क्रेडिट कार्ड के लिए कितना सिबिल स्कोर होना चाहिए? Cibil Score For Credit Card

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यदि आपने कभी लोन (loan) अथवा क्रेडिट कार्ड (credit card) के लिए अप्लाई (apply) किया हो तो आप अवश्य जानते होंगे कि बैंक सबसे पहले आपकी क्रेडिट हिस्ट्री (credit history) जांचता है। वह पता करता है कि क्या आप लोन लेने की क्षमता रखते हैं? कहीं आपको लोन देना कहीं जोखिम (risk) भरा तो साबित नहीं होगा?

यही बात लोन एवं क्रेडिट कार्ड दोनों पर लागू होती है। क्रेडिट कार्ड के मामले में भी बैंक संबंधित व्यक्ति का सिबिल (cibil) यानी क्रेडिट स्कोर (credit score) देखता है।

इसके आधार पर ही वह फैसला लेता है कि संबंधित व्यक्ति का क्रेडिट कार्ड आवेदन मंजूर किया जाए अथवा नहीं। आज इस पोस्ट में हम आपको यह बताएंगे कि क्रेडिट कार्ड के लिए कितना सिबिल स्कोर होना चाहिए? आइए, शुरू करते हैं-

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सिबिल क्या है? (What is CIBIL?)

दोस्तों, इससे पूर्व कि हम आगे बढ़ें, आइए सबसे पहले जान लेते हैं कि सिबिल क्या होता है? (What is CIBIL) दोस्तों सिबिल की फुल फाॅर्म होती है- क्रेडिट इंफार्मेशन ब्यूरो इंडिया लिमिटेड (credit information bureau India limited)। ट्रांसयूनियन सिबिल लिमिटेड (transunion cibil limited) भारत की पहली क्रेडिट इंफार्मेशन कंपनी है।

इसकी स्थापना अगस्त, 2000 में की गई थी। इसका मुख्य कार्य देश के नागरिकों के साथ ही विभिन्न कामर्शियल संस्थाओं के क्रेडिट स्कोर को इकट्ठा करना एवं उन्हें मेंटेन करना है। इसका रेगुलेशन क्रेडिट इन्फाॅर्मेशन कंपनीज रेगुलशन एक्ट (credit information companies regulation act)-2005 के माध्यम से होता है।

इसे भारतीय रिजर्व बैंक (reserve Bank of India) यानी आरबीआई (RBI) द्वारा इस कार्य के लिए लाइसेंस (licence) हासिल है। इसकी जानकारी के आधार पर ही किसी व्यक्ति के लिए क्रेडिट इंफार्मेशन रिपोर्ट (credit information report) एवं सिबिल क्रेडिट स्कोर (CIBIL credit score) यानी सीसीआर (CCR) तैयार किया जाता है। यह सीसीआर विभिन्न बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों संग मूल्यांकन एवं मंजूरी के लिए साझा की जाती है।

क्रेडिट कार्ड के लिए कितना सिबिल स्कोर होना चाहिए? (How much cibil score is needed for credit card?)

सिबिल स्कोर क्या होता है? (What is CIBIL score?)

अब आते हैं सिबिल स्कोर (CIBIL score) पर। दोस्तों, यह एक तीन अंकों की statistical summary यानी सांखियकीय सारांश है, जो आपकी क्रेडिट क्षमता (credit eligibility) को दर्शाता है। इसे आपकी सिबिल रिपोर्ट पर आपके एकाउंट एवं क्वेरी में मिलने वाले ब्योरे का इस्तेमाल कर प्राप्त किया जाता है। यह आम तौर पर 300 से 900 के बीच होता है।

इसका हाई स्कोर यानी 900 के करीब होना बताता है कि आपकी क्रेडिट योग्यता/क्षमता अधिक है। आपको आसानी से लोन/क्रेडिट कार्ड दिया जा सकता है।

दूसरे शब्दों में कहें तो उच्च सिबिल स्कोर आपको लोन एवं क्रेडिट कार्ड की जल्द मंजूरी हासिल करने में सहायता करता है। आपको यह भी बता दें दोस्तों कि क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन रिजेक्ट होता है तो आपको क्रेडिट स्कोर कम हो जाता है।

इस समय भारत में कितनी क्रेडिट इंफार्मेशन कंपनियां हैं? (How many credit information companies are there in india?)

