क्रेडिट कार्ड क्या है? | क्रेडिट कार्ड के प्रकार, उपयोग, फायदे व नुकसान | Credit card kya hai

|| क्रेडिट कार्ड क्या है? | Credit card kya hai | Credit card ke bare mein jankari | Credit card kon le sakta hai | Credit card terms and conditions in Hindi | क्रेडिट कार्ड के प्रकार | Credit card types in Hindi | Credit card ke fayde ||

Credit card kya hai :- आज के समय में बहुत लोगों के पास क्रेडिट कार्ड है और यह समय की जरुरत भी बन गया है। ऐसे में रह रह कर आपके मन में भी यह प्रश्न उठता होगा कि आखिरकार यह क्रेडिट कार्ड होता क्या है और इसका क्या मतलब (Credit card kya hota hai) है। इस क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल क्या है और यह क्यों जारी किया जाता है। अभी तक आपने डेबिट कार्ड जिसे हम सामान्य भाषा में एटीएम कार्ड भी कह देते हैं, उसे ही सुना होगा। तो यह क्रेडिट कार्ड क्या चीज़ हो (Credit card kon le sakta hai) गयी।

तो यदि आप क्रेडिट कार्ड के बारे में जानना चाहते हैं और इसके बारे में पूरी जानकारी लेना चाहते हैं तो आज आप बिल्कुल सही जगह पर आये हैं। आज के इस लेख के माध्यम से हम आपको क्रेडिट कार्ड क्या होता है और इसके क्या कुछ इस्तेमाल होते हैं, इत्यादि के बारे में पूरी जानकारी देने वाले (Credit card ke bare mein jankari) हैं। इस लेख को पढ़ कर क्रेडिट कार्ड के बारे में आपकी हर शंका दूर हो जाएगी। आइए जाने आखिरकार यह क्रेडिट कार्ड होता क्या है।

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क्रेडिट कार्ड क्या है? (Credit card kya hai)

सबसे पहले बात करते हैं इस क्रेडिट कार्ड के बारे में और जानते हैं कि आखिरकार यह होता क्या है। तो क्रेडिट कार्ड एक तरह का एटीएम कार्ड ही होता है जो बैंक के द्वारा ही चुने हुए व्यक्तियों को उनकी इच्छा के अनुसार जारी किया जाता (Credit card kya hai) है। एक तरह से जब आप क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते हैं या आपको इसकी जरुरत होती है, तभी यह आपको बैंक की अनुमति से मिलता है। अब इस क्रेडिट कार्ड को लेने के लिए आपका उस बैंक में खाता होना अनिवार्य होता है अन्यथा यह नहीं मिल पाता है।

क्रेडिट कार्ड क्या है क्रेडिट कार्ड के प्रकार, उपयोग, फायदे व नुकसान Credit card kya hai

इस क्रेडिट कार्ड के जरिये आप पहले ही पेमेंट कर सकते हैं फिर चाहे आपके पास उसके लिए पैसे हो या नहीं। फिर आपको एक निश्चित अंतराल या समय अवधि के बाद उन पैसों का भुगतान संबंधित बैंक को करना होता (Credit card ki jankari) है। इसके लिए हर क्रेडिट कार्ड पर एक लिमिट होती है और आपको उस लिमिट से ज्यादा का भुगतान या पेमेंट नहीं करनी होती है या फिर आप उस लिमिट तक ही पैसों का लेनदेन कर सकते हैं। इस तरह से आप क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर पैसों के लेनदेन में पहले से ही शुरुआत कर सकते हैं।

अब यदि हम इसे सरल शब्दों में आपको समझाना चाहें तो बैंक के द्वारा जारी किया गया एक ऐसा कार्ड जिसकी सहायता से आप अपने खर्चों के लिए बिना अपने खाते में पैसे हुए भी भुगतान कर सकते हैं और वो भी उस क्रेडिट कार्ड की लिमिट को ध्यान में रख कर और फिर उसकी अवधि ख़त्म हो जाने पर बैंक को पुनः उतने ही पैसों का या फिर उसके ब्याज सहित पैसों का पूर्ण भुगतान करते हैं, उसे ही क्रेडिट कार्ड कहा जाता (Credit card meaning in Hindi) है।

