बेनामी संपत्ति नियम, सज़ा, जुर्माना | Benami Property Act In Hindi

अक्सर हम बेनामी संपत्ति के बारे में किसी ने किसी व्यक्ति को बात करते हुए देखते हैं | लेकिन यदि आपको Benami Sampati के बारे में जानकारी नहीं है | तो आपको उनकी बातें कुछ भी समझ में नहीं आएंगी | जब भी बेनामी संपत्ति की बात की जाती है | तो दिमाग में ब्लैक मनी के बारे में विचार आने लगते हैं | क्योंकि Benami Property , ब्लैक मनी से ही जुड़ी हुई है | और हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा ब्लैक मनी के खिलाफ एक बहुत बड़ा एक्शन (नोट बंदी) लिया गया है | जिसकी जानकारी आज देश के बच्चे बच्चे को है |

Benami Property Act In Hindi –

बेनामी संपत्ति के लिए सबसे पहले 1988 में कानून लाया गया था | लेकिन इसके कुछ अनुकूल प्रभाव नहीं दिखे | जिसके कारण 2016 में इस कानून को संशोधित किया गया | और एक नवंबर 2016 से नया संशोधित कानून लागू है | जिसमें बेनामी संपत्ति को जप्त करने और उन्हें सील करने का पूरा अधिकार है | संपत्ति जप्त करने के साथ ही संबंधित व्यक्ति को जुर्माना और कैद की सजा भी दी जा सकती है |

यदि आपको भी नहीं पता है कि बेनामी संपत्ति क्या है ? Benami Sampati के दायरे में कौन-कौन से व्यक्ति आ सकते हैं ? Benami Sampati के नियम कानून क्या है ? तो आपको इस आर्टिकल के माध्यम से आपके सभी सवालों के जवाब प्राप्त हो जाएंगे |

बेनामी संपत्ति क्या है –

बेनामी संपत्ति नियम, सज़ा, जुर्माना | Benami Property Act In Hindi

बेनामी संपत्ति अथवा बेनामी प्रॉपर्टी को साधारण भाषा में हम ” बिना नाम की संपत्ति “ कह सकते हैं | Benami Property  से मतलब के लिए ऐसी संपत्ति से है | जो कोई व्यक्ति अपने नाम से ना खरीद कर किसी और व्यक्ति के नाम से  खरीदता है | लेकिन उस संपत्ति का पूरा लाभ उसे ही प्राप्त होता है | Benami Sampati के अंतर्गत चल और अचल सभी प्रकार की संपत्ति शामिल होती है | इसके साथ ही जिस व्यक्ति के नाम से बेनामी प्रॉपर्टी खरीदी जाती है | उस व्यक्ति को  बेनामदार कहा जाता है |

Benami Property के अंतर्गत ऐसे भी ट्रांजैक्शन आते हैं | जब कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को cash देता है | और वह व्यक्ति अपने नाम से कोई प्रॉपर्टी खरीदता है | लेकिन खरीदी गई प्रॉपर्टी का पूरा लाभ पहले व्यक्ति को ही प्राप्त होता है | प्रॉपर्टी से मिलने वाला लाभ डायरेक्ट अथवा इनडायरेक्ट भी हो सकता है | इसके साथ ही यह जरूरी नहीं कि संपत्ति से तुरंत लाभ प्राप्त हो या लाभ भविष्य में भी प्राप्त हो सकता है |

Benami Sampati के अंतर्गत कौन कौन सी प्रॉपर्टी शामिल है –

बेनामी संपत्ति का दायरा केवल रियल इस्टेट तक सीमित नहीं है | भारतीय संविधान में चल – अचल , Tangible, Intangible कोई हित , अधिकार या लीगल दस्तावेजों को भी Benami Property में सम्मिलित किया गया है | यदि कोई व्यक्ति  किसी दूसरे व्यक्ति के नाम से शेयर भी खरीदता है | तो उसे भी बेनामी संपत्ति ही माना जाएगा |

पत्नी और बच्चों के नाम से भी खरीदी गई प्रॉपर्टी बेनामी संपत्ति में आ सकती है –

यदि आप कोई प्रॉपर्टी अपनी पत्नी बच्चे या किसी रिश्तेदार के नाम से प्रॉपर्टी खरीदते हैं | लेकिन ऐसी प्रॉपर्टी को आप इनकम टैक्स विभाग को सूचित नहीं करते हैं | तो ऐसी प्रॉपर्टी को भी  बेनामी संपत्ति माना जाएगा | इसलिए अपने बच्चों  या पत्नी के नाम से खरीदी जाने वाले प्रॉपर्टी को भी अपने इनकम टैक्स रिटर्न में जरूर दिखाएं | यदि आप इनकम टैक्स रिटर्न में नहीं दिखाते हैं | तो यहां ब्लैक मनी से खरीदी गई प्रॉपर्टी होगी | और इसे Benami Property माना जाएगा |

