योरा इस प्रकार से है- इसके लिए पहचान प्रमाण पत्र यानी आईडेंटिटी प्रूफ, सेल डीड, आरटीसी (अधिकारों, किरायेदारी और फसलों का रिकार्ड) विभाजन कार्य (अगर जमीन विरासत में मिली हो), उत्परिवर्तन दस्तावेज, सर्वेक्षण मानचित्र, भूमि राजस्व शुल्क आदि के भुगतान की प्राप्ति आवश्यक हैं।

एक और बात आपको बता दें कि अगर यह दस्तावेज उसके पास नहीं होते तो उसके लिए राजस्व विभाग से संपर्क किया जा सकता है। जमीन से जुड़े किसी कागजात की बात करें तो एक निर्धारित समय अवधि के भीतर आपसे संपूर्ण जानकारी लेकर वह आपको यह दस्तावेज मुहैया कराएगा। इसके लिए आपको एक निर्धारित शुल्क भी भरना होगा।

दस्तावेजों की प्रामाणिकता की जांच को साइट विजिट –

एक किसान कृषि भूमि का उपयोग बदलने के लिए जो दस्तावेज मुहैया कराता है, उनकी प्रमाणिकता की जांच के लिए कलेक्ट्रेट यानी कलेक्टर की ओर से एक निर्धारित प्रक्रिया अपनाई जाती है। आपको बता दें कि इसके तहत राजस्व विभाग के किसी व्यक्ति को (राजस्व अधिकारी पद से नीचे नहीं) साइट विजिट के लिए भेजा जाता है और उनकी जांच रिपोर्ट के बाद ही इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाता है।

हालांकि यह भी है कि कई बार इस प्रक्रिया में सेटिंग गेटिंग की बात भी सामने आती है। मौके का निरीक्षण किए बगैर रिपोर्ट लगा दिए जाने की बात सामने आती है। ऐसे कई मामलों में शासन को पत्र लिखकर शिकायत किए जाने की बात सामने आई है। ऐसे मामलों में शासन अपनी ओर से जांच के आदेश देता है। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाती है।

हर राज्य में अलग होता है शुल्क

जैसा कि आप जानते हैं भूमि राज्य का विषय है। ऐसे में हर राज्य में अभिसरण शुल्क अलग अलग होता है। इसे हम आपको कुछ उदाहरण देकर समझाएंगे। जैसे राजस्थान में कामर्शियल यूज के लिए जमीन को परिवर्तित करने की फीस 400-800 प्रति वर्गमीटर के बीच है। वहीं आंध्र प्रदेश में भूमि मूल्य का तीन प्रतिशत अभिसरण शुल्क के रूप में भुगतान किया जाता है। हरियाणा में 210 रुपये प्रति वर्ग मीटर जमीन को परिवर्तित करने की फीस है।

दिल्ली की बात करें तो यहां आवासीय उपयोग की इजाजत के लिए जमीन को परिवर्तित करने का शुल्क 14238 रुपये से लेकर 24777 रुपये प्रति वर्ग मीटर तक होता है। बिहार का हवाला लें तो वहां अभिसरण शुल्क के बतौर संपत्ति के मूल्य का 10 फीसदी भुगतान करना होगा। दोस्तों, आपको यह भी बता दें कि कृषि भूमि को आवासीय में तब्दील करने का शुल्क कम है, जबकि इसे वाणिज्यिक उपयोग में तब्दील करने का शुल्क अधिक है।

सुरक्षित रखनी होगी भुगतान की रसीद –

यह बेहद जरूरी सावधानी है। अगर आपने आवेदन संग अभिसरण शुल्क भर दिया है तो भुगतान की प्राप्ति यानी रसीद को भी अपने पास सुरक्षित रखें। दरअसल, यह इस बात का परिचायक है कि भूमि अधिनियम की धारा 143 के तहत आपका आवेदन सबमिट यानी जमा हो चुका है।

प्रमाण पत्र हासिल करने को है अलग अलग समय

मित्रों, जैसा कि हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि भूमि राज्य का विषय है, ऐसे में अलग अलग राज्यों में प्रमाण पत्र हासिल होने का भी अलग अलग समय है, लेकिन एक सामान्य रूप से निर्धारित समयावधि की बात करें तो इसके लिए तीन माह की अवधि यानी 90 दिन का समय रखा गया है।

