बच्चों को कैसे पढ़ायें? बच्चो को पढ़ाने के 31 तरीके | Baccho ko kaise padhaye?

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बच्चे पढ़ाना और फिर उन्हें बड़ा करना कोई सरल काम नही होता हैं। जब हम स्वयं माता पिता बन जाते हैं तब हमें सही मायनो (Baccho ko padhane ka tarika) में अपने माता पिता का महत्व व मूल्य समझ आते हैं। ऐसे में यदि आपके बच्चे भी छोटे हैं और आप उन्हें पढ़ाने का तरीका खोज रहे हैं या फिर आपके मन में यह चिंता सता रही हैं कि (Baccho ko padhane ke tips) अपने बच्चों को कैसे पढ़ाये तो आज हम उसका समाधान कर देंगे।

दरअसल बच्चे चाहे कैसे भी हो या फिर आप चाहे पढ़े हुए हो या नही लेकिन हर माता पिता का यह उत्तरदायित्व होता है कि वे अपने बच्चे को (Baccho ko padhana sikhana) सबसे बेहतर और उत्तम शिक्षा दे ताकि उनके बच्चे बड़े होकर बेहतर मनुष्य बन सके और अपना नाम कमा सके। इसलिए यदि आप बच्चों को पढ़ाने का तरीका ढूंढ रहे हैं तो आज आप बिल्कुल सही जगह पर आये हैं। आइए जाने बच्चों को पढ़ाने के तरीकों के बारे में विस्तार से।

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बच्चों को कैसे पढ़ायें (Baccho ko kaise padhaye)

बच्चों को छोटी उम्र में पढ़ाना बहुत मुश्किल भरा काम हो सकता हैं। जब बच्चे खाना खाने में इतनी आनाकानी करते हैं तो जरा सोचिये वे पढ़ने में कितना तंग (Baccho ko padhane ke tarike) करेंगे। साथ ही बच्चा स्कूल में तो केवल 4 से 5 घंटे ही जाता हैं। ऐसे में उसे घर पर पढ़ाना एक चुनौती भरा काम हो सकता है जो एक माता पिता को ही देखना होता है। तो आइए जाने बच्चों को पढ़ाने के तरीके के बारे में।

बच्चों को कैसे पढ़ायें? बच्चो को पढ़ाने के 31 तरीके | Baccho ko kaise padhaye

बच्चो को पढ़ाने के 31 तरीके (Baccho ko padhane ka aasan tarika)

दरअसल बच्चों को पढ़ाने का एक या दो तरीका नही होता हैं बल्कि इसके लिए आपको चरण दर चरण कई चीजों का पालन करना पड़ता हैं। कहने का अर्थ (Baccho ko kaise padhaye jata hai) यह हुआ कि इसके लिए आपको कई चीज़े एक साथ करनी पड़ती हैं और यह सब चीज़े मिलकर बच्चों को पढ़ाने के सबसे अच्छे तरीके में सम्मिलित हो जाती हैं। आइए जाने बच्चों को कैसे पढ़ाये या बच्चों को पढ़ाने के सबसे बढ़िया तरीकों के बारे में।

#1. बच्चे को समझे

आपका यह जानना बहुत ही आवश्यक हैं कि हर बच्चे का स्वभाव अलग अलग होता हैं। ऐसे में यह आवश्यक नही कि जैसा बच्चा आपका हैं वैसा ही सभी का हो या जैसा बच्चा दूसरे का हैं वह आपका भी हो। इसलिए आपको सबसे पहले अपने बच्चे के स्वभाव को समझने की आवश्यकता हैं। यदि आप अपने बच्चें के मन को अच्छे से समझेंगे तो अवश्य ही उसे पढ़ा पाने में भी सक्षम होंगे। इसलिए आपका पहला काम हैं अपने बच्चे को समझना।

#2. अपने बच्चें के मित्र भी बने

एक माता पिता ही अपने बच्चे के अच्छे शिक्षक होते है। ऐसे में यदि वे कठोर नही होंगे तो उन्हें जीवन की शिक्षा कौन देगा। किंतु हर समय कठोर बने रहने से बच्चा आपसे कट जाएगा। वह आपके समक्ष अपनी परेशानी साँझा करने से भी घबराएगा। इसलिए यदि आप चाहते हैं कि आपका बच्चा आपसे अपनी बात कहे और आपसे अच्छे से पढ़ें तो पहले आपको उसका मित्र बनना होगा। यदि बच्चा आपके साथ सहज महसूस करेगा तो अवश्य ही सरलता के साथ आपसे पढ़ भी लेगा।