दोस्तों, आपको जानकारी दे दें कि इस समय भारत में चार क्रेडिट इंफार्मेशन कंपनियां हैं, जो विभिन्न व्यक्ति/संस्थाओं के क्रेडिट संबंधी आंकड़े तैयार करती हैं, मेंटेन करती हैं एवं इन्हें बैंकों/संस्थानों से साझा करती हैं। इनका ब्योरा इस प्रकार है-

1. ट्रांसयूनियन सिबिल (transunion cibil)-

यह तो हम आपको बता ही चुके हैं कि यह भारत की सबसे पहली क्रेडिट इंफार्मेशन कंपनी है। इसे अब केवल सिबिल के नाम से जाना जाता है। इसके इस समय साढ़े नौ सौ से भी अधिक संस्थाएं एवं सदस्य हैं। इसमें निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, गैर बैंकिंग वित्तीय संगठन यानी एनबीएफसी आदि शामिल हैं।

2. एक्सपेरियरन (Experian)

इसका पूरा नाम एक्सपेरियन क्रेडिट इंफार्मेशन कंपनी आफ इंडिया है। आपको बता दें कि वर्ष 2010 में यह नए क्रेडिट इंफार्मेशन कंपनीज रेगुलेशन एक्ट यानी सीआईसीआरए (cicra) के तहत लाइसेंस प्राप्त करने वाला पहला संस्थान है। एक्सपेरियन के क्रेडिट स्कोर की रेंज 330 से लेकर 830 तक है।

3. इक्विफैक्स (Equifax)

आपको बता दें दोस्तों कि इस क्रेडिट ब्यूरो की स्थापना अटलांटा अमेरिका में हुई थी। वर्ष 2010 में इस क्रेडिट ब्यूरो को आरबीआई ने भारत में रजिस्टर्ड किया। इसका हेड आफिस (head office) यूएसए (USA) में है। यह लोगों के साथ ही छोटे, मध्यम एवं बड़े संगठनों की भी क्रेडिट रिपोर्ट तैयार करता है।

4. हाईमार्क (highmark)

यह क्रेडिट इंफार्मेशन कंपनी मुंबई (mumbai) में स्थित है। यह हाईमार्क कंपनी क्रेडिट जानकारी एकत्र करने एवं मेंटेन करने के साथ ही विभिन्न संगठनों की रिस्क प्रोफाइल (risk profile) तैयार करती है एवं संगठनों की जांच करती है।

क्रेडिट कार्ड के लिए बैंक सिबिल स्कोर क्यों देखते हैं? (Why banks see cibil score for credit card?)

अब आपके दिमाग में यह प्रश्न आ रहा होगा कि आखिर बैंक क्रेडिट कार्ड देने के लिए सिबिल स्कोर क्यों देखते हैं? दोस्तों, आपको बता दें कि क्रेडिट कार्ड (credit card) भी एक तरह का अनसिक्योर्ड लोन (unsecured loan) होता है। इसे देने में बैंक को अधिक जोखिम (risk) होता है।

ऐसे में जब कोई ग्राहक क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करता है तो बैंक पहले यह चेक करता है कि अमुक व्यक्ति को क्रेडिट कार्ड देने में कितना जोखिम होगा। इसके लिए संबंधित व्यक्ति की सिबिल रिपोर्ट मंगाई जाती है।

किसी व्यक्ति की सिबिल रिपोर्ट में क्या क्या शामिल होता है? (What is included in a person’s cibil report?)

साथियों, आइए अब आपको बताते हैं कि किसी व्यक्ति की सीआईआर यानी सिबिल रिपोर्ट में क्या क्या शामिल होता है?
दोस्तों, इसमें किसी व्यक्ति का पिछला व्यक्तिगत भुगतान रिकार्ड, उसके एकाउंट्स की संख्या, डिफाॅल्ट (यदि कोई हो), क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो (credit utilisation ratio), साथ ही उसने अन्य कितने लोन एवं क्रेडिट कार्ड लिए हैं, आदि देखा जाता है।

इसके पश्चात बैंक फेसला लेता है कि संबंधित व्यक्ति का क्रेडिट कार्ड आवेदन स्वीकार करना है अथवा नहीं। आपको बता दें कि अधिक क्रेडिट स्कोर वाले ग्राहकों को वित्तीय रूप से अधिक सक्षम माना जाता है। उनकी क्रेडिट कार्ड अर्जी मंजूर होने की संभावनाएं अधिक होती हैं।

क्रेडिट कार्ड के लिए कितना सिबिल स्कोर क्या होना चाहिए? (How much cibil score is needed for credit card?)

दोस्तों, आपको बता दें कि यूं तो सिबिल स्कोर 900 के आस पास होना बेहद अच्छा माना जाता है। लेकिन ज्यादातर बैंक लोन एवं क्रेडिट कार्ड अप्रूवल के लिए न्यूनतम 750 अथवा इससे अधिक क्रेडिट स्कोर को बेहतर मानते हैं। यदि आपका सिबिल स्कोर इतना होता है तो अमूमन आपके लोन/क्रेडिट कार्ड आवेदन को मंजूर कर लिया जाता है।

किस क्रेडिट स्कोर का क्या अर्थ? (What is meaning of different credit scores?)