क्या हैं धारा 143 के तहत कार्रवाई के फायदे

साथियों, धारा 143 के तहत कार्रवाई के कई फायदे हैं। जैसे जमीन का सर्किल रेट मार्केट के हिसाब से तय होता है। भूमि चकबंदी के दायरे से बाहर हो जाती है। भू राजस्व शुल्क से मुक्ति मिल जाती है आदि आदि।

किन स्थितियों में रिजेक्ट होता है आवेदन

मित्रों, मित्रों अगर एसडीएम को यह लगता है कि आपकी जो भूमि है उस पर धारा 143 की कार्यवाही से सुरक्षा, स्वास्थ्य या प्रशासनिक प्रबंधन में या अन्य सरकारी परियोजना में कोई दिक्कत आ रही है तो वह इस आवेदन को खारिज भी कर सकता है।

क्या हो रही इस धारा की वजह से दिक्कत

दोस्तों, इस धारा की वजह से कुछ दिक्कत भी खड़ी हुई हैं। जैसे नोएडा के हालात पर ही गौर करें। बीते तीन साल में जिले में बड़े पैमाने पर धारा 143 की कार्रवाई हुई है। करीब एक हजार एकड़ कृषि भूमि इसकी भेंट चढ़ गई है। इसका सबसे बड़ा असर प्राधिकरण के मास्टर प्लान पर पड़ रहा है। जहां धारा 143 के तहत कार्रवाई हुई है, वहां प्राधिकरण के प्लान के अनुसार सड़क, हाईवे सहित कई अहम प्रोजेक्ट्स आ रहे हैं। गैर कृषि भूमि होने के कारण प्राधिकरण इस जमीन का अधिग्रहण किसान की मर्जी के बगैर नहीं कर सकता। इससे जिले का विकास प्रभावित हो रहा है।

भू माफिया का बढ़ गया कब्जा

भूमि अधिनियम की इस धारा 143 की आड़ में भू माफिया का कब्जा बढ़ गया है। अवैध कालोनी और गलत तरीके से बनाए गए फ्लैट्स की भरमार हो गई है। हाल यह है कि गांवों के नजदीक सस्ते फ्लैट बनने की प्रक्रिया बेहद तेज हो गई है। इस समय नोएडा और ग्रेटर नोएडा के समीप 50 गांवों में फ्लैटों को बनाने का कार्य किया जा रहा है।

जिस जमीन पर यह फ्लैट बनाए जा रहे हैं उसे आबादी भूमि में दर्ज कराया जा चुका है। 50 मीटर से लेकर 200 मीटर तक के प्लाट लोगों को बेचे जा रहे हैं। किसान खेती से इतना पैसा नहीं कमा पाते, जितना वह जमीन को इस काम में इस्तेमाल करने से कमा लेते हैं। आपको यह भी बता दें कि प्राधिकरण की ओर से नोएडा में कार्रवाई करते हुए धारा 143 के तहत की कार्रवाई निरस्त भी की गई हैं।

ऐसा किया तो पड़ सकता है भारी जुर्माना

आपको एक बात और बता दें कि अगर आपने जमीन का उपयोग अवश्य उद्देश्यों के लिए बदल गया है और आप इसका उपयोग वाणिज्यिक उद्देश्य के लिए करते हैं तो इसके लिए आप पर भारी जुर्माना पड़ सकता है और कई राज्यों में तो यह कन्वर्ट एक्शन शोरूम का यानी अभिसरण शुरू का 50 परसेंट तक है इसको पैसे भी समझ सकते हैं कि मान लीजिए आपने जमीन का लैंड यूज घर बनवाने के लिए चेंज किया है लेकिन आप उस पर किसी उद्योग को चलाने लगते हैं तो इस पर आप दंड के भागी होंगे

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धारा 143 से जुड़े प्रश्न उत्तर

भूमि अधिनियम की धारा 143 क्या है?

भूमि अधिनियम की धारा 143 भारत सरकार के द्वारा लागू किया गया एक ऐसा नियम है, जिसके अंतर्गत कृषि भूमि को अकृषि भूमि के रूप में बदलने के लिए किया जाता हैं।

क्या किसान अपनी कृषि भूमि का इस्तेमाल किसी अन्य कार्य के लिए कर सकता हैं?