#3. बच्चे को डराए नही

अब यदि आप अपने बच्चे को बात बात पर दरकार रखेंगे या उसे परिणाम भुगतने की धमकी देंगे तो वह कैसे ही पढ़ पाएगा। ऐसे में वह पढ़ेगा भी तो केवल आपके डर से, अपने मन से नही। इसलिए बच्चे को पढ़ाने के लुए उसे डांटे या धमकाए नही, क्योंकि ऐसा करने से वह पढ़ने की बजाए डरने लगेगा या फिर जिद्दी बन जाएगा। बच्चों को पढ़ाने का सबसे सही तरीका हैं उनके साथ हमेशा प्यार से पेश आना।

#4. बच्चों के विषय को समझे

अब एक बात आप ही कहिये कि जिस विषय में आप अपने बच्चे को पढ़ाने जा रहे हैं और आपको उसी में ही ज्ञान नही हैं या फिर आप उसे सही से समझा ही नही पाएंगे तो फिर वह आपसे कैसे पढ़ पाएगा। इसलिए आप भी अपने बच्चों के साथ खुद पढ़ें ताकि आपको भी उसका सही से ज्ञान हो सके। यदि आप अपने बच्चों की पढ़ाई के विषयों के बारे में अच्छे से समझ गए तो आप उन्हें अन्य समय में भी पढ़ा सकते हैं।

#5. पढ़ाई का महत्व बताये

आजकल बच्चे बहुत होशियार हो गए हैं और वे बातों को जल्दी से समझ भी लेते हैं। इसलिए आप समय समय पर उन्हें पढ़ाई का महत्व भी बताये। इसके लिए आप कई उदाहरन भी दे सकते हैं या उनके समक्ष खुद का भी उदाहरण रख सकते हैं। उदाहरण की सहायता से वे पढ़ाई के महत्व को अच्छे से समझेंगे। बच्चों को पढ़ने के लिए प्रेरित करने के लिए उन्हें पढ़ाई का महत्व बताया जाना और समझाना अति आवश्यक होता है।

#6. उनके अध्यापक से बात करें

आपका बच्चा स्कूल में कैसे पढ़ता है, कैसा व्यवहार करता है, पढ़ाई में उसकी रुचि कैसी है, किस विषय में वह ज्यादा रुचि लेता है और किसमे कम, स्कूल में उसके कितने अंक आते है, इत्यादि विषयों के बारे में उसके स्कूल के अध्यापक से अवश्य बातचीत करें। इससे आपको अपने बच्चे को समझने में बहुत सहायता मिलेगी और आप उसे पढ़ाने में भी सक्षम हो पाएंगे।

#7. एक साथ ना पढ़ाये

कई माता पिता यह गलती करते हैं कि वे बच्चों को पढ़ाने के लिए जुट ही जाते हैं और सोचते हैं कि उन्हें एक बारी में ही सब पाठ याद करवा दिया जाए। दरअसल (Bacho ko kaise padhaye) हम तो बड़े हैं और हमें लगता है कि अपना समय बचाने के लिए उसे एक साथ पढ़ा दिया जाए और बच्चा भी उसे पढ़ लेगा। किंतु बच्चे एक बारी में पढ़ते पढ़ते बोर हो जाते हैं और फिर वे एक समय के बाद आनाकानी करते हैं। इसलिए आप टुकड़ो में भी उन्हें पढ़ाने का नियम बना ले। इससे वह आसानी से पढ़ लेगा।

#8. बच्चों की क्षमता को पहचाने

बच्चों को पढ़ाने के लिए आपको अपने बच्चे की क्षमता को भी पहचानना होगा। यह आवश्यक नही कि सभी बच्चों का चीजों को समझने और पढ़ने में दिमाग एक जैसा ही हो। किसी का दिमाग तेज गति से चलता हैं तो किसी का सामान्य तो किसी का धीरे। ऐसे में अओको अपने बच्चे की क्षमत को भी समझना होगा कि वह किस गति के साथ पढ़ा कर सकता है।

#9. स्वयं से ना करें तुलना

यह बात बहुत से माता पिता के साथ होती हैं और बहुत से माता पिता इसे समझने में देर कर देते हैं या फिर देर से समझ पाते हैं। दरअसल होता क्या हैं कि बच्चों के पढ़ने की सामग्री या पाठ तो उनकी कक्षा व उम्र के अनुसार होते हैं। और हम बड़े हो चुके होते हैं। ऐसे में जब हम उन्हें पढ़ते हैं तो हमारे लिए तो उसे पढ़ना, समझना या याद करना एक दम से सरल होता हैं।