यह एक तरह से बैंक के द्वारा आपको निश्चित अवधि के लिए दिया गया पैसा होता है जिस पर ब्याज लगेगा या नहीं यह पूर्ण रूप से आपके क्रेडिट कार्ड पर और उस पर लगायी गयी शर्तों पर ही निर्भर करता है। तो यदि आप यह क्रेडिट कार्ड की सुविधा लेना चाहते हैं तो आपको अपने बैंक से ही संपर्क साधना होता (Credit card ke liye apply kaise kare) है। आइए एक एक करके क्रेडिट कार्ड के बारे में हर शंका का उत्तर ले लेते हैं।

क्रेडिट कार्ड कौन जारी करता है?

सबसे पहले तो आपके मन की इस शंका को दूर करते हैं कि इस क्रेडिट कार्ड को आखिरकार कौन जारी करता है या इसका अधिकार किसके पास होता है। तो यहाँ आप यह जान लें कि भारत देश में काम कर रहा कोई भी बैंक आपको क्रेडिट कार्ड जारी कर सकता है फिर चाहे वह सरकारी बैंक हो या प्राइवेट या ग्रामीण बैंक। इस हिसाब से जो भी बैंक उस देश में या देश के बाहर काम कर रहे हैं, वह अपने देश में रह रहे व्यक्तियों के लिए क्रेडिट कार्ड जारी कर सकते हैं और उन्हें इसकी सुविधा का लाभ उठाने का अवसर दे सकते हैं।

तो यदि आपको क्रेडिट कार्ड लेना है तो आपको अपने देश के ही किसी बैंक से उसे लेने के लिए आवेदन करना होगा। अब बैंक अपनी सुविधा अनुसार और बनाई गयी शर्तों को ध्यान में रख कर ही आपको क्रेडिट कार्ड की सुविधा देता है। यदि आप बैंक के द्वारा बनाए गए सभी नियमों का पालन करते हैं और उनके बनाए मापदंडों पर खरे उतरते हैं तो आपको क्रेडिट कार्ड दे दिया जाता है।

क्रेडिट कार्ड लेने के नियम व शर्तें (Credit card terms and conditions in Hindi)

अब यदि आपको क्रेडिट कार्ड लेना है तो उसके लिए बनाए गए सभी नियम व शर्तों का पालन करना होता है और बिना इनका पालन किये आपको क्रेडिट कार्ड नहीं मिल पाएगा। तो इसका पहला नियम तो यही है कि जिस भी बैंक से आप क्रेडिट कार्ड लेने जा रहे हैं वहां पर आपका बैंक खाता पहले से ही खुला हुआ होना चाहिए और उसमे कई तरह के लेनदेन हुए होने (Credit card lene ke rules) चाहिए। कहने का अर्थ यह हुआ कि आप किसी ऐसे बैंक से अपना क्रेडिट कार्ड नहीं ले सकते हैं जहाँ पर आपका बैंक खाता नहीं है या फिर वहां पर आपने नया नया बैंक खाता खुलवाया है।

इस तरह से दूसरी शर्त यह भी है कि आप यदि बहुत बड़े आदमी है या आपकी अच्छी सैलरी आती है या फिर आप अच्छा कमा लेते हैं तो आप किसी ऐसे बैंक से भी अपना क्रेडिट कार्ड ले सकते हैं जहाँ पर पहले से आपका बैंक खाता नहीं है लेकिन उसके लिए आपको और भी कई तरह की शर्तों का पालन करना (Credit card lene ke liye kya kare) होगा। इसी के साथ साथ उस बैंक में आपका क्रेडिट कार्ड देने से पहले बैंक खाता खोला जाएगा और उस पर आपका डेबिट कार्ड जारी किया जाएगा। इसी के बाद आपको क्रेडिट कार्ड दिया जाएगा।

क्रेडिट कार्ड के प्रकार (Credit card types in Hindi)

जिस प्रकार बैंक के द्वारा जारी किये हुए डेबिट कार्ड के प्रकार होते हैं जिन्हें आपने एटीएम से लेनदेन करते हुए देखा भी होगा तो उसी प्रकार क्रेडिट कार्ड के भी प्रकार होते (Credit card ke type) हैं। डेबिट कार्ड में बचत खाता, चालू खाता इत्यादि कई तरह के प्रकार होते हैं लेकिन क्रेडिट कार्ड के प्रकार डेबिट कार्ड से अलग होते हैं। साथ ही इन पर मिलने वाली सुविधा भी अलग अलग होती है।