जी हाँ, किसान अपने कृषि भूमि का उपयोग अकृषि के रूप में कर सकता है, लेकिन शर्त है कि कृषि भूमि उसी किसान के नाम होनी चाहिए।

क्या कृषि भूमि पर किसान अपना घर बनवा सकता हैं?

जी हाँ, अगर किसान के नाम पर कृषि भूमि है और वह उस स्थान पर अपना घर बनाना चाहता है। तो वह घर बना सकता हैं।

कृषि भूमि का उपयोग अन्य कार्य के लिए करने पर क्या करवाई करनी होंगी?

अगर आप अपनी कृषि भूमि का इस्तेमाल अन्य किसी कार्य के लिए करने जा रहे है, तो इसके लिए पहले आपको अपनी जमीनी कागज़ात के साथ एसडीएम के पास जमा करने होंगे। फिर प्रशासन से अनुमति मिलने बाद कृषि भूमि को अकृषि भूमि में बदल सकते हैं।

क्या कृषि भूमि पर उधोग संचालित करने पर जुर्माना लग सकता हैं?

जी हाँ, अगर आप कृषि भूमि को अकृषि भूमि के रूप में बदलकर वहाँ कोई उधोग चला रहे है तो आपको भारी जुर्माना देना पड़ सकता हैं।

अंतिम शब्द…

साथियों, यह थी भू अधिनियम की धारा 143 से जुड़ी सारी जानकारी। हमें पूरी उम्मीद है कि यह पोस्ट आपको अच्छी लगी होगी और आपके बहुत काम आएगी। मित्रों, अगर धारा 143 के बारे में अभी भी कोई संशय आपके मन में चल रहा है तो उसे आप हमसे क्लियर कर सकते हैं इसके लिए आपको नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स पर कमेंट करके हम तक पहुंचाना होगा। अगर किसी अन्य विषय के बारे में आप जानने के इच्छुक हैं तो भी अपनी बात हमसे साझा कर सकते हैं। इसके लिए भी आपको नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में कमेंट करना होगा। हमें आपकी प्रतिक्रियाओं का बेहद इंतजार रहेगा। ।।धन्यवाद।।

प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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Comments (191)

  1. Sir maine Moradabad m property dealer se ek plot 2014 me khareeda tha or Maine usme makan bhi bana liya h or us plot ka 143 bhi ho chuka h 2014 m ab m.d.a Wale us makan ko todne ke liye notice bhi laga diya h. Yeh area new bypass near kashiram colony chowki khushalpur moradabad.mujhe koi sujhhav zarur de.us area m adhik ter makan bane sabhi log pareshan hai.

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  2. Sir humne Noida me ek plot 2015 me khrida tha Jo ki agriculture land pr tha humne uski registry kra li thi.lekin mutation nhi kraya tha ab mutation BHI 3 party Ka ho gya aur 4th party hum khud h humare name pr darj Hone ki report lgni thi lekin patwari ne report nhi lgayi aur Bola h k pehle use 143 residential land me convert krao Uske baad Aapka name drj hoga.jbki 143 me convert to Jameen Ka Malik krata h kya hum BHI use 143 me darj kra skte h agr aisa nhi hua to kya humari registry kharij ho jayegi

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  3. महोदय, मैंने मेरे मित्र से आवश्यकता पडने पर नगदी कुछ पैसे उधार एक साल के लिए लिये थे।उसकी एवज में उसने आम मुख्तयार नामा करवा लिया होकर मेरा मकान मात्र दो महीने के अंदर उसके परिवार के भाई को बेचकर नामात्रंण भी पारित करवालिया।जबकि भवन में परिवार सहित रहता हूँ।तथा भवन कृषि भूमि में बना है जबकि वह कृषि भूमि पर प्लाट के कब्जे में कानूनी लड़ाई हार गया है।तो क्या वह भवन का कब्जा लेकर हमें बेदखल कर सकता है क्या।आप बताये हम क्या करें।