Benami Sampati के अंतर्गत न आने वाले ट्रांजैक्शन –

कुछ ऐसे ट्रांजैक्शन भी हैं | जिन्हें Benami Sampati के दायरे से अलग रखा गया है | यह ट्रांजैक्शन कुछ इस प्रकार हैं –

  • संयुक्त परिवार के कर्ता या मेंबर द्वारा किसी प्रॉपर्टी को अपने नाम से रखना जिसका इस्तेमाल दूसरे फैमिली मेंबर के लाभ में हो रहा हो | ऐसे ट्रांजैक्शन को भी बेनामी संपत्ति नहीं समझा जाएगा |
  • एक इंडिविजुअल द्वारा अपने पत्नी और बच्चों के नाम से अपनी इनकम से खरीदी की प्रॉपर्टी , Benami Property में नहीं आती है |
  • यदि कोई व्यक्ति किसी प्रॉपर्टी को किसी जिम्मेदार व्यक्ति के नाम करता है | तो उसे भी Benami Property नहीं माना जाएगा | उदाहरण के तौर पर – ट्रस्टी, Executor, पार्टनरशिप फर्म के पार्टनर, या एक डिपोजिटरी के रूप में |
  • किसी व्यक्ति द्वारा अपने भाई अथवा बहन के नाम से प्रॉपर्टी खरीदना भी बेनामी बेनामी संपत्ति में नहीं आएगी | लेकिन शर्त यह है कि ऐसी संपत्ति known सोर्सेज से खरीदी गई हो |

Benami Sampati के लिए जुर्माना और सजा | बेनामी संपत्ति कानून कार्यवाही-

भारतीय संविधान में बेनामी संपत्ति एक्ट के अंतर्गत सजा का भी प्रावधान किया गया है | यदि कोई व्यक्ति बेनामी ट्रांजैक्शन करता है | तो उसे निम्न सजा हो सकती है –

  • प्रॉपर्टी के मार्केट वैल्यू का 25% के बराबर जुर्माना लगाया जा सकता है |
  • न्यूनतम 1 वर्ष से अधिकतम 7 वर्षों तक जेल की सजा हो सकती है |

किसी व्यक्ति द्वारा अधिकारी को इंक्वारी के दौरान गलत सूचना देने पर सजा –

यदि कोई व्यक्ति किसी इंक्वारी अधिकारी को इंक्वारी करते समय गलत जानकारी देता है | तो उसके लिए भी सजा का प्रावधान किया गया है –

  • ऐसे व्यक्ति पर प्रॉपर्टी के मार्केट वैल्यू का 10% के बराबर का जुर्माना लगाया जाएगा |
  • और साथ ही कम से कम 6 महीने और अधिकतम 5 वर्ष तक की सजा भी दी जा सकती है |

भारतीय बेनामी संपत्ति अधिनियम –

भारतीय संविधान में बेनामी संपत्ति अधिनियम पारित किया गया है | जिस का उल्लंघन करने वाले नागरिकों के लिए सजा का भी प्रावधान किया गया है | समय-समय पर Benami Property में संशोधन भी किया गया है | जो कि इस प्रकार –

Benami Property Act 1988 | बेनामी संपत्ति अधिनियम 1988 –

सर्वप्रथम बेनामी संपत्ति अधिनियम 1988 को भारत के संसद में पारित किया गया | इसके अंतर्गत जारी किए गए नियम कुछ इस प्रकार है  –

  • इस अधिनियम को बेनामी ट्रांजैक्शन एक्ट 1988 के नाम से जाना जाता है |
  • यह कानून जम्मू और कश्मीर को छोड़कर भारत के सभी राज्यों के लिए पारित हुआ | सेक्शन 3, 5 और 8 का प्रावधान एक साथ सभी जगहों पर 19 मई 2018 से लागू किया गया |
  • इस कानून के अनुसार बेनामी ट्रांजैक्शन से मतलब ऐसे ट्रांजैक्शन से है | जिसमें एक व्यक्ति द्वारा किसी दूसरे व्यक्ति के नाम से कोई चल अथवा चल प्रॉपर्टी खरीदी जाती है | लेकिन लाभ पहले व्यक्ति को ही मिलता है | ऐसी संपत्ति को Benami Property कहा जाएगा |
  • इस अधिनियम के अंतर्गत सभी निर्धारित तत्व होंगे |
  • Benami Property के अंतर्गत सभी तरह के गतिशील , स्थापित , वास्तविक , अवास्तविक और किसी तरह के हक या रुचि आदि सम्मिलित हैं |