तो अब हम आपके सामने क्रेडिट कार्ड के विभिन्न प्रकारों को रखने जा रहे हैं जिनके अनुसार इन्हें वर्गीकृत किया जाता है। आइए जाने क्रेडिट कार्ड किस किस तरह के आते हैं और उनका क्या इस्तेमाल होता है।

बिज़नेस क्रेडिट कार्ड (Business credit card)

क्रेडिट कार्ड में जो प्रकार सबसे पहले आता है उसे हम बिज़नेस क्रेडिट कार्ड के नाम से जानते हैं जिसे हिंदी में व्यापारिक क्रेडिट कार्ड भी कह देते हैं। तो इसे किसी व्यक्ति के नाम जारी ना करते हुए एक पर्टिकुलर बिज़नेस के नाम जारी किया जाता (Business credit card ke bare mein jankari) है। एक तरह से कहा जाए तो यह किसी कंपनी या बिज़नेस के अंतर्गत होने वाले लेनदेन को देखने के लिए जारी किया जाने वाला क्रेडिट कार्ड होता है। इसके तहत मिलने वाली सुविधाएँ भी उच्च श्रेणी की होती है लेकिन इन पर टैक्स भी अधिक लगता है।

इस तरह के क्रेडिट कार्ड को सरकार के द्वारा भी किसी बिज़नेस या संस्था को आगे बढ़ाने के लिए जारी किया जाता है या फिर किसी बड़ी कंपनी के द्वारा छोटी कंपनी को आगे बढ़ाने के लिए दिया जाता (Business credit card limit in Hindi) है। कभी कभी कंपनी अपने ही लेनदेन को सुचारू रखने के लिए भी अपने लिए बनवा लेती है जिसे उसके कर्मचारी कंपनी से होने वाले लेनदेन के लिए इस्तेमाल में लाते हैं।

सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड (Secured credit card)

इस तरह का क्रेडिट कार्ड किसी व्यक्ति के द्वारा दूसरे व्यक्ति को आर्थिक रूप से स्वतंत्र करने या मजबूत बनाने के उद्देश्य से जारी किया जाता है। हालाँकि इसे व्यक्ति स्वयं के लिए भी बना सकता है लेकिन उसका कोई औचित्य नहीं रहता है। इसे हम एक उदाहरण सहित आपको समझाते (Security credit card kya hai) हैं। मान लीजिए कि आप किसी कंपनी में वर्षों से काम कर रहे हैं और आपको कभी कभार ज्यादा पैसों की जरुरत पड़ जाती है। अब आप बार बार तो कंपनी से उन पैसों की मांग कर नहीं सकते हैं।

तो अब वह कंपनी आपकी गुणवत्ता को देखते हुए आपके नाम एक क्रेडिट कार्ड जारी करती है जिसे सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड कहा जाता है। उस सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड में उस कंपनी के द्वारा एक लिमिट तक लेनदेन की अनुमति होती है और आप कंपनी से बिना पूछे उन रुपयों का लेनदेन करते (Security credit card ke bare mein jankari) हैं। फिर जब आपका वेतन आ जाता है तो आपके द्वारा किये गए लेनदेन के पैसे अपने आप ही कट जाते हैं या फिर आप कंपनी के नियमों के अनुसार उन रुपयों को कभी और चुका सकते हैं।

प्रीपेड क्रेडिट कार्ड (Prepaid credit card)

यह क्रेडिट कार्ड में सबसे सामान्य प्रकार होता है जिसे आम नागरिक कभी भी बैंक से लेने के लिए आवेदन कर सकता है और बैंक उसे अपनी शर्तों के आधार पर इसे जारी करता है। इसमें उस व्यक्ति के द्वारा बैंक को यह विश्वास दिलाया जाता है कि वह एक समय के बाद उसके तहत होने वाले भुगतान को पूरा कर (Prepaid credit card ke bare mein jankari) देगा। इसके लिए लिमिट को व्यक्ति के स्टेटस के अनुसार तय किया जाता है जैसे कि 20 हज़ार, 50 हज़ार या एक लाख इत्यादि।