ऐसे में हम बच्चों को भी अपने जैसा समझ लेते हैं कि उसे इतनी सरल चीज़ क्यों याद नही हो रही हैं या फिर उसे क्या समस्या हैं। जबकि ऐसी स्थिति में हमें अपने बच्चे की उम्र का ध्यान रखना चाहिए। हमें यह समझना होगा कि वह उन चीजों के बारे में पहली बार पढ़ रहा हैं और हमने भी अपनी उम्र में उसे इसी तरह पढ़ा था।

#10. उदाहरण देकर समझाए

अक्सर ऐसा होता हैं कि बच्चों को किताबी ज्ञान देने या उन्हें अच्छे से समझाने के लिए उन्हें उदाहरण देना सबसे बढ़िया उपाय है। ऐसा इसलिए क्योंकि बच्चे अपने आसपास की चीजों या जिन्हें वे देखते हैं, उसे ज्यादा समय तक याद रख पाते हैं या फिर उससे स्वयं को लिंक कर पाते हैं। ऐसे में आप उन्हें पढ़ाने के लिए उसकी पढ़ाई की चीजों को उदाहरण देकर समझाएंगे तो यह उसके लिए सर्वोत्तम उपाय रहेगा।

#11. ब्रेक लेते रहे

बच्चों को पढ़ते समय बीच बीच में कुछ देर के लिए ब्रेक ले ताकि उसे भी कुछ आराम मिल सके। इसके लिए आप उसे बीच बीच में कुछ काम बोल दे या खुद कुछ काम कर ले। इससे उसे और आपको दोनों को ही 2 से 5 मिनट का एक छोटा ब्रेक मिल जाएगा और दोनों का दिमाग ही रिफ्रेश हो जाएगा। इसके बाद आप फिर से पढ़ाना शुरू करेंगे तो अच्छे से पढ़ा पाएंगे और वह भी (Baccho ko padhai kaise yaad kare) अच्छे से पढ़ पाएगा।

#12. माता पिता दोनों का सहयोग

ज्यादातर यह देखने में आता हैं कि बच्चे को पढ़ाने का काम ज्यादातर माओ के ही जिम्मे में आता हैं जो कि गलत है। यदि पिता भी इसमें अपना थोड़ा बहुत सहयोग दे देंगे तो यह कोई बुरी बात नही होती है। साथ ही यदि बच्चों को पढ़ाने का उत्तरदायित्व दोनों के कंधे पर होगा तो एक का बोझ भी हल्का हो जाता है। बच्चा भी दोनों के कारण अच्छे से पढ़ पाता है और परीक्षा में अच्छे नंबर लाता है।

#13. दूसरे बच्चों से तुलना ना करें

बहुत से माता पिता इस चीज़ में भी मात खा जाते हैं और मौका लगते ही अपने बच्चे की दूसरे बच्चों से तुलना करने लग जाते हैं। वे अपने बच्चे के सामने दूसरों बच्चों की तारीफ कर एक तरह से उनके सम्मान को ही क्षति पहुंचाते हैं। इससे ना तो बच्चा अच्छे से पढ़ पाएगा बल्कि उसके मन में अपने लिए और आपके लिए भी ईर्ष्या व दुःख का भाव आएगा। इसलिए उसकी तुलना केवल उसी से करें, ना कि ओरो से।

#14. बच्चे के प्रश्नों को अनदेखा ना करें

बच्चों के मन में बहुत से प्रश्न होते हैं क्योंकि वे सभी चीजों का पहली बार अनुभव कर रहे होते हैं और उनके बारे में जान रहे होते हैं। एक तरह से उनके लिए तो हर चीज़ नयी ही होती हैं। ऐसे में वे उन चीजों के बारे में बहुत ही सामान्य प्रश्न पूछ सकते हैं जो हमारे लिए शायद मुर्खता भरे हो लेकिन आप अपने बच्चे के प्रश्नो को अनदेखा ना करें। दरअसल उनके प्रश्नों का सही उत्तर देकर भी आप एक तरह से उनकी पढ़ाई में ही सहायता कर रहे हैं।

