COVID 19 आर्थिक बजट GDP का 10%, इस बजट से किसे क्या मिलेगा?

कोरोना संक्रमण काल चल रहा है। कोविड-19 से निपटने और देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए भारी-भरकम पैकेज की मांग की जा रही थी। इसे देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 20 लाख करोड़ रुपये के COVID 19 आर्थिक बजट का ऐलान किया है, जो कुल जीडीपी यानी सकल घरेलू उत्पाद का 10% है। इस पैकेज के तहत देश के कुटीर उद्योग, गृह उद्योग, लघु-मंझोले उद्योग से जुड़े कई ऐलान किए जाने हैं, जो इन क्षेत्रों में काम कर रहे लोगों को राहत पहुंचाएंगे। आइए दोस्तों, चलिए जानते हैं कि इससे किस वर्ग को क्या लाभ मिलेगा-

COVID 19 आर्थिक बजट GDP का 10%, इस बजट से किसे क्या मिलेगा?

1. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेशक कहा है कि पैकेज में किस वर्ग के लिए क्या क्या होगा, इसे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बताएंगी। लेकिन यह जरूर साफ किया है कि हर वर्ग का ध्यान रखा गया है। उद्यमियों, गरीबों, श्रमिकों, प्रवासियों और मछुआरों सहित सभी वर्गों को मजबूत बनाने की दिशा में तैयारी कर ली गई है। एमएसएमई यानी मंझोले और छोटे उद्योगों पर भी पूरा फोकस किया जाएगा।

आत्मनिर्भर भारत अभियान –

2. दोस्तों, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में आत्मनिर्भर भारत अभियान का जिक्र किया है। सभी देशवासियों से लोकल प्रोडक्ट खरीदने और उसे वोकल करने का आह्वान किया है। उस पर गर्व करने को कहा है। ऐसे में यह साफ है कि COVID 19 आर्थिक बजट, पैकेज से आत्मनिर्भर भारत अभियान को नई गति देने की कोशिश की जाएगी। स्वदेशी वस्तुओं के उत्पाद निर्मित करने वाली इकाइयों को बढ़ावा देने का प्रयास रहेगा।

3. COVID 19 आर्थिक बजट के तहत कारोबार और निवेश को प्रोत्साहित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे। अब आपको लग रहा होगा कि यह कैसे होगा तो वह भी सरकार ने बताया है। उसका कहना है कि मुफीद टैक्स व्यवस्था से यह संभव होगा। यानी कारोबारियों को टैक्स में कुछ ढील जा सकती है। उनके लिए कर नियमों को कुछ लचीला बनाया जा सकता है। सक्षम मानव संसाधन यानी स्किल्ड मैन पावर और मजबूत वित्तीय सहायता के जरिए उद्यम को उठाने की कोशिश होगी। यह तय मानकर चलिए कि बैंक और वित्तीय प्रबंधन से जुड़े तमाम सुधार आने वाले दिनों में देखने को मिलेंगे।

Covid 19 आर्थिक बजट GDP का 10%, इस बजट से किसे क्या मिलेगा?
4. उद्योगों को राहत के लिए पैकेज में जमीन, श्रमिकों की बेहतरी कैश लिक्विडिटी और जरूरी कानूनों में बदलावों की भी व्यवस्था की जाएगी। उनके मुताबिक COVID 19 आर्थिक बजट के तहत साथ ही इन तमाम कदमों से जो नया मॉडल उभरेगा, वो ग्लोबल सप्लाई चेन में भारत को ऊंचाई देने में बड़ी भूमिका निभाएगा।

5. उत्पादों की क्वालिटी में सुधार और सप्लाई चेन को माडर्न बनाने पर भी इस पैकेज से काम होगा। प्रधानमंत्री ने भारत को आने वाले दिनों में वैश्विक स्तर पर बड़ी आर्थिक ताकत बनाने का रोडमैप भी दिया है। दोस्तों, आपको यह भी स्पष्ट कर दें कि इस पैकेज में कई पुरानी योजनाओं को भी शामिल किया गया है।

किस देश में जीडीपी का कितना % COVID 19 आर्थिक बजट –

दोस्तों, जैसा कि आप जानते हैं कि कोरोना की महामारी से निपटने के लिए हर देश ने अपने अपने स्तर से जीडीपी का कुछ हिस्सा COVID 19 आर्थिक बजट के नाम कर दिया है। इसमें सबसे ऊपर जापान का नाम है, जबकि हमारा देश भारत इस सूची में तीसरे स्थान पर है। जहां सालाना बजट में सेहत पर बहुत ज्यादा फोकस नहीं किया जाता, वहां इस बजट के अलोकेशन बहुत मायने रखते हैं। यह बताता है कि बीमारी यानी इस महामारी का संकट कितना बड़ा है।

आइए सूची के माध्यम से देखते हैं कि किस देश में जीडीपी का कितना प्रतिशत हिस्सा आर्थिक बजट के रूप में निर्धारित किया गया है-