आइए, अब आपको बताते हैं कि किस क्रेडिट स्कोर का क्या अर्थ है? इसके कम होने का क्या अर्थ है। यह बहुत है तो इसका अर्थ है। एक नजर विभिन्न क्रेडिट स्कोर एवं उनका अर्थ बताती इस टेबल पर डाल लीजिए-

स्कोरअर्थ
300-579बहुत खराब स्कोर
580-669उचित स्कोर
670-739अच्छा स्कोर
740-799बहुत अच्छा स्कोर
800-850आउटस्टैंडिंग स्कोर
यह स्कोर एक्सपेरियन क्रेडिट ब्यूरो के अनुसार है।

विभिन्न क्रेडिट ब्यूरो की सिबिल रेंज क्या है? (What is the cibil range of different credit bureaus?)

हमने आपको ऊपर विभिन्न क्रेडिट इंफार्मेशन कंपनियों के बारे में जानकारी दी। अब आपको बताते हैं कि विभिन्न क्रेडिट ब्यूरो की सिबिल रेंज कितनी है। वे कितने सिबिल स्कोर को अच्छा करार देती हैं। यह ब्योरा इस प्रकार से है-

क्रेडिट ब्यूरोक्रेडिट स्कोर की रेंजकितना सिबिल स्कोर अच्छा
ट्रांसयूनियन सिबिल300-900750 से अधिक
एक्सपेरियन300-850700 से अधिक
इक्वीफैक्स300-850700 से अधिक

अच्छा क्रेडिट स्कोर होने पर भी किन स्थितियों में आपको क्रेडिट कार्ड नहीं मिलता? (In which conditions you don’t get credit card inspite of good credit score?)

दोस्तों, ऐसा कई बार होता है कि किसी व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर अच्छा होता है, इसके बावजूद उसे क्रेडिट कार्ड नहीं मिल पाता। इसकी कई वजहें हो सकती हैं, जो कि इस प्रकार से हैं-

  • -आपकी क्रेडिट हिस्ट्री कम है।
  • -आपने हाल ही में किसी ईएमआई का भुगतान या तो नहीं किया है, अथवा देरी से किया है।
  • -आप पहले से ही कई लोन एवं क्रेडिट कार्ड के बिल चुका रहे हैं।
  • -आपका क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो अधिक है।

कोई व्यक्ति अपना क्रेडिट स्कोर कैसे सुधार सकता है? (How a person can improve his credit score?)

दोस्तों, आपको बता दें कि यदि कोई व्यक्ति चाहे तो वह अपना क्रेडिट स्कोर सुधार भी सकता है। इसके कई तरीके हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार से हैं-

(a) अपना भुगतान हमेशा समय पर करें-

यदि आपने कोई लोन लिया है अथवा आपको किसी देय का भुगतान करना है तो इसे हमेशा समय पर करें।

(b) अधिक क्रेडिट का इस्तेमाल न करें-

अधिक क्रेडिट का इस्तेमाल न करें। इस पर कंट्रोल रखें।

(c) बहुत अधिक अनसिक्योर्ड लोन न लें-

यदि आप पर एक से अधिक लोन हैं तो ध्यान दें कि अनसिक्योर्ड लोन अधिक न हों। पर्याप्त बैलेंस रखें।

(d) यदि आपका ज्वाइंट एकाउंट है तो उस पर नजर रखें-

यदि आपका कोई ज्वाइंट एकाउंट है तो सह-स्वामी की वित्तीय गतिविधियों, भुगतानों आदि पर नजर रखें। ऐसा न हो कि उसकी लापरवाही आपके लिए मुसीबत बन जाए।

(e) अपनी क्रेडिट हिस्ट्री की समीक्षा करते रहें-

यह आवश्यक है कि आप वर्ष भर अपनी क्रेडिट हिस्ट्री की समीक्षा करते रहें। यह कम न हो।

क्या सिबिल क्रेडिट इंफार्मेशन रिपोर्ट में कोई बदलाव कर सकता है? (Can cibil do any change in credit information report?)

मित्रों, आपको बता दें कि सिबिल केवल आपकी क्रेडिट हिस्ट्री एवं अन्य चीजों का ब्योरा एकत्र एवं मेंटेन करता है, लेकिन यह क्रेडिट इंफार्मेशन रिपोर्ट (credit information report) में कोई बदलाव नहीं कर सकता। इसमें केवल व्यक्ति अथवा संगठन संबंधी जानकारी होती है।

सिबिल किसी को अच्छा या खराब क्रेडिट की संज्ञा नहीं देता अथवा न ही कोई डिफाॅल्टर लिस्ट (defaulter list) तैयार करता है। यह बैंकों/वित्तीय संस्थानों को किसी के लोन/क्रेडिट आवेदन मंजूर कर लेने संबंधी कोई सिफारिश नहीं करता। हरी झंडी नहीं देता। यह फ़ैसला संबंधित बैंकों/वित्तीय संस्थानों को ही व्यक्ति के क्रेडिट स्कोर के आधार पर करना होता है।

जिनका कोई क्रेडिट स्कोर नहीं होता, ऐसे आवेदकों का क्या होता है? (What if an applicant doesn’t have any credit score?)