#15. पढ़ने का दबाव ना बनाए

अक्सर यह भी देखें को मिलता हैं कि हम अपने बच्चे पर पढ़ाई का दबाव बनाते हैं और हर समय उसे इसके लिए लताड़ते रहते हैं। हर माता पिता चाहता हैं कि उसका बच्चा सर्वश्रेष्ठ बने लेकिन इस बीच हम अपने बच्चे को ही भूल जाते हैं। बच्चे पर पढ़ाई का दबाव बनाने से ना केवल वह उसमे अच्छा कर पायगा बल्कि धीरे धीरे आपसे ही बैर भाव रखने लगेगा। इसलिए जितना आवश्यक हो उतना ही उसे पढ़ाए और अनावश्यक उस पर पढ़ाई का दबाव बनाने से बचे।

#16. पढ़ाई से संबंधित चीज़े करवाए

अब बच्चों की पढ़ाई में ऐसी बहुत सी चीज़े आती हैं जिनका उपयोग आप अपने दैनिक जीवन में या बच्चों की दिनचर्या में सम्मिलित कर इसका लाभ उठा सकते हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि आप अपने बच्चे को पढ़ाई से संबंधित टास्क दे। जैसे कि उसका कोई पाठ बागबानी समझने का हैं तो उससे बागबानी ही करवा ली जाए। या फिर उसे हिंदी में पर्यायवाची सिखाने हैं तो उसे यह कहे कि आगे से वह पानी को जल कहेगा या फिर नीर इत्यादि।

#17. अन्य समय का भी करें इस्तेमाल

अब हम तो इतने होशियार होते हैं कि बच्चों के पाठ को एक बार पढ़कर ही याद कर लेते हैं तो क्यों ना इस स्किल का लाभ उठाया जाए। कहने का अर्थ यह हुआ कि आप केवल बच्चों को पढ़ाने के समय ही ना पढ़ाये या फिर हमेशा कॉपी बुक लेकर ही उसे ना पढ़ाये। कई अन्य तरीके हैं जिनकी सहायता से आप अपने बच्चे को पढ़ा सकते हैं।

जैसे कि आप उसे खाना बनाते समय पढ़ाये या कुछ (Baccho ko ghar par kaise padhe) अन्य काम करते हुए या उससे बात करते हुए ही बातो के जरिये पढ़ाये। इससे आपका समय भी बच जाएगा और वह रुचि लेकर पढ़ भी लेगा।

#18. गलतियों को सही से सुधारे

अब बच्चे हैं तो गलतियाँ तो करेंगे ही और वो भी ज्यादा। कहने का अर्थ यह हुआ कि बच्चा एक बार में तो समझेगा नही और उसमे कई तरह की गलतियाँ करेगा। ऐसे में आप उसकी गलतियों पर नज़र रखें और उसे समय समय पर सही करवाते रहे। उन्हें बताये कि उन्होंने यह गलती की हैं और इसका सही उत्तर ये हैं या फिर उसे सही से ऐसे किया जाएगा या लिखा जाएगा। जब तक वह अपनी गलती ना सुधार ले तब तक उससे प्रैक्टिस करवाते रहे।

#19. चित्र वाली किताब की सहायता ले

बच्चों का मन बहुत ही चंचल होता है। ऐसे में यदि आप उन्हें लिखित तरीके से ही पढ़ते रहेंगे तो फिर वह कैसे पढ़ पाएगा। इसलिए अधिकतर बच्चों वाली किताबे चित्रों के साथ आती हैं जिन्हें पढ़ने में बच्चा रुचि भी लेता है। इसलिए आप भी उन्हें चित्रों के माध्यम से ही समझाने का प्रयास करें। यदि बच्चे को चित्रों के माध्यम से कोई चीज़ समझाए जाए तो वह अवश्य ही उसको लंबे समय तक याद रखता है।

#20. तकनीक का इस्तेमाल करें

आज के समय में माता पिता ओपने बच्चे को मोबाइल गेम खेलने या अनावश्यक चीज़े देखने के लिए देते हैं जो कि बहुत ही गलत हैं। ऐसे में यदि आप अपने बच्चे को मोबाइल दे भी तो उसका सही इस्तेमाल करें। किया रहेगा कि आप अपने बच्चे को मोबाइल पर कोई नयी चीज़ सीखने की विडियो दिखाए या फिर उसे कोई ऐसा खेल खेलने को दे जिससे उसकी दिमागी क्षमता बढ़ें और वह चीजों को बेहतर तरीके से समझ पाए। इसलिए तकनीक का बेहतर इस्तेमाल करेंगे तो परिणाम आपके पक्ष में रहेंगे।