अब इतनी लिमिट का मतलब यह हुआ कि वह व्यक्ति उस क्रेडिट कार्ड की सहायता से इतने पैसों तक का लेनदेन स्वतंत्र होकर कर सकता है और उससे ऊपर नहीं जा सकता (Prepaid credit card kya hai) है। फिर उस क्रेडिट कार्ड या ली गयी चीज़ की शर्तों के आधार पर उसको निश्चित अवधि में उन पैसों का भुगतान करना होता है। तो इस तरह से इस प्रीपेड क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल होता है।

प्रीपेड क्रेडिट कार्ड के प्रकार (Prepaid credit card types in Hindi)

अब इस प्रीपेड क्रेडिट कार्ड में भी कई तरह के प्रकार देखने को मिलते हैं जो इसकी जरूरतों के अनुसार अलग अलग होते हैं या फिर इसे किसके द्वारा जारी किया जा रहा है, उसके अनुसार इनका प्रकार निर्भर करता है। तो यदि आप प्रीपेड क्रेडिट कार्ड लेने जा रहे हैं तो उसमे आपको निम्नलिखित वैराइटी देखने को मिल सकती है:

  • डिस्कवर
  • मास्टरकार्ड
  • वीजा
  • अमेरिकल एक्सप्रेस
  • जेसीबी

इन सभी प्रीपेड क्रेडिट कार्ड पर मिलने वाली सुविधा अलग अलग होती है जिनके बीच में ज्यादा कुछ अंतर नहीं होता है। उदाहरण के तौर पर इसमें सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड की तरह ही आपके माता पिता या अन्य कोई रिश्तेदार कुछ रुपए पहले से ही डलवा कर रख सकते हैं और आपको उन पैसों का इस्तेमाल करने की अनुमति होती है इत्यादि।

डिजिटल (Digital credit card)

क्रेडिट कार्ड के इस नाम से ही आप समझ गए होंगे कि यह किस तरह का कार्ड हो सकता है। जिस हिसाब से जमाना आगे बढ़ रहा है और सब कुछ बिना कार्ड की सहायता से ही होने लगा है तो क्रेडिट कार्ड भी इससे पीछे क्यों रह (Digital credit card kya hai) जाता। तो बस अब क्रेडिट कार्ड भी भौतिक रूप से जारी होने की बजाए डिजिटल रूप में जारी होने लगा है और आप अपने मोबाइल की सहायता से ही उसे इस्तेमाल कर सकते हैं।

इसमें आपको कुछ नहीं करना होता है बस बैंक में डिजिटल क्रेडिट कार्ड के लिए अपना आवेदन देना होता (Digital credit card ke bare mein jankari) है। उसके बाद आपको उन्हें यह बताना होता है कि आप किस तरह से इसका इस्तेमाल करने वाले हैं। बैंक आपको उसी के अनुसार ही डिजिटल क्रेडिट कार्ड जारी करता है और आप मोबाइल की सहायता से लेनदेन कर सकते हैं।

चार्ज क्रेडिट कार्ड (Charge credit card)

इस तरह का क्रेडिट कार्ड सबसे अंतिम रूप में लिया जाता है जो और कुछ नहीं बस बैंक के द्वारा ब्याज पर दिया गया पैसा ही (Charge credit card kya hai) होता है। उदाहरण के तौर पर आपको कई बार कुछ चीज़ों को खरीदने के लिए या अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए बैंक से लोन लेने की जरुरत होती होगी तो उसी का ही रूप है यह चार्ज क्रेडिट कार्ड। इसके तहत आप पहले से ही लोन की सुविधा को ले लेते हैं और जब आप पैसे कटवाते हैं तो उस पर ब्याज लगना शुरू हो जाता है।