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      • ंखसरा में आवादी दर्ज़ है ओर नगर पालिका चुंगी अन्दर है तथा उस पर मास्टर प्लान लागू हो चुका है तो फिर उनको उत्तर प्रदेश जमीन दारी विनाशक अधिनियम की धारा 143/80 के तहत आवादी घोषित करानी होगी या नहीं इसके लिए कोई न्यायालय की कोई रूलिंग हों तो बताने की कृपा करें

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        • पुनः सवाल कर रहे हैं कि खसरा में आवादी दर्ज़ है तथा नगर पालिका अन्दर चुंगी में चकबंदी व्यवस्था से अलग है इस पर मास्टर प्लान लागू हो चुका है तो इसकी उत्तर प्रदेश जमीन दारी विनाशक अधिनियम की धारा 143/80 के तहत आवादी घोषित करानी होगी अथवा नहीं ऐसी किसी सक्षम न्यायालय की कोई रूलिंग हों तो बताने की कृपा करें

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  4. सन् 1984 में मेरे पिताजी एवं चाचा जी के संयुक्त नाम पर बर्ग 7 की भूमि को उतर प्रदेश के शासन के समय कृषि के उपयोगी हेतु पट्ठे पर प्राप्त हुई थी । सन् 2001 में राज्य विभाजन हुआ और यह भूमि उत्तराखण्ड सरकार के अधिकार में आ गई । आज भूमि के पट्टे पर कब्जे को 35 साल से भी अधिक हो गये है । क्या इस भूमि पर मालिकाना हक को पाने के लिए प्रार्थना पत्त दिया जा सकता है। कृपया विस्तार में बतायें ।

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    • हाँ आप जमीन पर मालिकाना हक़ पाने के लिए प्रार्थना पत्र सम्बंधित विभाग को दे सकते है, पत्र सौंपने के बाद के बाद विभाग के द्वारा भूमि की जांच कराई जाएगी अगर भूमि पर आपका हक़ होगा तो निश्चित ही भूमि का मालिकाना आपको मिल जायेगा।

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  5. कृषि भूमि की रजिस्ट्री कराई। भूमि राज्य हाईवे पर है, रजिस्ट्री में भूमि का प्रकार आवासीय दर्ज है । क्या फिर भी 143 कराना पडे़गा।

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  6. सर मैंने 21 अक्टूबर को प्रापर्टी पर्चेज किया था।लेकिन अभी तक igrsup की साइट पर सम्पति विवरण में नही शो हो रहा है।ऐसे क्यो है सर प्लीज मार्गदर्शन करें।

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  7. 1.सर जी क्या किसी जमींन की रजिस्ट्री वर्ग मीटर में करने पर क्या वह स्वतः वह जमींन आवासीय हो जायगी ?
    2. अनुसूचित जाती की कॉलोनी में प्लाट बिक रहे है और ७७ वर्ग मीटर का रेजिस्ट्री 58 हजार में हो रही है तो क्या सर जी इसे कोई सामान्य जाती का आदमी खरीद सकता है ये जमींन सिटी के किनारे है जहा पर अब बसीकत है ल कुछ लोगो का कहना है sc का प्लाट आप डीएम से विना परमिशन के खरीद सकते हो aur iska tax रेजिस्ट्री में हो जायगा और प्लाट स्वतः आवासीय हो जायेगा please मार्गदर्शन करे l

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  8. सर् , लखनऊ मोहनलालगंज में 143 का दाखिल खारिज़ क्यों नही होता और दाखिल खारिज़ नही होने से मुझे मालिकाना हक मिलेगा । कभी भी किसान ही अगर क्लैम करे तो भविष्य में कुछ कर सकता है जबकि हम जमीन प्लाटिंग किया हुआ लिए है । इसमें क्या क्या दिक्कत आ सकती है ।कृप्या मार्गदर्शन दे।

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  9. सर मैं ये जानना चाहता हूँ कि अगर धारा 143 है तो जो व्यक्ति जमीन घर बनवाने के लिए ले रहा है क्या उसके नाम दाखिल खारिज हो सकती है या नहीं धन्यवाद जी

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  10. मेरी कृषि भूमि मास्टर प्लान में पब्लिक उपयोग मैं दर्ज हो गई है मेने आपत्ति भी दर्ज करवा दी है जबकि आश पास में रिहायशी और व्यावसायिक गतिविधियां ho रही है मेरी जमीन शहर के नजदीक onload पर है मे उसका उपयोग मिश्रित में करना चाहता हूं इसके लिए क्या करना होगा बूँदी राजस्थान