#21. बच्चों की पसंद का ध्यान रखें

बच्चों को पढ़ाने के लिए यदि आप उसकी पसंद का भी ध्यान रखेंगे तो यह और भी ज्यादा सही रहेगा। दरअसल आपके बच्चे को किसी समय खेलना होता है या किसी समय उसका पसंदीदा कार्टून आ रहा होता है और आप उस समय उसको पढ़ने को कहेंगे तो वह बेमन से पढ़ेगा। इसलिए हमेशा अपने बच्चे की पसंद का ध्यान रखे और उसके अनुसार एक सही समय चुनकर उसे पढ़ाये।

#22. खिलौने भी हो सकते हैं मददगार

बच्चों को खिलौने सबसे ज्यादा पसंद होते हैं। आजकल बाजार में कितने तरह के ही खिलौने आते हैं। ऐसे में आप अपने बच्चे के लिए कुछ इस तरह के खिलौने लेकर आये जो सीखने में उनकी सहायता करे। दरअसल आजकल कई तरह के खिलौने ऑनलाइन व ऑफलाइन उपलब्ध हैं। उनकी सहायता से भी आप अपने बच्चों को पढ़ा सकते हैं।

#23. बच्चों को प्रोत्साहित करते रहे

यदि आप किसी चीज़ को करना चाहते हैं तो आपको उसमे प्रोत्साहन की भी आवश्यकता पड़ती हैं। यदि आपका उत्साह कम होगा तो आप उसे धीरे धीरे कर पाएंगे लेकिन वही (Baccho ko kaise padhaye jata hai) उत्साह ज्यादा हुआ तो आप उन्हीं चीजों को ना केवल जल्दी बल्कि बेहतर तरीके से भी कर पाने में सक्षम होंगे। इसलिए आप समय समय पर अपने बच्चे को पढ़ाई को लेकर प्रोत्साहित भी करते रहे ताकि उनके मनोबल में कमी ना आने पाए।

#24. खेल खेल में सिखाये

बच्चों को जो चीज़ सबसे ज्यादा पसंद होती है वह है खेलना। बच्चे दिन रात कभी भी खेल सकते है और इसके लिए वे हमेशा ही उत्साहित भी रहते हैं। ऐसे में यदि आप छाते हैं कि आपका बच्चा खेलने के साथ साथ उतने ही उत्साह से पढ़े भी तो क्यों ना आप इसमें उसके खेल का ही सहारा ले। ऐसे कई खेल हैं जिन्हें आप अपने बच्चे को खिलाकर उसे पढ़ाई करने पर भी लगा देंगे। इस तरह से एक पंथ दो काज हो जाएंगे।

#25. सफल व्यक्तियों के उदाहरण

तुलना करना अलग बात हैं जबकि किसी अच्छे व्यक्ति का उदाहरण प्रस्तुत करना अलग बात है। इसलिए आप उन्हें ऐसे लोगों या सफल व्यक्तियों के बारे में बताये जिन्होंने अच्छी शिक्षा ग्रहण कर भारत सहित पूरे विश्व में अपना नाम बनाया। इस तारः से वे उन महान व्यक्तियों से प्रेरणा ले पाएंगे और पढ़ने में लगन दिखाएंगे। इस बात का ध्यान रखे कि आप केवल सफल ही नही बल्कि अच्छे लोगों का भी उदाहरण दे ताकि वे उनसे सही शिक्षा प्राप्त कर सके।

#26. नियम बनाए

बच्चों को पढ़ाने के लिए थोड़ा बहुत कठोर होना भी आवश्यक हैं अन्यथा वे आपकी बात मानेंगे ही नही। इसके लिए घर के कुछ नियम बना ले और उनका पालन स्वयं भी करे और दूसरों को भी उसका पालन करने को कहे। जैसे कि किस समय सोना है और किस समय उठना, किस समय भोजन करना है और किस समय पढ़ना है इत्यादि। इस तरह से बच्चा अनुशासन में भी रहना सीख जाएगा।