साथियों, बहुत बार क्रेडिट रिपोर्ट में क्रेडिट स्कोर के स्थान पर एनए (NA) अथवा एनएच (NH) लिखा होता है। ऐसा उस स्थिति में होता है, जब आवेदक का कोई क्रेडिट ट्रैक रिकाॅर्ड (credit track record) नहीं होता।

आपको बता दें कि एनए अथवा एनएच स्कोर वाले आवेदकों को बैंक/वित्तीय संस्थान अपनी क्रेडिट पाॅलिसी (credit policy) के अनुसार अमूमन लोन/क्रेडिट कार्ड देने में दिलचस्पी कम दिखाते हैं।

अब आपको बता देते हैं कि एनए (NA) एवं एनएच (NH) का अर्थ क्या होता है? मित्रों, इसका अर्थ होता है कि आपके पास कोई क्रेडिट हिस्ट्री नहीं है यानी आप क्रेडिट सिस्टम (credit system) में नए हैं।

इसका एक अर्थ यह भी है कि आपके पास सभी एड-आन क्रेडिट कार्ड (add-on credit card) हैं एवं आपका कोई भी क्रेडिट एक्सपोजर (credit exposure) नहीं है।

सिबिल की फुल फाॅर्म क्या है?

सिबिल की फुल फाॅर्म क्रेडिट इंफार्मेशन ब्यूरो इंडिया लिमिटेड है।

सिबिल स्कोर क्या होता है?

यह एक तीन अंकों का सांख्यिकीय ब्योरा होता है, जो आपकी लोन/क्रेडिट कार्ड लेने संबंधी क्षमता को दर्शाता है।

सिबिल का क्या कार्य होता है?

इसका कार्य किसी व्यक्ति/संगठन की क्रेडिट रिपोर्ट तैयार कर उसे बैंक/वित्तीय संस्थान से साझा करना है, ताकि बैंक संबंधित व्यक्ति/संगठन के लोन/क्रेडिट कार्ड आवेदन को मंजूर करने पर फेसला कर सके।

क्रेडिट इंफार्मेशन रिपोर्ट में क्या क्या जानकारियां दर्ज होती हैं?

एक क्रेडिट इंफार्मेशन रिपोर्ट में किसी व्यक्ति/संगठन के एकाउंट, उसमें हुए लेन-देन, डिफाॅल्ट यदि कोई हो, अन्य लिए गए लोन, कार्ड्स आदि की पूरी जानकारी होती है।

भारत में कितनी क्रेडिट इंफार्मेशन कंपनियां काम कर रही हैं?

भारत में मुख्य रूप से चार क्रेडिट इंफार्मेशन कंपनियां काम कर रही हैं। इसमें ट्रांसयूनियन सिबिल, एक्सपेरियन, हाईमार्क, इक्वीफैक्स शामिल हैं।

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सिबिल नाम से कौन सी कंपनी जानी जाती है?

सिबिल नाम से ट्रांसयूनियन जानी जाती है।

भारत की पहली क्रेडिट इंफार्मेशन कंपनी कौन सी है?

ट्रांसयूनियन सिबिल ही भारत की पहली क्रेडिट इंफार्मेशन कंपनी है।

क्या कोई व्यक्ति अपना क्रेडिट स्कोर सुधार भी सकता है?

जी हां, कोई व्यक्ति अपना क्रेडिट स्कोर सुधार भी सकता है। इसके तरीके हमने आपको ऊपर पोस्ट में बताए हैं।

क्रेडिट कार्ड लेने के लिए कितना सिबिल स्केार बेहतर माना जाता है?

क्रेडिट कार्ड लेने के लिए 750 अथवा इससे अधिक सिबिल स्कोर बेहतर माना जाता है।

दोस्तों, हमने इस पोस्ट के जरिए आपको जानकारी कि क्रेडिट कार्ड के लिए कितना सिबिल स्कोर होना चाहिए? उम्मीद करते हैं कि यह पोस्ट आपके लिए बेहद उपयोगी साबित होगी। आपको लोन एवं क्रेडिट आदि के आवेदन के वक्त आपके लिए सहायक साबित होगी। यदि आपका इस पोस्ट को लेकर कोई सवाल है तो आप बेखटके नीचे दिए गए कमेंट बाक्स में कमेंट करके बता सकते हैं। आपकी प्रतिक्रियाओं एवं सुझावों का हमें इंतजार है। ।।धन्यवाद।।

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प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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