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  11. सर क्या एक्ट 143 के बाद कोई प्राइवेट लिमिटेड कंपनी प्लाट काटती है और ये रेरा सर्टिफाइड नहीं है तो क्या प्लाट लेना रिस्की होगा … आवासीय प्लाट ,विला या फार्म हाउस लैंड के नाम पर सहारनपुर – उत्तर प्रदेश में हाईवे 307 के पास तो हमें प्लाट खरीदते समय क्या डॉक्यूमेंट चेक करने चाहिए क्या ये प्लाट रेरा ( RERA ) सर्टिफाइड होने जरुरी है या एक्ट 143 ही काफी है। कृपया मार्गदर्शन करे

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  12. महाशय, मैं ये जानना चाहता हूं कि जो भी प्लाट 143 के अंदर आता है, उसका दाखिल ख़ारिज होता है कि नहीं, दूसरी बात अगर दाखिल ख़ारिज नहीं होता है/होता है तो इसकी डिटेल्स ऑनलाइन कैसे देखने को मिलेगी। उम्मीद है आपसे सम्पूर्ण जानकारी मिलेगी। धन्यवाद????

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  13. सर कानपुर में एक दलित की जमीन 143 आवासीय है मैँ सामान्य जाति का हूं 16000 स्क्वायर फिट के हिसाब से खरीद रहा हूं भविष्य में मैं उसको बेच सकता हूं कि नही और भविष्य में वो कोई दिक्कत तो नही देगा मुझे क्योकि लिखा पढ़ी में सर्किल रेट4500 स्क्वायर फिट के हिसाब से ही लिखापढ़ी होगी सर उचित मार्ग दिखाए ये मैं अपना पुश्तेनी एक मात्र मकान बेच कर ले रहा हूं ???? अपना मोबाइल नंबर भी दे????

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  14. सर मैने अपने मामा ससुर के खेत में से 500 वर्ग गज जमीन खरीदी ! और मेने रजिट्री प्लॉट के सर्किट रेट के हिसाब से कर वाई है। लेकिन खेत कृषि भूमि में है। रजिस्ट्री मे 5000रू वर्ग मी के हिसाब से स्टाम्प भी लगवाए है। लेकिन खेत की 143 नहीं हुई है। इससे को परेशानी तो नही होगी ! होगी तो कोई उपाय बताये ! और खेत में 4 हिस्सेदार है। और सब की कुरावनदी भी अलग अलग है। ऐसा कोई उपाय बताए जिससे कोई परेशानी नही हो ! वृदावन एरिया उत्तर प्रदेश

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  15. सर जी हमने एक प्लाट खरीद है sc का है 143 हो चुका है, अगर उसे lda या आवास विकास या हाईवे अथॉरिटी अधिग्रहीत करता है तो उसका मुआबजा हमे मिलेगा या मूल मालिक को जिसके नाम दाखिल खारिज है।

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  16. सर मैंने एक प्लाट खरीदा है अभी रजिस्ट्री मेरे नाम से हो गयी लेकिन वकील साहब दाखिल खारिज के लिये मना कर रहे है के इसका दाखिल खारिज नही होगा। ऐसे में मेरे साथ कोई दिक्कत तो नही होगी।कृपया सलाह दे ऐसे में मैं क्या करूँ

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  17. मोहदय अगर जमीन 143 है और उसमें प्लाट हमने ले लिया है । मेरे नाम की दाखिल खारिज नही होगी । तो सर अगर जिससे हमने प्लाट लिया है वो दोबारा किसी को बेच दे या पहले किसी को बेच चुका हो ये कैसे पता चलेगा । क्योंकि दाखिल खारिज में तो किसी का नाम है नही

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  18. लखनऊ में 143 के तहत मुझे जमीन लेनी है किसी और व्यक्ति ने उस जमीन को लिया था अब वह मुझे बेच रहा है क्या मैं उस जमीन को ले लूं क्या उसका खारिज दाखिल होगा क्या मैं उस जमीन को बेच सकूंगा कृपया आवश्यक सुझाव दें