देश COVID 19 आर्थिक बजट, GDP का %
जापान 21.1%
अमेरिका  11%
भारत  10%
ऑस्ट्रेलिया  9.9%
कनाडा  8.4%
ब्राजील  6.75%
जर्मनी  4.9%
यूरोपियन यूनियन  4%
अर्जेंटीना  3.5%
इंडोनेशिया 2.6%
चीन  2.5%
तुर्की  1.5%
इटली  1.4%

हाथ में पैसे नहीं देगी सरकार –

जिस तरह से विदेशों में लोगों के हाथ में पैसे दिए गए हैं, वैसा हमारे देश भारत में नहीं होने वाला है। यहां सरकार हाथ में पैसे नहीं देगी। सरकार श्रम, भूमि कानून में सुधार करेगी और लिक्विडिटी को समर्थन करेगी। वास्तविक पैकेज 13 लाख करोड़ रुपए का है। बाकी पहले से घोषित किए जा चुके पैकेज का हिस्सा माना जा सकता है।

सब पैकेज मिलाकर बने हैं 20 लाख करोड़

20 लाख करोड़ का जो पैकेज सरकार ने घोषित किया है, वह 20 लाख करोड़ पहले के सभी पैकेज को मिलाकर किया गया है। आपको बता दें कि रिजर्व बैंक आफ इंडिया यानी आरबीआई ने अब तक 5 लाख करोड़ रुपए का पैकेज दिया है। 1.70 लाख करोड़ रुपए सरकार ने दिए हैं। कुल मिलाकर 6.70 लाख करोड़ रुपए हुए। अब 20 लाख करोड़ में से 6.70 लाख करोड़ रुपए को हटा दें तो सरकार कुल 13 लाख करोड़ रुपए का पैकेज दे सकती है।

सरकार कहां से जुटाएगी 13 लाख करोड़ रुपए –

संपूर्ण देश में इस समय कारोबारी गतिविधियां और औद्योगिक उत्पादन ठप पड़ा है। सरकार की गुड्स एंड सेल्स टैक्स यानी जीएसटी से होने वाली कमाई बीती मार्च में घटकर 28 हजार करोड़ रुपए पर आ गई।

सरकार ने राजस्व घाटे को पाटने के लिए पहले ही उधार लेने का लक्ष्य रखा था। ऐसे में आपके दिमाग में यह सवाल जरूर आ रहा होगा कि सरकार यह पैसा कहां से जुटाएगी। तो दोस्तो, आपको बता दें कि सरकार सुपर रिच जैसे टैक्स लगा सकती है, जिससे अतिरिक्त पैसा मिलेगा। एलटीसीजी से टैक्स हटा सकती है। डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स कॉर्पौरेट टैक्स में जोड़ सकती है। जीएसटी को 6 महीने का मोराटोरियम दिया जा सकता है, जिससे 6 लाख करोड़ मिलेगा। बाकी जो पैसा चाहिए वह सरकार अपने उधार कार्यक्रम से पूरा करेगी।

जैसा कि आप जानते ही हैं कि सरकार ने कोविड-19 संकट के चलते चालू वित्त वर्ष के उधार में बढ़ोतरी कर दी है। अब सरकार ने वित्त वर्ष 2023 के लिए 12 लाख करोड़ रुपए उधार लेने का फैसला किया है। यह राशि बजट में पहले से तय उधारी के लक्ष्य 7.80 लाख करोड़ रुपए से 4.20 लाख करोड़ रुपए ज्यादा होगी।

मूडीज का आंकलन चौंकाने वाला, शून्य रह सकती है जीडीपी वृद्धि दर –

दोस्तों, क्रेडिंट रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने एक चौंकाने वाला दावा किया है। उसका कहना है कि वर्ष 2021-22 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर शून्य रह सकती है। इस प्रतिष्ठित एजेंसी ने इस दौरान देश में व्यापक राजकोषीय घाटे, ऊंचे सरकार लोन, कमजोर सामाजिक और भौतिक बुनियादी ढांचे और नाजुक वित्तीय क्षेत्र की आशंका व्यक्त की है। उसने यह भी दावा किया है कि हाल के वर्षों में भारत की आर्थिक वृद्धि की गुणवत्ता में गिरावट आई है। इसका पता ग्रामीण परिवारों में खराब वित्तीय स्थिति, अपेक्षाकृत कम उत्पादकता और कमजोर रोजगार सृजन से चलता है।

भारत की जीडीपी की बढ़ोत्तरी शून्य रहने का अर्थ यह है कि यह इस वित्तीय वर्ष में सपाट रहेगी। एजेंसी ने हालांकि वित्तीय 2021-22 में बढ़ाात्तरी दर 6.6 प्रतिशत पहुंच जाने का अनुमान लगाया है। मूडीज ने चेतावनी दी है कि कोरोना महामारी से झटका आर्थिक वृद्धि, में पहले से ही कायम नरमी को और बढ़ा देगा। इसने राजकोषीय घाटे को कम करने की संभावनाओं को पहले ही कमजोर कर दिया है।

वित्त मंत्री ने पहले ही लगाया था मामूली बढ़त का अनुमान

आपको बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में 10 प्रतिशत मामूली जीडीपी बढ़ोत्तरी का अनुमान लगाया था। लेकिन अब यह लक्ष्य मौजूदा परिदृश्य को देखते हुए असंभव लगता है। वित्त मंत्री ने 2021-22 में भारत का कर राजस्व पिछले साल की तुलना में 12 फीसदी बढ़ने का अनुमान लगाया था। उन्होंने गैर कर राजस्व वृद्धि को 11.4 प्रतिशत के साथ 3,85,017 करोड़ रुपया रेखांकित किया था।

जीडीपी क्या है? What is GDP?