Benami Property Act 2015 | बेनामी संपत्ति अधिनियम 2015 –

बेनामी संपत्ति अधिनियम 2015 के अंतर्गत ऐसे नियमों को सम्मिलित किया गया | जिनके आधार पर कोई व्यक्ति अपनी संपत्ति को बेनामी होने से बचा सकता है |  इस अधिनियम में  कुछ ऐसे तथ्यों का वर्णन किया गया जिनके आधार पर कोई संपत्ति बेनामी संपत्ति  घोषित होने से बच सकती है | यह नियम इस प्रकार हैं –

  • किसी संयुक्त परिवार का कोई सदस्य किसी दूसरे व्यक्ति के नाम से संपत्ति रखता है | लेकिन पूरे परिवार की कमाई एक साथ दिखाई जाती है | तो ऐसे संपत्ति को Benami Property नहीं माना जाएगा |
  • यदि किसी संपत्ति को रखने वाला व्यक्ति , जिम्मेदार व्यक्ति है | तो वह भी  बेनामी संपत्ति नहीं मानी जाएगी |
  • किसी व्यक्ति द्वारा अपने बीवी और बच्चे के लिए खरीदी गई संपत्ति जिसको वह अपनी खुद की कमाई से खरीदता है | वह भी बेनामी संपत्ति नहीं मानी जाएगी |

बेनामी संपत्ति अधिनियम 2016 | Benami Property Act 2016 –

बेनामी संपत्ति अधिनियम 2016 के अंतर्गत Benami Property 1988 को संशोधित किया गया | इस अभियान में कुछ नए तत्वों को सम्मिलित किया गया –

इस नए नियम के अंतर्गत यदि कोई व्यक्ति किसी संपत्ति के लेन-देन में असली मालिक और कुछ पैसों का लालच देकर किसी अन्य आदमी के नाम पर संपत्ति रखता है | तो वह Benami Sampati के अंतर्गत आएगी |

बेनामी संपत्ति जांच आयोग –

बेनामी संपत्ति अधिनियम के अंतर्गत चार आयोग का गठन किया गया है | जो Benami Property की जांच कर सकते हैं | और दोषी पाए जाने वाले नागरिकों के खिलाफ कार्यवाही कर सकते हैं –

  1. इनिशिएटिंग ऑफिसर या पहल अधिकारी
  2. अप्प्रूविंग अथॉरिटी यानि प्राधिकरण की मंजूरी
  3. एड्मिनिसट्रेटर अथॉरिटी या प्रशासन प्राधिकरण
  4. एडजुडीकेटिंग अथॉरिटी

ऊपर बताए गए चारों आयोगों का अलग-अलग काम पटा हुआ है | पहले इनीशिएटिंग ऑफिसर किसी जगह पर Benami Property होने की आशंका पर तहकीकात करते हैं |  और फिर बेनामी संपत्ति प्रमाणित हो जाने पर सारी रिपोर्ट्स अप्प्रूविंग अथॉरिटी के हाथ सौंप देते हैं | इसके बाद आगे की कार्रवाई एड्मिनिसट्रेटर अथॉरिटी या प्रशासन प्राधिकरणऔर एडजुडीकेटिंग अथॉरिटी करते हैं | इस तरह बेनामी संपत्ति की जांच की जाती है | और सजा दी जाती है |

तो दोस्तों यह थी Benami Sampati के बारे में पूरी जानकारी | आशा है आपको बेनामी संपत्ति अधिनियम के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त हो गई | यदि आपको यह जानकारी अच्छी लगे | तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करना ना भूले | साथ ही यदि आपका किसी भी प्रकार का कोई सवाल हो , तो नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करें | हम जल्द ही आपके सवालों का जवाब देंगे || धन्यवाद ||

प्रवेश कुमारी

मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।

Comments (0)

  1. किसी व्यक्ति द्वारा किसी दूसरे (भाई) की जमीन पर जाने के लिए पुलिया निर्माण और जमीन पर विकास कार्य करते हुए रिटर्निग वाल ओर सी सी रोड का निर्माण कर करीब 1 करोड़ रुपये खर्च कर दिए गए जिसका अपनी लेखा पुस्तको में नही दर्शाया गया और नही अपनी आयकर विवरणी में दर्शाया गया उक्त खर्च बेनामी होगा या ब्लेक मनी माना जायेगा

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