#27. टॉप पर आने का दबाव भी ना बनाए

अब आप ही बताये कि क्या क्लास के सभी बच्चे एक साथ प्रथम स्थान पर आ सकते हैं? आप कहेंगे नही क्योंकि यह एक असंभव बात है। अब टॉप पर तो एक ही बच्चा आएगा। ऐसे में यह आवश्यक नही कि केवल वही बच्चा ही सफल हो पाएगा और बाकि नही। कहने का अर्थ यह हुआ कि केवल किताबी ज्ञान ही आवश्यक नही होता बल्कि उन्हें अच्छे से समझ कर उन्हें अपने जीवन में उतारना भी उतना ही महत्वपूर्ण होता है।

#28. शिक्षाप्रद कहानी सुनाये या दिखाए

बच्चों पर आसपास हो रही गतिविधियों का बहुत प्रभाव पड़ता हैं। यदि वह हमेशा मस्ती में रहने वाली या गलत चीज़े देखेगा तो वह स्वयं भी वैसा ही बनेगा। इसलिए यदि आप चाहते हैं कि आपका बच्चा अच्छे से पढ़ें और सभी बातों को ध्यान से सुने तो इसके लिए आपको उसके अंदर संस्कार भी निरोपित करने होंगे। इसके लिए आप शिक्षाप्रद कहानियों व विडियो का आश्रय लेंगे तो बेहतर रहेगा। आप उन्हें धर्म से जुड़ी अनेक कहानियां सुना सकते हैं।

#29. टुकड़ो में बांटकर सिखाये

कुछ चीज़े सीखनी बच्चों के लिए मुश्किल भरी हो सकती हैं। ऐसे में आप उन्हें वह चीज़ एकसाथ या एक बारी में समझाने की बजाए उसे अपने अनुसार टुकड़ो में तोड़े और फिर उसे समझाए (Bacho ko kaise padhaye)। कहने का अर्थ यह हुआ कि एक बड़ी व मुश्किल चीज़ को छोटे व सरल टुकड़ो में तोड़कर समझाया जाये तो यह बच्चा सही से समझ भी जाएगा और उसे सब कुछ याद भी रहेगा।

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#30. उपहार दे

यदि बच्चा आपकी बात मान लेता हैं या किसी मुश्किल चीज़ को आसानी से याद कर लेता है या फिर कोई काम जल्दी कर लेता है तो उसे उपहार स्वरुप कुछ दे। यह आवश्यक नही कि वह कोई चीज़ ही हो बल्कि आप उसे उसकी मनपसंद की चीज़ करने भी दे सकते हैं। या फिर एक दिन के लिए उसे पढ़ाई से छुट्टी भी दे सकते हैं। इससे आपका बच्चा भी खुश हो जाएगा और आपका भी काम बन जाएगा।

बच्चों को कैसे पढ़ाये – Related FAQs

प्रश्न: बच्चों को पढ़ाने का सही तरीका क्या है?

उत्तर: बच्चों को पढ़ाने का सही तरीका है उनके साथ प्रेम से व्यवहार करना और उन्हें अच्छे से समझ कर ही उन्हें पढ़ाना।

प्रश्न: फर्स्ट क्लास के बच्चों को कैसे पढ़ाएं?

उत्तर: फर्स्ट क्लास के बच्चों को पढ़ाने के लिए सबसे पहले तो आप उनके विषयों को समझे और फिर उसके अनुसार एक टाईमटेबल बनाकर उन्हें पढ़ाये।

प्रश्न: बच्चों का पढ़ाई में मन नहीं लगता क्या करें?

उत्तर: यदि आपके बच्चे के मन पढ़ाई में नही लगता हैं तो उन्हें खेल खेल में पढ़ाना शुरू करें इससे बच्चे का मन अपने आप पढ़ाई में भी लगने लग जाएगा।

प्रश्न: 3 से 4 साल के बच्चों को कैसे पढ़ाएं?

उत्तर: 3 से 4 साल के बच्चों को पढ़ाने के लिए सबसे पहले उनके मित्र बने, उन्हें समझे, उन पर दबाव ना बनाए और खेल खेल में उन्हें पढाएं।

तो यह थे कुछ तरीके जिनकी सहायता से आप अपने बच्चे को ना केवल सही से पढ़ाना शुरू कर सकते हैं बल्कि उनके दिमाग को भी पहले से ज्यादा तेज व सक्षम बना सकते हैं। इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि बच्चे हमेशा प्रेम की भाषा ही समझते हैं, ना कि डांट की। इसलिए आप अपने बच्चे के साथ (Bacche ko padhane ke tarike) हमेशा प्रेम से ही व्यवहार करें और आवश्यकता होने पर ही उनके साथ कठोर व्यवहार करें।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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