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  19. उत्तराखंड में भूमि धरी जमीन को बाहरी व्यक्ति द्वारा 250 मीटर श्रेणी ग मैं खरीदने का प्रावधान है श्रेणी ग में खरीदने के बाद वह उसे 143 करा सकता है और 143 कराने के बाद उसमें होटल बना सकता है या बेच सकता है कृपया सही जानकारी देने की कृपा करें

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  20. सर मेरी जमीन धारा 143 के अंतर्गत अकृषि है और मेरी मां के नाम से है / उनकी मृत्यु हो चुकी है अब मेरे नाम से कैसे आएगी, खतौनी में मेरा नाम कैसे चड़ेगा मेरे अलावा कोई और वारिस नहीं है लेखपाल नहीं कर रहा है

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  21. Agar kisi SC/ST ki jameen avaksvikas ke area me ho aur aas paas sab avadi bhi ho aur dovelopment ho like road pani bijali sab ho aur plot ki size 3000 square feet ho to aise me kya koi general cast ka dami bina 143 karaye khareed sakta hai jameen? aur agar bina 143 karaye khareed liya ho to ab kya karna chahiye use?

    aur same situation me kya koi same caste ka adami jo SC ho jameen khareed sakta hai bina 143 karaye?

    plz reply

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  22. सर हमें दो विषय के बारे में जानना है विषय नंबर 1 क्या कोई प्रॉपर्टी डीलर बिना रेरा में रजिस्ट्रेशन के प्रॉपर्टी डीलिंग का काम कर सकता है
    सवाल नंबर दो क्या धारा 143 के द्वारा जमीन परिवर्तन क्रेता को करवाना होता है या विक्रेता को

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  23. सर मेरे पिता जी ने उत्तर प्रदेश के रायबरेली जनपद के जगतपुर गाँव मे एक कृषि जमींन मे 72 वर्ग मीटर जंमीन खरीद कर आवास बना लिया। दस्तावेज ( बैनामे के कागजात ) में आवासीय प्लॉट ( एक किता प्लॉट) लिखा गया है। जबकि उसमे जमींन की खसरे की गाटा संख्या नही अंकित किया गया। क्या इसका दाखिल खारिज हो सकता है ?

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  24. 2014 में अमौसी स्टेशन के सामने प्लाट लिए थे जिसका 143 के तहत रजिस्ट्री हुई है क्या उसमे दाखिल खारिज करा सकते हैँ नहीं कराने पर भविष्य में कोई दिक्कत तो नहीं होंगी? 143 ke अंतर्गत प्लाट की कराई हुई रजिस्ट्री पर क्या कोई और अवैध रजिस्ट्री करा सकता है?

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  25. खेती की जमीन को पर गोदाम बना कर किराये पर दे दिया है और उसमें फैक्ट्री लगा दी गयी है ।143 करा लिया गया है और उसके पास आवासीय मन घर बने है।क्या उसके ऊप्पर कोई कार्यवाही की जा सकती है।अगर की जा सकती है तो किसके पास please bataye

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  26. नमस्ते सर
    नेशनल हाईवे के किनारे एक बीघा जमीन है उसे हम 143 करना चाहते हैं उसमें कितने रुपए का खर्चा आ जाएगा और कितने टाइम में हो जाएगी और सर उससे हमें लोन चाहिए लोन हो जाएगा क्या इसके बारे में के बारे में जानकारी चाहिए थी सर

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  27. किसान की जमीन 1000 esqair F एजेंट के माध्यम से लिया है और दाखिल खारिज हो गया है।लेकिन कब्जा नहीं हो पाया है,बाद में पता चला है कि जमीन आवास विकास के अंडर मे है। किसान उसका मौजा नहीं लिया है , किसान से जमीन का कब्जा मागने पर कहता है कि हमारे साथ धोखा हुआ है हम अनपड़ है हमको पैसा नहीं मिला है और हमारी ज़मीन लिखा लिए हो ।हम तुम पर थाना में f I r करेंगे।
    Plesse sir इसका जवाब, बचाव एवं जमीन कब्जा या मेरा पैसा वापस लेने का उपाय बताने की कृपा करें। धन्यवाद् sir.

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  28. सर क्या 143 के तहत आवासीय भूमि को अगर कोई दूसरा व्यक्ति खरीदता है तो उसके नाम दाखिल खारिज हो सकती है या नहीं होती है

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