मित्रों, सीधे शब्दों में कहें तो सकल घरेलू उत्पाद और अंग्रेजी में gross domestic product (जीडीपी) किसी भी देश की आर्थिक सेहत को मापने का पैमाना या जरिया है। जीडीपी का आंकड़ा अर्थव्यवस्था के प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में उत्पादन की वृद्धि दर पर आधारित होता है। जीडीपी के तहत कृषि, उद्योग व सेवा तीन प्रमुख घटक आते हैं।

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COVID 19 आर्थिक बजट से हर किसी को जगी आस

ऐसे समय में, जबकि अर्थ व्यवस्था ठप पड़ी है लाखों लोगों की नौकरियों पर संकट है, कई की चली भी गई है और कई की सैलरियों पर संकट है । उनकी आधी सैलरी काट ली गई है। ऐसे समय में प्रधानमंत्री मोदी की ओर से घोषित एस 20 लाख करोड़ के पैकेट से हर वर्ग में उम्मीद जगी है। उद्यमियों को उम्मीद है कि उनका उद्यम संकट से उबरेगा। उन्हें छूट दी जाएगी। सरकार की तरफ से सहायता दी जाएगी। ताकि वह फिर से अपने पैरों पर खड़े हो सकें।

वहीं, श्रमिकों को इस बात की उम्मीद है कि उनके लिए काम के नए अवसर मिलेंगे। वह अपने घरों के आसपास ही अपनी आजीविका के साधन ढूंढ सकेंगे और जीवन यापन कर सकेंगे।। ऐसे में जिस तरह से प्रधानमंत्री ने लोकल प्रोडक्ट को बढ़ावा देने की बात कही है, उसका प्रचार करने और उस पर गर्व करने की बात कही है, वह इसी दिशा में एक कदम माना जा सकता है।

विपक्षियों ने भी COVID 19 आर्थिक बजट की सराहना –

सत्तासीन भाजपा के साथ ही कई विपक्षियों ने भी आश्चर्यजनक रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से घोषित 20 लाख करोड़ रुपए के इस पैकेज का स्वागत किया है। राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी आश्चर्यजनक रूप से इस पैकेज को अच्छा बताया है हालांकि, उनके यानी राजस्थान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि देखना होगा कि इसमें किसको क्या मिलेगा। राज्य सरकार को क्या मिलेगा। किसानों, उद्यमियों को क्या मिलेगा। उसके बाद ही बता पाएंगे कि इस बारे में क्या कहा जा सकता है।

हालांकि, कई विश्लेषक सचिन पायलट की तारीफ को कुछ अलग नजरिए से भी जोड़ कर देख रहे हैं। उनका मानना है कि जिस तरह मध्य प्रदेश में सियासी उलटफेर देखने को मिला है, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाजपा का दामन थाम लिया है उसी तरह का कुछ उलटफेर राजस्थान में भी देखने को मिल सकता है। उनका इशारा सचिन पायलट की ओर है।

दोस्तों, इस पोस्ट के जरिए हमने आपको बताया कि कोविड 19 से निपटने के लिए घोषित 20 लाख करोड़ के COVID 19 आर्थिक बजट, जो कि जीडीपी का 10% है। का किस वर्ग को क्या लाभ संभव है। उम्मीद है कि आपको यह पोस्ट पसंद आई होगी। यदि इस पोस्ट में दिए गए किसी भी बिंदु पर आप और विस्तार से जानकारी चाहते हैं तो उसके लिए हमें नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते हैं। दोस्तों, यदि किसी अन्य विषय के बारे में जानना चाहते हैं तो भी हम से नीचे दिए गए कमेंट बाक्स में कमेंट करके हमसे संपर्क कर सकते हैं। हमें आपकी प्रतिक्रियाओं का इंतजार है। ।।धन्यवाद।।

प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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Comments (4)

  1. मैंने आपके बहुत सारे आर्टिकल पढ़े है, आप बहुत ही सटीक जानकारी देते है। ये बहुत ही अच्छी जानकारी है। इसको पढ़ कर मुझे इससे जुडी सारि चीज़े पता चल गयी। इस तरह की जानकारी मैंने hindiwiz पर पढ़ी मगर आपके आर्टिकल में बहुत अच्छी जानकारी मिली।

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