उदाहरण के तौर पर आपने बैंक से चार्ज क्रेडिट कार्ड लिया हुआ है और वह आपके पास 6 महीने से भी ज्यादा समय से है। तो उस 6 महीने तक आपका कोई भी ब्याज नहीं लागेगा क्योंकि आपने इसमें से कुछ भी लेनदेन नहीं किया (Charge credit card ke bare mein jankari) है। किंतु जैसे ही आप सातवें महीने में अपने किसी काम से इस क्रेडिट कार्ड से पैसा निकलवाते हैं तो आपका ब्याज लगना शुरू हो जाएगा जो पूर्व निर्धारित शर्तों के अनुरूप ही होगा। हालाँकि इसमें से आप कितने पैसे निकाल सकते हैं उसकी भी एक लिमिट होती है।

क्रेडिट कार्ड के फायदे (Credit card ke fayde)

अब साथ के साथ आपको क्रेडिट कार्ड से मिलने वाले फायदों के बारे में भी जान लेना चाहिए ताकि आपको यह पता चल सके कि क्रेडिट कार्ड लेने पर आपको किस तरह की सुविधाएँ मिल सकती हैं और वह आपके लिए किस रूप में लाभदायक हो सकती (Credit card benefits in Hindi) हैं। तो क्रेडिट कार्ड को लेने पर आपको एक नहीं बल्कि अलग अलग स्तर पर कई तरह के फायदे देखने को मिलते हैं जिनका असलियत में पता आपको क्रेडिट कार्ड लेने के बाद ही चल पाता है।

साथ ही आप जहाँ से भी अर्थात जिस भी बैंक से क्रेडिट कार्ड लेने जा रहे हैं, वह बैंक आपको क्या क्या लाभ देता है, उस से भी क्रेडिट कार्ड से मिलने वाले फायदों का पता चलता (Credit card ke fayde kya hai) है। इसी के साथ आप किस तरह के क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करने जा रह हैं उस पर भी बहुत कुछ निर्भर करता है। आइए जाने क्रेडिट कार्ड से मिलने वाले कुछ मूलभूत फायदों के बारे में।

  • क्रेडिट कार्ड से मिलने वाला सबसे बड़ा फायदा तो यही है कि आप समय से पहले ही कुछ चीज़ों के लिए भुगतान कर सकते हैं और उसके लिए यह जरुरी नहीं होता है कि आपके डेबिट कार्ड में या बैंक खाते में पैसा पड़ा है या नहीं।
  • उदाहरण के तौर पर आपको आज एक टीवी लेना है और वह 40 हज़ार का है लेकिन आपके पास इतना पैसा नहीं है या कम पैसा है तो आप उसे क्रेडिट कार्ड के जरिये खरीद सकते हैं। फिर जब आपके खाते में पैसे आ जाते हैं या सैलरी आ जाती है तो आप उन पैसों का भुगतान कर सकते हैं।
  • अब मान लीजिए कि आपकी सैलरी ही 30 हज़ार है तो आप अगले महीने उन 40 हज़ार रुपयों का भुगतान कैसे ही करेंगे और उन 30 हज़ार में से भी आपको घर खर्च इत्यादि के लिए पैसा बचा कर रखना होगा ना।
  • तो इसकी सुविधा भी क्रेडिट कार्ड में ही दी हुई होती है और वह होती है उस सामान को खरीदने के लिए पैसों को किश्तों में अर्थात EMI के जरिये चुकाया जाना। अब यह किश्त आप 3 महीने से लेकर 12 महीने तक की बनवा सकते हैं जो हर सामान के लिए अलग अलग होती है।
  • इतना ही नहीं आप इस क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल बहुत सी चीज़ों की ऑनलाइन या ऑफलाइन खरीदी करते समय एक्स्ट्रा डिस्काउंट पाने में भी कर सकते हैं। उदाहरण के रूप में जो टीवी सामान्य तरीके से भुगतान किये जाने पर 40 हज़ार का पड़ रहा है वही क्रेडिट कार्ड के द्वारा भुगतान किये जाने पर 38 हज़ार तक का भी पड़ सकता है।
  • इसी तरह यदि आप कहीं जाते हैं तो क्रेडिट कार्ड जिन जिनके पास होता है वहां उन्हें एक्स्ट्रा सुविधाओं का लाभ उठाने को मिलता है। उदाहरण के तौर पर हवाई अड्डे पर एक्स्ट्रा रूम मिलना या कुछ सुविधाओं का लाभ मिलना इत्यादि।
  • इसी तरह आप क्रेडिट कार्ड की सहायता से मॉल, मार्ट इत्यादि में भी एक्स्ट्रा कैश बेक जैसी सुविधाओं का लाभ उठा पाने में सक्षम होते हैं जो हर बैंक के अनुसार भिन्न भिन्न होती है।

इसी के साथ साथ क्रेडिट कार्ड के द्वारा आपको कई अन्य तरह के सुविधाएँ और फायदे मिलेंगे जो आपको क्रेडिट कार्ड लेने के बाद ही पता चल पाएगा। इसका पता आपको क्रेडिट कार्ड लेने के बाद ही चल सकता है क्योंकि यह पूर्ण रूप से आपके बैंक और क्रेडिट कार्ड के प्रकार पर ही निर्भर करने वाला है।

क्रेडिट कार्ड से होने वाले नुकसान (Credit card ke nuksan)

अब जब आपने क्रेडिट कार्ड के इतने सारे फायदों के बारे में जान लिया है तो आपको इससे होने वाले नुकसान के बारे में भी पता होना चाहिए। तो क्रेडिट कार्ड का एक ही सबसे बड़ा नुकसान होता है जो इसके सभी फायदों पर भारी पड़ता है और वह होता है कर्ज का जंजाल। या फिर इसे दूसरे शब्दों में कहा जाए तो ऐसी चीज़ों को भी खरीद लेना जो आपको नहीं चाहिए होती है या फिर जिन्हें लेने का आपका बजट नहीं होता (Credit card se hone vale nuksan) है।

अब यदि आप इसे सुन कर अचरज में पड़ गए हैं तो हम इसे सरल शब्दों में समझा देते हैं। पहले के समय में लोगों को कोई महँगी चीज़ खरीदनी होती थी या ऐसी कोई चीज़ जो उनके बजट के बाहर होती थी तो वे उसके लिए हर महीने या हर दिन कुछ पैसे बचाते थे और जब पैसे इकठ्ठे हो जाते थे तब उसे खरीद लेते (Credit card ke nuksan kya hai) थे। वहीं जब किसी चीज़ की एकदम से जरुरत पड़ जाती थी तब वे उसके लिए ऋण लेते थे और फिर समय के अनुसार उसे चुकाया करते थे।

किंतु इस क्रेडिट कार्ड की सहायता से हम चीज़ों को खरीदते समय इस बात पर ध्यान ही नहीं देते हैं। हम बस बिना सोचे समझे उन्हें खरीद लेते हैं और फिर कर्ज के जाल में फंस जाते हैं। ऐसा बहुत से लोगों के साथ होता है लेकिन कोई भी इस पर ध्यान देने को तैयार नहीं है।

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क्रेडिट कार्ड क्या है – Related FAQs

प्रश्न: क्रेडिट कार्ड से क्या फायदा होता है?

उत्तर: क्रेडिट कार्ड से यही मुख्य फायदा होता है कि आप अपने डेबिट खाते से पैसे ना होने के बावजूद भी चीज़ों को खरीदने की क्षमता रखते हैं।

प्रश्न: क्रेडिट कार्ड कौन ले सकता है?

उत्तर: क्रेडिट कार्ड कोई भी व्यक्ति ले सकता है लेकिन उसके लिए बैंक अनुमति देता है।

प्रश्न: क्रेडिट कार्ड क्या है और इसका उपयोग कैसे करें?

उत्तर: क्रेडिट कार्ड के बारे में हरेक जानकारी हमने आपको इस लेख के माध्यम से दे दी है जिसे आपको पढ़ना चाहिए।

प्रश्न: क्रेडिट कार्ड के फायदे और नुकसान क्या हैं?

उत्तर: क्रेडिट कार्ड के फायदे और नुकसान एक एक करके हमने इस लेख में विस्तार से बताये हैं जिसे आपको पढ़ना चाहिए।

तो इस तरह से आज के इस लेख के माध्यम से आपने क्रेडिट कार्ड के बारे में समूची जानकारी ले ली है। आज के इस लेख के माध्यम से आपने जाना कि क्रेडिट कार्ड क्या होता है, वह कौन जारी करता है, उसके क्या कुछ नियम व शर्तें होते हैं, क्रेडिट कार्ड के प्रकार कौन कौन से हैं और उसके फायदे व नुकसान क्या है इत्यादि।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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